Anhoni
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नदियों के पानी को पीकर, पत्थर उगल रही है धरती क्या हो गई है बंजर धरती। इंसानों ने घोपे धरती में प्रदूषण के खंजर क्या अब इंसानों में घोपेगी खंजर धरती।। सजाए थे हम इंसानों ने जीने के सपने सुना है उम्र के लिहाज से है पल भर धरती। न जाने क्या क्या हश्र किया इस धरती मां का हमने अब हमारे विनाश के लिए है तत्पर धरती।। बड़े बड़े शिलाओ जैसे थे हमारे सपने जीवन के क्या उन सपनों को करेगी कंकर धरती। ©Rohit Pepawat

#Anhoni #SAD  नदियों के पानी को पीकर, पत्थर उगल रही है धरती
क्या हो गई है बंजर धरती।

इंसानों ने घोपे धरती में प्रदूषण के खंजर
क्या अब इंसानों में घोपेगी खंजर धरती।।

सजाए थे हम इंसानों ने जीने के सपने 
सुना है उम्र के लिहाज से है पल भर धरती।

न जाने क्या क्या हश्र किया इस धरती मां का हमने
अब हमारे विनाश के लिए है तत्पर धरती।।

बड़े बड़े शिलाओ जैसे थे हमारे सपने जीवन के
क्या उन सपनों को करेगी कंकर धरती।

©Rohit Pepawat

#Anhoni

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#कविता #Anhoni  भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ? 
इस कलयुग में अपनी जिम्मेदारी निभाए कौन ?
हर तरफ दोष देता इंसान दूसरों को
और खुद को समझे हरिश्चंदर की फौज,
ऐसे सत्यवादी का मुँह बंद कराये कौन ? 
चलो हम भी कह देते है अब यहाँ 
भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ? 

भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ? 
इस काल्युन्ग में, रिश्वत देकर हम काम कराते,
और अधिकारीयों पर हम दोष लगाते,
अरे मुरख बन्दे रिश्वत देना बंदकर
इतनी सी बात तुझे समझाए कौन ? 
चल अब मुझसे फिर से पूछ 
भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ? 

भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ? 
इस कलयुग में भाषण पर ही मिलता है राशन
भटक रहे है डिग्री वाले, 
लगाकर अपने मुँह पर ताले ,
और चोरों ने हक़ मार मारकर, 
कितने ऊँचे मका कर डाले। 
आवाज़ अभी भी तुम्हारी दबी रहेगी, 
आदत है तुमको, अब तुम्हारे गले में घुसकर , 
मंत्र उच्चारण कराये कौन ?
अब बोलो , भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ?

तनहा शायर हूँ-यश 










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©Tanha Shayar hu Yash

#Anhoni

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छूटती जिंदगी खत्म होती सांसे कब तक तराशेगी दुनिया को, ये पथरीली डगर है इसमें जिंदगी की रफ्तार भी धीमी हो जाती है। एक दिन मिट जाएगी हस्ती सबकी लेकिन, ये प्यास है तृष्णा की जो बढ़ती ही जाती है। (चाहत) ©Chahat Kushwah

#विचार  छूटती जिंदगी खत्म होती सांसे कब तक तराशेगी दुनिया को,
ये पथरीली डगर है इसमें जिंदगी की रफ्तार भी धीमी हो जाती है।
एक दिन मिट जाएगी हस्ती सबकी लेकिन,
ये प्यास है तृष्णा की जो बढ़ती ही जाती है।
(चाहत)

©Chahat Kushwah

छूटती जिंदगी खत्म होती सांसे कब तक तराशेगी दुनिया को, ये पथरीली डगर है इसमें जिंदगी की रफ्तार भी धीमी हो जाती है। एक दिन मिट जाएगी हस्ती सबकी लेकिन, ये प्यास है तृष्णा की जो बढ़ती ही जाती है। (चाहत) ©Chahat Kushwah

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#शायरी #Anhoni #SAD  मैं बक्त तोll 
  नहींll तू बक्त का इन्तजार तो  कर?


मैं आज ज़िन्दा नहीं तो क्या हुआll 
   कल तुझे भी तो यही 
आना तू इन्तजारll तो कर

©गुरु देव[Alone Shayar]

#Anhoni #Shayari #SAD R K Mishra " सूर्य " @Anupriya @Satyajeet Roy @Ambika Jha @Kamla Kritika @M@nsi Bisht @AD Grk @Siraj Quraishi @pooja sharma @Uday Kanwar mohammed. Samshad @sachin hathwal @Rama Goswami @Arshad Siddiqui @Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). Diksha Singh @Gulshan_Dwivedi Ehsaas"(ˈvamˌpī(ə)r)"Radio @Urmeela Raikwar (parihar) ___सनातनी___योद्धा ........(विद्रोही जी)........!!! NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے @official manoj Nautiyal @Yamini Thakur @Ad_indian_boy: @Silent Love Hitesh SUFIYAN"SID

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#मुफ़्लिसी  ख़ुश-नसीबी भूल कर भी उस के घर आती नहीं
घर से मुफ़्लिस के कभी अच्छी ख़बर आती नहीं 

आसमाँ से बाँट कर आती ज़मीं पे क्या कि जो 
रौशनी ये एक जैसी सब के दर आती नहीं 

क्या कभी तुम ने सुनी मुफ़्लिस के मरने की ख़बर
मौत होती है गरीबों की मगर ख़बर हम तक आती नहीं

ले रही है जाँ ग़रीबों की ग़रीबी दिन-ब-दिन
मेरे यार फिर भी हमें क़ातिल नज़र आती नहीं।।



😐🌸🥀🌸🥀😐

©एक अजनबी

#मुफ़्लिसी :- गरीबी, दरिद्रता @VIPUL KUMAR बादल सिंह 'कलमगार' वंदना .... भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन R K Mishra " सूर्य " @Jalaal @Sethi Ji @Ashutosh Mishra @Aditya kumar prasad @Lalit Saxena @Ayesha Aarya Singh SangeetaThakur 'sangeet'(m aur meri shayari) @Nikita Garg NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے @Noor Hindustanai @Mahadev ki deewani @Heena Hasan Sweety mehta quotesofpainofficial @Jack Sparrow @shashi kala mahto @nita kumari @Sunita Pathania @poonam atrey @Mili Saha @Shabd_siya_k @Anubhav अदनासा- @shayri Sana

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#Anhoni  तुझे चाहा तो ज़रूर 
पर कभी हक ना जताया,
कई लगे इल्ज़ाम हम पर
पर जुबां पे कभी तेरा नाम ना आया,
लुट गए तेरी खुशी खातिर
पर तुझे कभी हाल ना बताया,
अक्सर ले आता तेरी पसंद का गुलाब
कभी ज़ख्मी अपना हाथ ना दिखाया,
आया था एक बार शहर तेरे
पूछा किसी ने तो खुदको अनजान ही बताया,
लिख चले हैं दुआ तेरी खैरियत की
ख़ुद को तो हमने बदनाम ही पाया,
वक्त मिले तो मेरी कब्र पे ज़रूर आना
जीते जी तो कभी तू मिलने ना आया..

©Balwinder Pal

#Anhoni

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