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New मेवाड़ा कलाल समाज Status, Photo, Video

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White ज़ब एक दिन घर मे आग लगी तो एक समाज सुधारक ने आकर आग बुझाने मे सहायता का आश्वासन दिया लेकिन वो स्नाजसेवी उस लगी आग को बुझाने के बजाय उसे हवा देकर आग को और भी बड़ा गया था ©Parasram Arora

 White ज़ब एक दिन घर मे 
आग लगी तो 
एक समाज सुधारक ने 
आकर आग बुझाने मे 
सहायता का आश्वासन  दिया  

लेकिन वो स्नाजसेवी 
उस लगी आग को बुझाने 
के बजाय उसे 
हवा देकर आग को 
और भी बड़ा गया था

©Parasram Arora

आग और समाज सुधारक

13 Love

पल्लव की डायरी खिड़कियां सब बंद मदद की हरण नैतिकता का हो रहा है आवाजे और हक हमारे लुप्पत हो गये टाइमपास देश कर रहा है सन सैतालीस में ले जाने का प्रयास हो रहा है लगान प्रथा जीएसटी ने चालू कर दी घाटा हो या मुनाफा दायरे में सब आयेगे बधुआ मजदूरी फिर से लागू हो गयी अठारह घण्टे काम करो,वेतन नही बढ़ायेगे साहूकारी प्रथा बैंको ने ले ली बात बात पर चार्ज और जुर्माने लगायेंगे राजशाही की प्रथा सत्ता ने ले ली कोई भी आंकड़े नही बतायेगे बौना पूरा देश समाज कर दिया गुणगान अपना विज्ञापनों से गायेगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #lonely  पल्लव की डायरी
खिड़कियां सब बंद मदद की
हरण नैतिकता का हो रहा है
आवाजे और हक हमारे लुप्पत हो गये
टाइमपास देश कर रहा है
सन सैतालीस में ले जाने का प्रयास हो रहा है
लगान प्रथा जीएसटी ने चालू कर दी
घाटा हो या मुनाफा दायरे में सब आयेगे
बधुआ मजदूरी फिर से लागू हो गयी
अठारह घण्टे काम करो,वेतन नही बढ़ायेगे
साहूकारी प्रथा बैंको ने ले ली
बात बात पर चार्ज और जुर्माने लगायेंगे
राजशाही की प्रथा सत्ता ने ले ली
कोई भी आंकड़े नही बतायेगे
बौना पूरा देश समाज कर दिया
गुणगान अपना विज्ञापनों से गायेगे
                                                     प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#lonely बौना पूरा देश समाज कर दिया

24 Love

White आधुनिक समाज का सच आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ, रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ। दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची, भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित। रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात, जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात। दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई, दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई। शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य, जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व। सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं, जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं। तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान, जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान। साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं, प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती। प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई, जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई। कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार, आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार। सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो, जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो। इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो, वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा। ©पूर्वार्थ

#समाज  White आधुनिक समाज का सच

आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ,
रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ।
दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची,
भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित।

रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात,
जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात।
दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई,
दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई।

शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य,
जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व।
सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं,
जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं।

तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान,
जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान।
साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं,
प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती।

प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई,
जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई।
कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार,
आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार।

सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो,
जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो।
इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो,
वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा।

©पूर्वार्थ

#समाज

17 Love

White सुप्रीम कोर्ट के कानून और संविधान की बात मानकर चलने वाले कुछ लोग स्वयं को हिंदू प्रमाण करते हैं जिनको अपना सही दिए नहीं पता नहीं होता बड़ी-बड़ी सभा में बहुत तेज तकरार बहस भी करते हैं। मेरा एक प्रश्न है सुप्रीम कोर्ट कहता है एक विवाहित महिला विवाह के बाद छह मित्रों के साथ संपर्क बनाकर के शान से अपने परिवार में रह सकती है कितने हिंदू सनातनी इस बात से सहमत है। ©Anuj Ray

#विचार  White सुप्रीम कोर्ट के कानून और संविधान की 
 बात मानकर चलने वाले कुछ लोग स्वयं को हिंदू प्रमाण करते हैं जिनको अपना सही दिए नहीं पता नहीं होता बड़ी-बड़ी सभा में बहुत तेज तकरार बहस भी करते हैं। 
मेरा एक प्रश्न है 
सुप्रीम कोर्ट कहता है एक विवाहित महिला 
विवाह के बाद छह मित्रों के साथ संपर्क बनाकर 
के शान से अपने परिवार में रह सकती है 
कितने हिंदू सनातनी इस बात से सहमत है।

