Sheher
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#लव #Sheher  शहर के इस चकाचौंध में 
तुम उन गलियों को मत भूल जाना, 
जहा दो पल मुस्कुरा कर हम साथ में जिए थे।
कभी कभी उन गलियों में भी लौट आना 
जहा तुमने अपनी आज़ादी को पहचाना।
कभी भी तुम मायूस हो 
तो उन एहसासों को छू कर 
कुछ पल ही सही मुस्कुरा देना।
तुम उन गलियों में लौट आना।

©मुसाफिर

#Sheher

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#ज़िन्दगी #Sheher  वो गांव जो मुझे 
अनजाना लगता है
और 
ये शहर जो मुझे 
अपना मेहमान कहता है
ना जाने कहां की हूं मैं 
और 
कहां वापसी है मेरी????

©प्रतिमा कुमार यादव

#Sheher

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#सकर्म #Quotes  जब आप निःस्वार्थ भाव से कुछ अच्छा करते हैं, 
तो वह सकर्म घूम-फिरकर आपको
किसी ना किसी रूप में प्राप्त होता हैं।

©Rashmi singh raghuvanshi "रश्मिमते"

जब खुशियों की बारिश हो जाएगी! तब ज़िंदगी की हर कमी दूर हो जाएगी! मेहनत करने पर आज नही तो कल कभी एक ना एक दिन जरूर किस्मत संवर जाएगी! कोई रास्ता आसान नही बिना चले पार नही है आहिस्ता से चलने पर सब कठिनाइयाँ पार हो जाएगी! सब कुछ मिल जाएगा जब इमानदारी से किसी काम को तन मन से करने मे उसमें अगर लगन लग जाएगी! ©abhishek sharma

#Sheher  जब खुशियों की बारिश हो जाएगी! 
तब ज़िंदगी की हर कमी दूर हो जाएगी!

मेहनत करने पर आज नही तो कल कभी
 एक ना एक दिन जरूर किस्मत संवर जाएगी!

कोई रास्ता आसान नही बिना चले पार नही है 
आहिस्ता से चलने पर सब कठिनाइयाँ पार हो जाएगी! 

सब कुछ मिल जाएगा जब इमानदारी से किसी काम
 को तन मन से करने मे उसमें अगर लगन लग जाएगी!

©abhishek sharma

#Sheher

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#Sheher  ग़ज़ल....

सूना है तुम्हारे शहर में कांटे बहुत है
इस लिए तो दमन बचा कर चलते हैं

परेशान ना हो इस क़दर ऐ मेरे दोस्त
फिर भी हम तुझी से वफ़ा करते हैं

महसूस कर लेते हैं लोग धडकनों को
मैं हूं कि तेरी गलियों में आवाज़ दिया करते है

कर के तेरे वादे पे भरोसा ऐ मेरे दोस्त
हम तो तुझी से बात किया करते हैं 

छा जाता है अक्सर तेरी यादों का बादल
फिर भी हम बरसात के लिए तरसते हैं

©Ishrat Tauheed

#Sheher

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#शायरी #Sheher  ये जो रंग बीरंगे लिबास मैं ओढ़ता हूं,
असल में खुद को बटोरता हूं|
शौक नहीं रह गई महंगे कपड़ों की,
बस फर्जी की भीड़ में इक मुखौटा हूं ||

©Shivam kumar

#Sheher

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