جلال

جلال

मुझे तुम किसी भी लकब से पुकारो मगर जब पुकारो अदब से पुकारो मुहब्बत से दिल भर गया है ये कब का मुझे नफरतों के सबब से पुकारो

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Unsplash नसीहतें हैं तेरी इतनी पुर-यक़ीन नहीं हमें तमाशा बनाओ तमाश-बीन नहीं نصیحتیں ہیں تری اِتنی پر یقین نہیں ہمیں تماشہ بناؤ تماش بین نہیں बग़ैर बुग़्ज़-ओ-हसद के भी रहता हो इन्साँ हमारे हिस्से में आई वो सर-ज़मीन नहीं بغیر بغض و حسد کے بھی رہتا ہو انساں ہمارے حصے میں آئی وہ سر زمین نہیں सुपुर्द-ए-ख़ाक ही कर दें तो हक़ अदा इनका बहुत हैं दोस्त मगर एक भी अमीन नहीं سپردِ خاک ہی کر دیں تو حق ادا انکا بہت ہیں دوست مگر ایک بھی امین نہیں बस एक बार कहा था नहीं पसंद मुझे फिर उसके बा'द चढ़ी अपनी आस्तीन नहीं بس ایک بار کہا تھا نہیں پسند مجھے پھر اسکے بعد چڑھی اپنی آستین نہیں हमारी आँखें भी धुॅंदला गई हैं वक़्त के साथ सुना है वो भी है पहले सा अब हसीन नहीं ہماری آنکھیں بھی دھندلا گئی ہیں وقت کے ساتھ سنا ہے وہ بھی ہے پہلے سا اب حسین نہیں दिल उसके क़दमों में रखता अना भी बच जाती दर उसके रखनी थी हम को कभी जबीन नहीं دل اسکے قدموں میں رکھتا انا بھی بچ جاتی در اسکے رکھنی تھی ہمکو کبھی جبین نہیں दुरून-ए-ज़ात से अक्सर सदा ये आती है जलाल आप सा कोई भी बदतरीन नहीं درونِ ذات سے اکثر صدا یہ آتی ہے جلال آپ سا کوئی بھی بدترین نہیں ©جلال

#शायरी #camping  Unsplash नसीहतें हैं तेरी इतनी पुर-यक़ीन नहीं
हमें तमाशा बनाओ तमाश-बीन नहीं 
نصیحتیں ہیں تری اِتنی پر یقین نہیں
ہمیں تماشہ بناؤ تماش بین نہیں

बग़ैर बुग़्ज़-ओ-हसद के भी रहता हो इन्साँ 
हमारे हिस्से में आई वो सर-ज़मीन नहीं
بغیر بغض و حسد کے بھی رہتا ہو انساں 
ہمارے حصے میں آئی وہ سر زمین نہیں

सुपुर्द-ए-ख़ाक ही कर दें तो हक़ अदा इनका
बहुत हैं दोस्त मगर एक भी अमीन नहीं
سپردِ خاک ہی کر دیں تو حق ادا انکا 
بہت ہیں دوست مگر ایک بھی امین نہیں

बस एक बार कहा था नहीं पसंद मुझे
फिर उसके बा'द चढ़ी अपनी आस्तीन नहीं
بس ایک بار کہا تھا نہیں پسند مجھے
پھر اسکے بعد چڑھی اپنی آستین نہیں

हमारी आँखें भी धुॅंदला गई हैं वक़्त के साथ
सुना है वो भी है पहले सा अब हसीन नहीं
ہماری آنکھیں بھی دھندلا گئی ہیں وقت کے ساتھ
سنا ہے وہ بھی ہے پہلے سا اب حسین نہیں

दिल उसके क़दमों में रखता अना भी बच जाती 
दर उसके रखनी थी हम को कभी जबीन नहीं
دل اسکے قدموں میں رکھتا انا بھی بچ جاتی 
در اسکے رکھنی تھی ہمکو کبھی جبین نہیں

दुरून-ए-ज़ात से अक्सर सदा ये आती है
जलाल आप सा कोई भी बदतरीन नहीं
درونِ ذات سے اکثر صدا یہ آتی ہے
جلال آپ سا کوئی بھی بدترین نہیں

