भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ?
इस कलयुग में अपनी जिम्मेदारी निभाए कौन ?
हर तरफ दोष देता इंसान दूसरों को
और खुद को समझे हरिश्चंदर की फौज,
ऐसे सत्यवादी का मुँह बंद कराये कौन ?
चलो हम भी कह देते है अब यहाँ
भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ?
भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ?
इस काल्युन्ग में, रिश्वत देकर हम काम कराते,
और अधिकारीयों पर हम दोष लगाते,
अरे मुरख बन्दे रिश्वत देना बंदकर
इतनी सी बात तुझे समझाए कौन ?
चल अब मुझसे फिर से पूछ
भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ?
भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ?
इस कलयुग में भाषण पर ही मिलता है राशन
भटक रहे है डिग्री वाले,
लगाकर अपने मुँह पर ताले ,
और चोरों ने हक़ मार मारकर,
कितने ऊँचे मका कर डाले।
आवाज़ अभी भी तुम्हारी दबी रहेगी,
आदत है तुमको, अब तुम्हारे गले में घुसकर ,
मंत्र उच्चारण कराये कौन ?
अब बोलो , भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये कौन ?
तनहा शायर हूँ-यश
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©Tanha Shayar hu Yash
#Anhoni