पूर्वार्थ

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White Hey...!! Listen.. !! जिंदगी में कितने भी प्यारे रास्ते से बापस जाना पड़े पर ,, कभी अफसोस मत करना ! साइकोलॉजी कहती है के जब आप सच में किसी की care या प्रेम करते है तो उसके मूड का सीधा असर हमारे मूड पर पड़ता है...! इंसानी फितरत है जो अच्छी बातें है उन्हे जल्द भूल जायेगा और जो बाते दिल दुखाती है वो भुलाए नहीं भूलती।बार बार याद आके सब खराब कर देती है..! वो बाते हमे खुद को positive रखने ,किसी से कोई गुस्सा, नाराजगी न रखने की उम्मीदों पर पानी फेर देती है।और हम न चाह के भी अपने ही जख्मों को कुरेदते रहते है ,जबकि पता है जख्मों को कुरेदने से घाव भरा नहीं करते...! मै कभी इतना बेचैन होता हूं कि मैं भूल जाता हूं कि मैं जी रहा हूं या मर रहा हूं…..! मै खयालों में इतना खो जाता हूं कि मैं भूल जाता हूं कि पागल हूं या ठीक हूं …..! मैं सपनों में इतना खो जाता हूं कि मैं भूल जाता हूं कि मैं सोया हूं या जगा हुआ हूं……! मै कभी कभी विचारों में इतना खो जाता हूं कि मैं भूल जाता हूं कि सच में कुछ कर रहा हूं या यह झूठ हैं……! मै कर्म में इतना खो जाता हूं कि मुझे पता नहीं चलता है कि कर्म मै कर रहा हूं या ईश्वर कर रहा हैं…! मै भविष्य में इतना चल जाता हूं कि मुझे पता ही नहीं चलता है कि समय क्या है…..? 2 तरह के लोग जीवन को कभी पूरी तरह जी नहीं पाते हैं…..! एक वह , जिसे लगता हैं मेहनत करना काफी tuff चीज हैं , और दूसरा वह , जिसे लगता हैं मस्तिष्क को entertain या खुश रखना ही जीवन है…..! जीवन न तो फूलों की गुलदस्ता है और न ही कांटों के रास्ते हैं….! बिना मेहनत के किसी भी चीजों में खुशी नहीं मिलती है, मतलब किसी भी चीज में….! ©पूर्वार्थ

#लाइफ  White Hey...!!

Listen.. !!

जिंदगी में कितने भी प्यारे रास्ते से बापस जाना पड़े पर ,,
कभी अफसोस मत करना !
साइकोलॉजी कहती है के जब आप सच में किसी की care या प्रेम करते है तो उसके मूड का सीधा असर हमारे मूड पर पड़ता है...!
इंसानी फितरत है जो अच्छी बातें है उन्हे जल्द भूल जायेगा और जो बाते दिल दुखाती है वो भुलाए नहीं भूलती।बार बार याद आके सब खराब कर देती है..!
वो बाते हमे खुद को positive रखने ,किसी से कोई गुस्सा, नाराजगी न रखने की उम्मीदों पर पानी फेर देती है।और हम न चाह के भी अपने ही जख्मों को कुरेदते रहते है ,जबकि पता है जख्मों को कुरेदने से घाव भरा नहीं करते...!
मै कभी इतना बेचैन होता हूं कि मैं भूल जाता हूं कि मैं जी रहा हूं या मर रहा हूं…..!
मै खयालों में इतना खो जाता हूं कि मैं भूल जाता हूं कि पागल हूं या ठीक हूं …..!
मैं सपनों में इतना खो जाता हूं कि मैं भूल जाता हूं कि मैं सोया हूं या जगा हुआ हूं……!
मै कभी कभी विचारों में इतना खो जाता हूं कि मैं भूल जाता हूं कि  सच में कुछ कर रहा हूं या यह झूठ हैं……!
मै कर्म में इतना खो जाता हूं कि मुझे पता नहीं चलता है कि कर्म मै कर रहा हूं या ईश्वर कर रहा हैं…!
मै भविष्य में इतना चल जाता हूं कि मुझे पता ही नहीं चलता है कि समय क्या है…..?
2 तरह के लोग जीवन को कभी पूरी तरह जी नहीं पाते हैं…..!
एक वह , जिसे लगता हैं मेहनत करना काफी tuff चीज हैं , और दूसरा वह , जिसे लगता हैं मस्तिष्क को entertain या खुश रखना ही जीवन है…..!
जीवन न तो फूलों की गुलदस्ता है और न ही कांटों के रास्ते हैं….!
बिना मेहनत के किसी भी चीजों में खुशी नहीं मिलती है, मतलब किसी भी चीज में….!