©جلال

#camping Sarfraz Ahmad @Rakhee ki kalam se @Ruchi @Sabanoor सफ़ीर 'रे' शायरी

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White जो ख़ुशी मिल भी गई तुझको वो ख़ैरात समझ इस जहाॅं को तू फ़क़त गर्दिश-ए-आफ़ात समझ جو خوشی مل بھی گئی تجھکو وہ خیرات سمجھ اس جہاں کو تو فقط گردشِ آفات سمجھ ग़ौर से देख ये चेहरा मेरे हालात समझ जो न कह पाया कभी तुझ से मेरी बात समझ غور سے دیکھ یہ چہرہ مرے حالات سمجھ جو نہ کہ پایا کبھی تجھسے مری بات سمجھ मैं भी थक हार के उम्मीद तेरी छोड़ चुका सब्र का कोई नहीं आगे मक़ामात समझ میں بھی تھک ہار کے امید تری چھوڑ چکا صبر کا کوئی نہیں آگے مقامات سمجھ इक ग़ज़ल ताज़ा कहूॅं सोच रहा हूॅं कब से तंज़ हैं मुझ पे मगर मेरे ख़यालात समझ اک غزل تازہ کہوں سوچ رہا ہوں کب سے تنز ہیں مجھ پہ مگر میرے خیالات سمجھ ©جلال

#शायरी #ग़ज़ल #GoodMorning #Shayar #poem  White जो ख़ुशी मिल भी गई तुझको वो ख़ैरात समझ
इस जहाॅं को तू फ़क़त गर्दिश-ए-आफ़ात समझ

جو خوشی مل بھی گئی تجھکو وہ خیرات سمجھ
اس جہاں کو تو فقط گردشِ آفات سمجھ

ग़ौर से देख ये चेहरा मेरे हालात समझ
जो न कह पाया कभी तुझ से मेरी बात समझ

غور سے دیکھ یہ چہرہ مرے حالات سمجھ
جو نہ کہ پایا کبھی تجھسے مری بات سمجھ

मैं भी थक हार के उम्मीद तेरी छोड़ चुका
सब्र का कोई नहीं आगे मक़ामात समझ 

میں بھی تھک ہار کے امید تری چھوڑ چکا
صبر کا کوئی نہیں آگے مقامات سمجھ

इक ग़ज़ल ताज़ा कहूॅं सोच रहा हूॅं कब से
तंज़ हैं मुझ पे मगर मेरे ख़यालात समझ

اک غزل تازہ کہوں سوچ رہا ہوں کب سے
تنز ہیں مجھ پہ مگر میرے خیالات سمجھ

©جلال

#GoodMorning #ग़ज़ल #Shayar #poem @khushi Rajput @Rakhee ki kalam se @ruh e naaz रुचि Sharween Sayyad गौरव आनन्द श्रीवास्तव शायरी दर्द शायरी

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#Shayar #Sheher #gazal #gajal #Poet  बहरे रमल मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़
फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन
2122 1122 1122 22

हैं कहाँ मुझको वो पलकों पे बिठाने वाले
अब तो मिलते है सभी दिल ही जलाने वाले

गर ये लगता है तुम्हें हम है भुलाने वाले
तुम भी तो अब न रहे यार पुराने वाले

जान दे देंगे मुहब्बत में वो तब मानेंगे
हम नहीं लगते उन्हें वादा निभाने वाले

मिन्नतें उसकी करेगें ये उसे लगता था
हम तमाशा थे कोई और दिखाने वाले

मुंतजिर हम थे तेरे एक जमाना पहले
अब नही राह में पलकों को बिछाने वाले

सामने जिन के जुबां यार कभी तल्ख़ न की
बोल जाते हैं वही लफ्ज़ वो ताने वाले

सोग किस किस का भला तुम भी मनाओगे जलाल
वक्त के साथ चले जाते है जाने वाले

©Jalaal

#Sheher #Shayar #gazal #gajal #Poet #poem #Poetry #Dil ख़्वाहिश सिंह "ख़्वाब"... @*...Shree radhey....* विवेक ठाकुर "शाद" रक्त राजपुताना ( राणा सिंह ) एक अजनबी @Afreen Siddiqui @Sana naaz. सनातनी आरती सक्सेना @Rakhee ki kalam se @Ram Sevak Tezmi_queen @Truthful thoughts @harsha mishra @miss muskan @Miss Shalini @Miss khan @miss payal singh @Mahi @Mahi jakhar @Dikesh Kanani (Vvipdikesh) @Divyanshi Singh @Dimple girl @Dil E Nadan @Divya Dr.@Mahira Khan @Dr. Nazim Moradabadi Sharween Sayyad @Shivani Jain sin

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