©Anuj Ray

# समाज के ठेकेदार"

17 Love

#विचार #दहेज

#दहेज समाज के लिए श्राप है

108 View

White 'समाज' _________ बदल रहा है आज समाज बदल रहा है रीति रिवाज, लोगों के चाल-ढाल बदले लोगों के हाव-भाव बदले। कानून लीक से हट रहा आज अपराधी का फैल रहा राज, कहीं थकावट कहीं रुकावट कहीं दिखती जिंदगी बनावट। समाज के प्रति अपने दायित्वों का हमें भी मान होना चाहिए, समाज को विकसित करने में हम सबों का हाथ होना चाहिेए। समन्वय से ही समाज में समरसता लाई जा सकती है समाज से जाए कुरीतियां, समाज से मिटे सारी त्रुटियां। रहे कोई भले ही दुराचारी दिखलाओ उन्हें सही मार्ग समाज सही तो देश बढ़े, जब देश बढ़े,तो मान बढ़े। समाज से पहचान हमारी समाज में बसती जान हमारी, एकता भरा अपनापन शोभित होगा हमारा समाज सुसज्जित। -------🌻🌻---------🌻🌻------ (स्वरचित एवं मौलिक) त्रिपुरा कौशल🏵️ ©Tripura kaushal

#कविता #समाज  White               'समाज'
             _________
बदल रहा है आज समाज 
बदल रहा है रीति रिवाज,
लोगों के चाल-ढाल बदले
लोगों के हाव-भाव  बदले। 

कानून लीक से हट रहा आज अपराधी का फैल रहा राज, 
कहीं थकावट कहीं रुकावट 
कहीं दिखती जिंदगी बनावट। 

समाज के प्रति अपने दायित्वों का हमें भी मान होना चाहिए, समाज को विकसित करने में 
हम सबों का हाथ होना चाहिेए।

समन्वय से ही समाज में समरसता लाई जा सकती है समाज से जाए कुरीतियां,
समाज से मिटे सारी त्रुटियां।

रहे कोई भले ही दुराचारी
दिखलाओ उन्हें सही मार्ग
समाज सही तो देश बढ़े,
जब देश बढ़े,तो मान बढ़े।

समाज से पहचान हमारी
समाज में बसती जान हमारी,
एकता भरा अपनापन शोभित होगा हमारा समाज सुसज्जित।

-------🌻🌻---------🌻🌻------

(स्वरचित एवं मौलिक)
   त्रिपुरा कौशल🏵️

©Tripura kaushal

#समाज

10 Love

White ज़ब एक दिन घर मे आग लगी तो एक समाज सुधारक ने आकर आग बुझाने मे सहायता का आश्वासन दिया लेकिन वो स्नाजसेवी उस लगी आग को बुझाने के बजाय उसे हवा देकर आग को और भी बड़ा गया था ©Parasram Arora

 White ज़ब एक दिन घर मे 
आग लगी तो 
एक समाज सुधारक ने 
आकर आग बुझाने मे 
सहायता का आश्वासन  दिया  

लेकिन वो स्नाजसेवी 
उस लगी आग को बुझाने 
के बजाय उसे 
हवा देकर आग को 
और भी बड़ा गया था

©Parasram Arora

आग और समाज सुधारक

13 Love

पल्लव की डायरी खिड़कियां सब बंद मदद की हरण नैतिकता का हो रहा है आवाजे और हक हमारे लुप्पत हो गये टाइमपास देश कर रहा है सन सैतालीस में ले जाने का प्रयास हो रहा है लगान प्रथा जीएसटी ने चालू कर दी घाटा हो या मुनाफा दायरे में सब आयेगे बधुआ मजदूरी फिर से लागू हो गयी अठारह घण्टे काम करो,वेतन नही बढ़ायेगे साहूकारी प्रथा बैंको ने ले ली बात बात पर चार्ज और जुर्माने लगायेंगे राजशाही की प्रथा सत्ता ने ले ली कोई भी आंकड़े नही बतायेगे बौना पूरा देश समाज कर दिया गुणगान अपना विज्ञापनों से गायेगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #lonely  पल्लव की डायरी
खिड़कियां सब बंद मदद की
हरण नैतिकता का हो रहा है
आवाजे और हक हमारे लुप्पत हो गये
टाइमपास देश कर रहा है
सन सैतालीस में ले जाने का प्रयास हो रहा है
लगान प्रथा जीएसटी ने चालू कर दी
घाटा हो या मुनाफा दायरे में सब आयेगे
बधुआ मजदूरी फिर से लागू हो गयी
अठारह घण्टे काम करो,वेतन नही बढ़ायेगे
साहूकारी प्रथा बैंको ने ले ली
बात बात पर चार्ज और जुर्माने लगायेंगे
राजशाही की प्रथा सत्ता ने ले ली
कोई भी आंकड़े नही बतायेगे
बौना पूरा देश समाज कर दिया
गुणगान अपना विज्ञापनों से गायेगे
                                                     प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#lonely बौना पूरा देश समाज कर दिया

