Kamla Kritika

Kamla Kritika

writer/fashion designer

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

243 View

 सहती नहीं..


लोग कहते हैं लड़कियां अब सहती नहीं,
 सच तो यह है अब वह भूख से डरती नहीं..
सुनो लड़कियां अब सहती नहीं ..
क्योंकि अब वह भूख से डरती नहीं..

 भूख के डर से अब वो किसी की गुलामी करती नहीं ..
बड़े उम्र तक अब रहते हैं लड़के बिना ब्याहै, 
क्योंकि लड़कों को पता है अब
 उनकी मनमर्जी स्त्रियों पर चलती नहीं ,
कैसे सह पाओगे स्त्री के अस्तित्व को जिस पर अब तक 
पुरुषों की मन मर्जी चलती रही..
और लोग कहते हैं स्त्रियां अब सहती नहीं...

पराए घर से आई है पराया घर में रहती रही ...
बहुत पागल बनाया इन रीति रिवाज ने, 
अब पढ़ लिखकर वह कानून को समझने लगी,
 कानून को चैलेंज करने लगी ,
हक तो दोनों पर था फिर भी 
वो पराएं की तरह दोनों घरों में रहती रही..
और लोग कहते हैं स्त्रियां अब सहती नहीं...

लड़कियां रोटी, कपड़े का खूब कर्ज अब तक चूकती रही 
अपने घर में नौकरानी और वैश्य बनती रही ...
बहुत कम के नसीब में होता है अपने घर में अपना बनके रहना
 अधिकतर तो परायो की तरह जिंदगी जीती रही 
और लोग कहते हैं स्त्रियां अब सहती नहीं...

जिससे मार खाया उसी को अब तक पुजती  रही,
 पति परमेश्वर कहती रही ,
अब पढ़ लिख गई है लड़कियां भी कमा कर खाने लगी है,
तो लोग कहते हैं लड़कियां अब सहती नहीं..

©Kamla Kritika

सहती नहीं.. लोग कहते हैं लड़कियां अब सहती नहीं, सच तो यह है अब वह भूख से डरती नहीं.. सुनो लड़कियां अब सहती नहीं .. क्योंकि अब वह भूख से डरती नहीं.. भूख के डर से अब वो किसी की गुलामी करती नहीं .. बड़े उम्र तक अब रहते हैं लड़के बिना ब्याहै, क्योंकि लड़कों को पता है अब उनकी मनमर्जी स्त्रियों पर चलती नहीं , कैसे सह पाओगे स्त्री के अस्तित्व को जिस पर अब तक पुरुषों की मन मर्जी चलती रही.. और लोग कहते हैं स्त्रियां अब सहती नहीं... पराए घर से आई है पराया घर में रहती रही ... बहुत पागल बनाया इन रीति रिवाज ने, अब पढ़ लिखकर वह कानून को समझने लगी, कानून को चैलेंज करने लगी , हक तो दोनों पर था फिर भी वो पराएं की तरह दोनों घरों में रहती रही.. और लोग कहते हैं स्त्रियां अब सहती नहीं... लड़कियां रोटी, कपड़े का खूब कर्ज अब तक चूकती रही अपने घर में नौकरानी और वैश्य बनती रही ... बहुत कम के नसीब में होता है अपने घर में अपना बनके रहना अधिकतर तो परायो की तरह जिंदगी जीती रही और लोग कहते हैं स्त्रियां अब सहती नहीं... जिससे मार खाया उसी को अब तक पुजती रही, पति परमेश्वर कहती रही , अब पढ़ लिख गई है लड़कियां भी कमा कर खाने लगी है, तो लोग कहते हैं लड़कियां अब सहती नहीं.. ©Kamla Kritika

144 View

216 View

 अपने बच्चों को सहना सिखाते हो अच्छी बात है,
काश उसके साथ-साथ उन्हें संस्कार सिखाते 
और एक दूसरे की इज्जत करना भी सिखाते 
तो उससे ज्यादा अच्छी बात होती..

तब सहने की नहीं ,
जीने की जरूरत पड़ती..

©Kamla Kritika

अपने बच्चों को सहना सिखाते हो अच्छी बात है, काश उसके साथ-साथ उन्हें संस्कार सिखाते और एक दूसरे की इज्जत करना भी सिखाते तो उससे ज्यादा अच्छी बात होती.. तब सहने की नहीं , जीने की जरूरत पड़ती.. ©Kamla Kritika

234 View

 नौकरी करके जाना ..
आदमी तो औरत के बदौलत ही 
सुकून से नौकरी करते रहे..
 और औरतों को ही अब तक 
बेरोजगार  कहते रहे...

©Kamla Kritika

नौकरी करके जाना .. आदमी तो औरत के बदौलत ही सुकून से नौकरी करते रहे.. और औरतों को ही अब तक बेरोजगार कहते रहे... ©Kamla Kritika

279 View

#womeninternational #womensday  
Tu hai Vidya  
Tu hi Lakshmi
Tu hi annpurna hai..
Fir kyon tu sakti vihin hai..?
 Jabki, sari Shakti tere hi hin hai..

©Kamla Kritika
Trending Topic