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Tanha Shayar hu Yash

Tanha Shayar hu Yash Lives in New Delhi, Delhi, India

Writer | Poet | Singer l Short Story l Shayar Published Author l

www.tanhashayarhu.blogspot.in

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White वो शख्सियत कुछ और थी, ये शख्सियत कुछ और है। कुछ खास है ख़ूर्शीद मेरा, खिलाफत की वजह कुछ और है। मेरे ख़ियाबां में पुष्प नहीं, ये ख्याले खुशबू कुछ और है । है ख़िज़ां के मौसम में भी ख़ज़ाना, तनहा दर्द-ऐ-क़ल्ब की सौगात कुछ और है। वो थी क़लम क़ौल से भरी, अब उसकी लेखनी धरती आकाश के छोर है। आपका अपना दोस्त तनहा शायर हूँ-यश , ©Tanha Shayar hu Yash

#शायरी #Tanhashayarhu #tanhakishayri #tanhashayri #good_night  White 

वो शख्सियत कुछ और थी, 
ये शख्सियत कुछ और है।

कुछ खास है ख़ूर्शीद मेरा, 
खिलाफत की वजह कुछ और है।

मेरे ख़ियाबां में पुष्प नहीं,
ये ख्याले खुशबू कुछ और है ।

है ख़िज़ां के मौसम में भी ख़ज़ाना,
तनहा दर्द-ऐ-क़ल्ब की सौगात कुछ और है।

वो थी क़लम क़ौल से भरी,
अब उसकी लेखनी धरती आकाश के छोर है।



आपका अपना दोस्त
 तनहा शायर हूँ-यश





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©Tanha Shayar hu Yash

White ** जो शिकायत है मुझसे, तो मेरी आँखों में रो ले, क्यों दुनियां में गिरकर, तू अपना वजूद खोता है ** ** कुछ ख़ास होते है लम्हे, उनको चुन चुनकर रख ले, क्यों वक़्त के दरियाँ में, तू मेरे हसीन पल खोता है ** ** हार कर बाज़ी 'तनहा' मेरे, तुम जीत गए सबकुछ, जो तू एक अश्क रोया है, मैंने सो बार चेहरा धोया है ** तनहा शायर हूँ यश . ©Tanha Shayar hu Yash

#कविता #hindikavita #Thinking #Hindi  White ** जो शिकायत है मुझसे,
तो मेरी आँखों में रो ले,
क्यों दुनियां में गिरकर,
    तू अपना वजूद खोता है **

** कुछ ख़ास होते है लम्हे,
उनको चुन चुनकर रख ले,
क्यों वक़्त के दरियाँ में,
     तू मेरे हसीन पल खोता है **   

** हार कर बाज़ी 'तनहा' मेरे,
तुम जीत गए सबकुछ,
जो तू एक अश्क रोया है,
     मैंने सो बार चेहरा धोया है **  

तनहा शायर हूँ यश











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©Tanha Shayar hu Yash

White थी खता मेरी मुकद्दर खींच लाया है, मुझ में वफ़ा तेरी, और मैं डूबता चला गया, ये थी खता मेरी। ऐसा प्यार का रुतबा रहा, मुझमे वफ़ा तेरी, मैं चुप रहा सब देखकर भी, थी खता मेरी। चलता रहा मैं दूर तक, मुझमे वफ़ा तेरी, जहां टूटकर बिखर गया, वंही थी खता मेरी। अब उन्स का चिराग धुंधला, मुझसे वफ़ा तेरी, जहां आंधियों से बुझ गया, वो थी खता मेरी। है ज़िंदगी बस ख्वाबगाह, मुझमे वफ़ा तेरी, जहां मैं सपनों से जाग गया, वो थी खता मेरी। पढते रहिये आपका अपना दोस्त तनहा शायर हूँ-यश , ©Tanha Shayar hu Yash

#कविता #love_shayari #tanhashayari #tanhapoetry #TANHAPOEM  White थी खता मेरी

मुकद्दर खींच लाया है, मुझ में वफ़ा तेरी,
और मैं डूबता चला गया, ये थी खता मेरी। 

ऐसा प्यार का रुतबा रहा, मुझमे वफ़ा तेरी,
मैं चुप रहा सब देखकर भी, थी खता मेरी।

चलता रहा मैं दूर तक, मुझमे वफ़ा तेरी,
जहां टूटकर बिखर गया, वंही थी खता मेरी।

अब उन्स का चिराग धुंधला, मुझसे वफ़ा तेरी,
जहां आंधियों से बुझ गया, वो थी खता मेरी।

है ज़िंदगी बस ख्वाबगाह, मुझमे वफ़ा तेरी,
जहां मैं सपनों से जाग गया, वो थी खता मेरी।