24 Love

White आधुनिक समाज का सच आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ, रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ। दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची, भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित। रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात, जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात। दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई, दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई। शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य, जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व। सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं, जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं। तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान, जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान। साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं, प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती। प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई, जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई। कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार, आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार। सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो, जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो। इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो, वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा। ©पूर्वार्थ

#समाज  White आधुनिक समाज का सच

आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ,
रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ।
दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची,
भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित।

रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात,
जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात।
दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई,
दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई।

शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य,
जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व।
सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं,
जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं।

तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान,
जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान।
साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं,
प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती।

प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई,
जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई।
कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार,
आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार।

सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो,
जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो।
इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो,
वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा।

©पूर्वार्थ

#समाज

17 Love

White सुप्रीम कोर्ट के कानून और संविधान की बात मानकर चलने वाले कुछ लोग स्वयं को हिंदू प्रमाण करते हैं जिनको अपना सही दिए नहीं पता नहीं होता बड़ी-बड़ी सभा में बहुत तेज तकरार बहस भी करते हैं। मेरा एक प्रश्न है सुप्रीम कोर्ट कहता है एक विवाहित महिला विवाह के बाद छह मित्रों के साथ संपर्क बनाकर के शान से अपने परिवार में रह सकती है कितने हिंदू सनातनी इस बात से सहमत है। ©Anuj Ray

#विचार  White सुप्रीम कोर्ट के कानून और संविधान की 
 बात मानकर चलने वाले कुछ लोग स्वयं को हिंदू प्रमाण करते हैं जिनको अपना सही दिए नहीं पता नहीं होता बड़ी-बड़ी सभा में बहुत तेज तकरार बहस भी करते हैं। 
मेरा एक प्रश्न है 
सुप्रीम कोर्ट कहता है एक विवाहित महिला 
विवाह के बाद छह मित्रों के साथ संपर्क बनाकर 
के शान से अपने परिवार में रह सकती है 
कितने हिंदू सनातनी इस बात से सहमत है।

©Anuj Ray

# समाज के ठेकेदार"

17 Love

#विचार #दहेज

#दहेज समाज के लिए श्राप है

108 View

White 'समाज' _________ बदल रहा है आज समाज बदल रहा है रीति रिवाज, लोगों के चाल-ढाल बदले लोगों के हाव-भाव बदले। कानून लीक से हट रहा आज अपराधी का फैल रहा राज, कहीं थकावट कहीं रुकावट कहीं दिखती जिंदगी बनावट। समाज के प्रति अपने दायित्वों का हमें भी मान होना चाहिए, समाज को विकसित करने में हम सबों का हाथ होना चाहिेए। समन्वय से ही समाज में समरसता लाई जा सकती है समाज से जाए कुरीतियां, समाज से मिटे सारी त्रुटियां। रहे कोई भले ही दुराचारी दिखलाओ उन्हें सही मार्ग समाज सही तो देश बढ़े, जब देश बढ़े,तो मान बढ़े। समाज से पहचान हमारी समाज में बसती जान हमारी, एकता भरा अपनापन शोभित होगा हमारा समाज सुसज्जित। -------🌻🌻---------🌻🌻------ (स्वरचित एवं मौलिक) त्रिपुरा कौशल🏵️ ©Tripura kaushal

#कविता #समाज  White               'समाज'
             _________
बदल रहा है आज समाज 
बदल रहा है रीति रिवाज,
लोगों के चाल-ढाल बदले
लोगों के हाव-भाव  बदले। 

कानून लीक से हट रहा आज अपराधी का फैल रहा राज, 
कहीं थकावट कहीं रुकावट 
कहीं दिखती जिंदगी बनावट। 

समाज के प्रति अपने दायित्वों का हमें भी मान होना चाहिए, समाज को विकसित करने में 
हम सबों का हाथ होना चाहिेए।

समन्वय से ही समाज में समरसता लाई जा सकती है समाज से जाए कुरीतियां,
समाज से मिटे सारी त्रुटियां।

रहे कोई भले ही दुराचारी
दिखलाओ उन्हें सही मार्ग
समाज सही तो देश बढ़े,
जब देश बढ़े,तो मान बढ़े।

समाज से पहचान हमारी
समाज में बसती जान हमारी,
एकता भरा अपनापन शोभित होगा हमारा समाज सुसज्जित।

-------🌻🌻---------🌻🌻------

(स्वरचित एवं मौलिक)
   त्रिपुरा कौशल🏵️

©Tripura kaushal

#समाज

10 Love

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