White थी खता मेरी
मुकद्दर खींच लाया है, मुझ में वफ़ा तेरी,
और मैं डूबता चला गया, ये थी खता मेरी।
ऐसा प्यार का रुतबा रहा, मुझमे वफ़ा तेरी,
मैं चुप रहा सब देखकर भी, थी खता मेरी।
चलता रहा मैं दूर तक, मुझमे वफ़ा तेरी,
जहां टूटकर बिखर गया, वंही थी खता मेरी।
अब उन्स का चिराग धुंधला, मुझसे वफ़ा तेरी,
जहां आंधियों से बुझ गया, वो थी खता मेरी।
है ज़िंदगी बस ख्वाबगाह, मुझमे वफ़ा तेरी,
जहां मैं सपनों से जाग गया, वो थी खता मेरी।
पढते रहिये आपका अपना दोस्त
तनहा शायर हूँ-यश
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©Tanha Shayar hu Yash
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