पढते रहिये आपका अपना दोस्त
तनहा शायर हूँ-यश








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©Tanha Shayar hu Yash

White उलझन उलझन है की चल पाती नहीं , मैं रुकता हूँ तो रुक पाती नहीं, मैंने देखा है कई बार पिछे मुड़कर, ये उलझन ही है जो मुड़ पाती नहीं । शिकायते पेड़ पौधों से क्या करू, जब उलझन इंसानो को भी समझ आती नहीं । मेरी राह के पड़े पत्थर मेरे फूल भी है , पर ये फूल गुलशन भी तो महकाते नहीं । और इश्क मौहब्बत गम से भरा नही होता , फिर उलझन है खुशी भी तो ठहर पाती नहीं । मेरे दोस्त ये उलझन ही है जो कभी सुलझ पाती नहीं , सारी जिंदगी लग जाती है मौत को सुलझाने में, और ये मौत की गुथी सारी जिंदगी सुलझ पाती नहीं । तनहा शायर हूँ यश . ©Tanha Shayar hu Yash

#कविता #Tanhashayarhu #tanhapoerty #sad_qoute #TANHAPOEM  White उलझन

 उलझन  है की चल पाती नहीं ,
 मैं रुकता हूँ तो रुक पाती नहीं, 
मैंने देखा है कई बार पिछे मुड़कर, 
ये उलझन ही है जो मुड़ पाती नहीं । 

शिकायते पेड़ पौधों से क्या करू, 
जब उलझन इंसानो को भी समझ आती नहीं । 

मेरी राह के पड़े पत्थर मेरे फूल भी है ,
 पर ये फूल गुलशन भी तो महकाते नहीं । 

और इश्क मौहब्बत गम से भरा नही होता ,
 फिर उलझन है खुशी भी तो ठहर पाती नहीं । 

 मेरे दोस्त ये उलझन ही है जो कभी सुलझ पाती नहीं , 
सारी जिंदगी लग जाती है मौत को सुलझाने में,
 और ये मौत की गुथी सारी जिंदगी सुलझ पाती नहीं ।   




तनहा शायर हूँ यश










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©Tanha Shayar hu Yash

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset तुम पास भी हो , तुम दूर भी हो तुम जन्नत हो मेरी , तुम ही मेरी हूर भी हो । देखों तुम्हे , निगाह भर के देखता हूँ मैं तुम छुप जाते हो हर मोड़ पर तुम ही रास्तों की डोर भी हो। अब जान कर मुझको तुमने किया एक बहाना है मेरी नज़रों को दिखाकर मंज़र तुम्हरी नज़रों ने ढूंढा ठिकाना है। फिर जो नज़रे मिली अचानक नज़रों ने जवाब दिया अपने आप से तुम्ही हो सफर के हमसफ़र, तुम से ही हर दिन फ़साना है । तनहा शायरहूँ-यश . ©Tanha Shayar hu Yash

#कविता #Tanhashayarhu #tumpassbhiho #tanhapoerty #tanhakavita  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset तुम पास भी हो ,
 तुम दूर भी हो 
तुम जन्नत हो मेरी , 
तुम ही मेरी हूर भी हो ।

देखों तुम्हे ,
निगाह भर के देखता हूँ मैं 
तुम छुप जाते हो हर मोड़ पर 
तुम ही रास्तों की डोर भी हो।  

अब जान कर मुझको 
तुमने किया एक बहाना है 
मेरी नज़रों को दिखाकर मंज़र
तुम्हरी नज़रों ने ढूंढा ठिकाना है।  
फिर जो नज़रे मिली अचानक 
नज़रों ने जवाब दिया अपने आप से 
तुम्ही हो सफर के हमसफ़र, 
तुम से ही हर दिन फ़साना है ।


तनहा शायरहूँ-यश












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©Tanha Shayar hu Yash

Unsplash हर मंजिल बेमानी, राह की हर निशानी, इस जिंदगी की कहानी! बस तुम तक । मेरी आँखों का पानी, गालो पर मुस्कान दिवानी, गुलाबी होठों पर होठों का पानी । बस तुम तक । तनहा शायर हूँ यश ©Tanha Shayar hu Yash

#शायरी #Tanhashayarhu #tanhashayri #snow  Unsplash हर मंजिल बेमानी, राह की हर निशानी, 
इस जिंदगी की कहानी! बस तुम तक ।  

मेरी आँखों का पानी, गालो पर मुस्कान दिवानी, 
गुलाबी होठों पर होठों का पानी । बस तुम तक । 

तनहा शायर हूँ यश

©Tanha Shayar hu Yash

#snow शायरी हिंदी में शायरी लव रोमांटिक #Tanhashayarhu #tanhashayri

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