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मेरी कलम से....
Shivani Jain
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White #जंजीर इन जंजीरों को तोड़कर रुख हवा का मोड़कर चल रहे हैं देखो हम एक नई प्रथा को ओढ़कर रण भूमि को त्याग कर मोमबत्ती को थाम कर स्त्री के मान का माटी में मोलकर आखिर क्यों? हम इस बात से अनजान है हर लड़की का होता मान है उनको भी उड़ना ऊंची उड़ान है इसमें न भेद न विज्ञान है आखिर क्यों हम इस बात से अनजान है क्या लड़कियों को आजादी का अधिकार नहीं क्या लड़कियों की आजादी दरिंदो का वरदान है? आखिर क्यों हम इस बात से अनजान है दरिंदो से डर परिंदो के पर काट देगा पर यह समाज परिदों को सही उड़ने की सलाह देगा आखिर कब तक यह मूर्खता पूर्ण निर्णय समाज का साथ देगा एक दिन परिंदा आसमान की ऊंचाइयों को भी मात देगा आखिर क्यों हम इस बात से अनजान है हर लड़की का होता मान है उनको भी उड़ना ऊंची उड़ान है। ©Shivani Jain
13 Love
White जीवन की उस राह में यह कदम हमने बढ़ा दिए जहां केवल शून्यता ने अपने पंख फैला दिए न दोस्ती न दुश्मनी मुझे कुछ न भाता है अब तो यह मेरा जीवन अकेले रहेना चाहता है। ©Shivani Jain
15 Love
White रंगों का न मोल यहां पर वाणी है अनमोल पर इस युग में जो वाणी भेद ले उसका ज्ञान बहुमूल्य । ©Shivani Jain
16 Love
White वाणी से भेद समझना मुश्किल है और दरारों से दूरियां नापना इस संसार की अनोखी रीत समझ आए तो मुश्किल है सच्चाई आंकना। ©Shivani Jain
12 Love
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