©पूर्वार्थ

#लाइफ

12 Love

White जो चाहता है मन मेरा मैं वो होना चाहता हूं। डूब कर खुद में ही मैं खुद को खोना चाहता हूं खुद को ही खुद में मैं पाना चाहता हूं जो चाहता है मन मेरा मैं वो होना चाहता हूं।           शून्य में रहना चाहता हूं          अनंत तक जाना चाहता हूं           ना कुछ खोना चाहता हूं           ना सब कुछ पाना चाहता हूं           तोड़कर बंधन बेड़ियां सब           खुद से मिलना चाहता हूं           जो चाहता है मन मेरा           मैं वो होना चाहता हूँ । छूट कर सारे विश्व भंवर से मैं खुद का होना चाहता हूं जो बैठा है भीतर मेरे मैं उससे मिलना चाहता हूं ना मैं खुशी चाहता हूं ना मैं रोना चाहता हूं जो चाहता है मन मेरा मैं वो होना चाहता हूं शून्य में रहना चाहता हूं अनंत का होना चाहता हूं ©पूर्वार्थ

#शून्य  White जो चाहता है मन मेरा
मैं वो होना चाहता हूं।
डूब कर खुद में ही
मैं खुद को खोना चाहता हूं
खुद को ही खुद में
मैं पाना चाहता हूं
जो चाहता है मन मेरा
मैं वो होना चाहता हूं।
          शून्य में रहना चाहता हूं
         अनंत तक जाना चाहता हूं
          ना कुछ खोना चाहता हूं
          ना सब कुछ पाना चाहता हूं
          तोड़कर बंधन बेड़ियां सब
          खुद से मिलना चाहता हूं
          जो चाहता है मन मेरा
          मैं वो होना चाहता हूँ ।
छूट कर सारे विश्व भंवर से
मैं खुद का होना चाहता हूं
जो बैठा है भीतर मेरे
मैं उससे मिलना चाहता हूं
ना मैं खुशी चाहता हूं
ना मैं रोना चाहता हूं
जो चाहता है मन मेरा
मैं वो होना चाहता हूं
शून्य में रहना चाहता हूं
अनंत का होना चाहता हूं

©पूर्वार्थ

White ये कांसे की खनक ये लोहे का शोर हर रात्रि हर भोर हर रात्रि हर भोर कर देता है मुझको ये भाव विभोर देता है मुझको अंतर्मन तक तोड़। ये बीवी की चिक चिक बच्चों का शोर ये काम की टेंशन दो सिरहों का जोड़ कर दे दे कर अमादनी है लेता निचोड़  वाह! गब्बर सिंह टैक्स की बातें अनमोल। हम दोनों की लगती है मेहनत बेजोड़ अंत होता महीना है देता झकझोर महंगाई फ़िर दिया अपना स्तर है तोड़ नेतागण में मची सर फुटव्वल की होड़। ये अंधी कमाई ये बातें मुँह-जोर देश को लिजावेंगी जाने किस ओर बस कर दो अब सुनना नेताओं का ज्ञान आओ मिलजुल कर हम लेवें संज्ञान। इतिहास से निकलो दो भविष्य पर ज़ोर अविलम्ब अब तुम दो कुपरंपरा को छोड़ पिछड़ी को पिछड़ी से कह दो नो मोर विज्ञान से कह दो एम थरस्टी फॉर मोर. ©पूर्वार्थ

#मजदूर  White ये कांसे की खनक ये लोहे का शोर
हर रात्रि हर भोर हर रात्रि हर भोर
कर देता है मुझको ये भाव विभोर
देता है मुझको अंतर्मन तक तोड़।

ये बीवी की चिक चिक बच्चों का शोर
ये काम की टेंशन दो सिरहों का जोड़
कर दे दे कर अमादनी है लेता निचोड़ 
वाह! गब्बर सिंह टैक्स की बातें अनमोल।

हम दोनों की लगती है मेहनत बेजोड़
अंत होता महीना है देता झकझोर
महंगाई फ़िर दिया अपना स्तर है तोड़
नेतागण में मची सर फुटव्वल की होड़।

ये अंधी कमाई ये बातें मुँह-जोर
देश को लिजावेंगी जाने किस ओर
बस कर दो अब सुनना नेताओं का ज्ञान
आओ मिलजुल कर हम लेवें संज्ञान।

इतिहास से निकलो दो भविष्य पर ज़ोर
अविलम्ब अब तुम दो कुपरंपरा को छोड़
पिछड़ी को पिछड़ी से कह दो नो मोर
विज्ञान से कह दो एम थरस्टी फॉर मोर.

