Anuj Ray

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Anujkumar heyay kshatriy

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White अनुप्रास अलंकार कविता खिली है रुत बसंत की, कली कली ने डाल डाल पर, मधुमास के मौसम में , मद भरी ख़ुशबू का रंग बिखेरा है। बहक के बावरे हुए हैं भंवरे, प्रीत ने प्रेम से योगियों को घेरा है, किरण किरण ख़ुशी से खिल उठी है,नई सुबह ने डाला डेरा है। ©Anuj Ray

#कविता  White अनुप्रास अलंकार कविता 

खिली है रुत बसंत की,
कली कली ने डाल डाल पर,
मधुमास के मौसम में , मद 
भरी ख़ुशबू का रंग बिखेरा है।

बहक के बावरे हुए हैं भंवरे,
प्रीत ने प्रेम से योगियों को घेरा है,
किरण किरण ख़ुशी से खिल 
उठी है,नई सुबह ने डाला डेरा है।

©Anuj Ray

अनुप्रास अलंकार कविता"

17 Love

White दो मुसाफ़िर " घर से चले थे साथ साथ दो मुसाफ़िर, राहों में मगर रास्ते दोनों के अलग हो गए, खाई थी साथ निभाने की कसम ज़िन्दगी भर के लिए, राहों में अचानक से जुदा हो गए। ©Anuj Ray

#शायरी  White  दो मुसाफ़िर "

घर से चले थे साथ साथ दो मुसाफ़िर, 
राहों में मगर रास्ते दोनों के अलग हो गए,

खाई थी साथ निभाने की कसम ज़िन्दगी 
भर के लिए, राहों में अचानक से जुदा हो गए।

©Anuj Ray

# दो मुसाफ़िर

14 Love

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दूरियां शब्द पर तीन पंक्तियां जिसकी चाहत में जी जान कुर्बान करने को तैयार रहता हो कोई, वो भला बर्दाश्त कैसे करेगा,उम्र भर के लिए उनसे हो जाए गर दूरियां" ©Anuj Ray

#दूरियां #कोट्स  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दूरियां शब्द पर तीन पंक्तियां 

जिसकी चाहत में जी जान कुर्बान करने को 
तैयार रहता हो कोई, वो भला बर्दाश्त कैसे 
करेगा,उम्र भर के लिए उनसे हो जाए गर दूरियां"

©Anuj Ray

Unsplash समस्त नोजोतो परिवार को विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ©Anuj Ray

#मोटिवेशनल #विश्व  Unsplash समस्त नोजोतो परिवार को विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

©Anuj Ray

#विश्व हिंदी दिवस

18 Love

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset मुक्त छंद कविता कोहरा ठिठुर रहा कब से सर्दी में, सूरज के रथ का पहिया ढीला जंगल जलता धू धू कर हिमशिखर बना सरिता का पानी। चलती पगडंडी मुड़ मुड़ कर देखें। नारी मंडवा बैठ निहारे पक्षी खड़ी फसल चौपट कर डाली कृषक का दुश्मन पाला नरभक्षी। ©Anuj Ray

#कविता  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset मुक्त छंद कविता 

कोहरा ठिठुर रहा कब से सर्दी में,
सूरज के रथ का पहिया ढीला 
जंगल जलता धू धू कर 
हिमशिखर बना  सरिता का पानी।

चलती पगडंडी मुड़ मुड़ कर देखें। 
नारी मंडवा बैठ निहारे पक्षी
खड़ी फसल चौपट कर डाली 
कृषक का दुश्मन पाला नरभक्षी।

©Anuj Ray

# मुक्त छंद कविता"

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green-leaves मेरा ख़्याल है कि दर्द ए दिल किसी को कोई जानकर नहीं देता। जल के घर किसी का कोई, उसके दिल की बद्दुआ नहीं लेता। क़िस्मत की लकीरों के ये खेल है सारे, दिल यूं ही किसी का तोड़ के कोई हरजाई नहीं होता। ©Anuj Ray

#शायरी  green-leaves मेरा ख़्याल है कि दर्द ए दिल 
किसी को कोई जानकर नहीं देता।

जल के घर किसी का कोई, 
उसके दिल की बद्दुआ नहीं लेता।

 क़िस्मत की लकीरों के ये खेल है सारे,
दिल यूं ही किसी का तोड़ के कोई हरजाई नहीं होता।

©Anuj Ray

दर्द ए दिल"

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