©पूर्वार्थ

White "प्यार, मोहब्बत और इश्क" प्यार है कोमल, जैसे सुबह की किरण, मन के आंगन में भर दे नवजीवन। यह अनकही सी बातों का जादू, जो दिलों को जोड़ दे, बिन किसी क़ायदे-उसूल। मोहब्बत वह नदी है, जो बहती अविराम, हर मुश्किल में साथ दे, हर घाव करे काम। यह ख्वाबों का संसार है, अनगिनत रंग, जिसमें हर धड़कन गाए, अनदेखा संग। इश्क है आग, जो जलाए हर परत, दर्द का एहसास भी लगे मधुर सुरत। यह दीवानगी है, यह बेकाबू जूनून, जिसमें डूबा दिल खोजे अपना सुकून। प्यार सिखाता है जीना, मोहब्बत देती आस, इश्क से होता है हर ख्वाहिश का एहसास। तीनों मिलकर बनाते हैं यह जीवन, जैसे सुर, ताल, और लय का संगम। ©पूर्वार्थ

#प्यार  White "प्यार, मोहब्बत और इश्क"

प्यार है कोमल, जैसे सुबह की किरण,
मन के आंगन में भर दे नवजीवन।
यह अनकही सी बातों का जादू,
जो दिलों को जोड़ दे, बिन किसी क़ायदे-उसूल।

मोहब्बत वह नदी है, जो बहती अविराम,
हर मुश्किल में साथ दे, हर घाव करे काम।
यह ख्वाबों का संसार है, अनगिनत रंग,
जिसमें हर धड़कन गाए, अनदेखा संग।

इश्क है आग, जो जलाए हर परत,
दर्द का एहसास भी लगे मधुर सुरत।
यह दीवानगी है, यह बेकाबू जूनून,
जिसमें डूबा दिल खोजे अपना सुकून।

प्यार सिखाता है जीना, मोहब्बत देती आस,
इश्क से होता है हर ख्वाहिश का एहसास।
तीनों मिलकर बनाते हैं यह जीवन,
जैसे सुर, ताल, और लय का संगम।

©पूर्वार्थ

White "The hardest lesson I’ve had to learn as an adult is the relentless need to keep going, no matter how shattered I feel inside." This truth is both raw and universal. Life doesn’t pause when our hearts are heavy, our minds are fractured, or our spirits feel like they’re unraveling. It keeps moving—unrelenting, unapologetic—demanding that we move with it. There’s no time to stop, no pause for repair, no moment of stillness where we can gently piece ourselves back together. The world doesn’t wait, even when we need it to. What makes this even harder is that no one really prepares us for it. As children, we grow up on a steady diet of stories filled with happy endings, tales of redemption and triumph where everything always falls into place. But adulthood strips away those comforting narratives. Instead, it reveals a harsh truth: survival isn’t glamorous or inspiring most of the time. It’s wearing a mask of strength when you’re falling apart inside. It’s showing up when all you want is to retreat. It’s choosing to move forward, step by painful step, when your heart begs for rest. And yet, we endure. That’s the miracle of being human—we endure. Somewhere in the depths of our pain, we find reserves of strength we didn’t know we possessed. We learn to hold space for ourselves, to be the comfort we crave, to whisper words of hope when no one else does. Over time, we realize that resilience isn’t loud or grandiose; it’s a quiet defiance, a refusal to let life’s weight crush us entirely. Yes, it’s messy. Yes, it’s exhausting. And yes, there are days when it feels almost impossible to take another step. But even then, we move forward. Each tiny step is proof of our resilience, a reminder that even in our darkest moments, we’re still fighting, still refusing to give up. That fight—that courage—is the quiet miracle of survival. ©पूर्वार्थ

#good_night  White  "The hardest lesson I’ve had to learn as an adult is the relentless need to keep going, no matter how shattered I feel inside."

This truth is both raw and universal. Life doesn’t pause when our hearts are heavy, our minds are fractured, or our spirits feel like they’re unraveling. It keeps moving—unrelenting, unapologetic—demanding that we move with it. There’s no time to stop, no pause for repair, no moment of stillness where we can gently piece ourselves back together. The world doesn’t wait, even when we need it to.

What makes this even harder is that no one really prepares us for it. As children, we grow up on a steady diet of stories filled with happy endings, tales of redemption and triumph where everything always falls into place. But adulthood strips away those comforting narratives. Instead, it reveals a harsh truth: survival isn’t glamorous or inspiring most of the time. It’s wearing a mask of strength when you’re falling apart inside. It’s showing up when all you want is to retreat. It’s choosing to move forward, step by painful step, when your heart begs for rest.

And yet, we endure. That’s the miracle of being human—we endure. Somewhere in the depths of our pain, we find reserves of strength we didn’t know we possessed. We learn to hold space for ourselves, to be the comfort we crave, to whisper words of hope when no one else does. Over time, we realize that resilience isn’t loud or grandiose; it’s a quiet defiance, a refusal to let life’s weight crush us entirely.

Yes, it’s messy. Yes, it’s exhausting. And yes, there are days when it feels almost impossible to take another step. But even then, we move forward. Each tiny step is proof of our resilience, a reminder that even in our darkest moments, we’re still fighting, still refusing to give up. That fight—that courage—is the quiet miracle of survival.

©पूर्वार्थ

#good_night

15 Love

White "यहां हमारी सारी ख्वाहिशें निर्माणाधीन हैं ll निर्माणाधीन इसलिए हैं क्योंकि अंतहीन हैं ll खुद को स्वतंत्र कहने वाले हम, वक्त और किस्मत के अधीन हैं ll दिमाग वाले महामहिम हैं और दिल वाले दीन-हीन हैं ll सबको सज़ा ए मौत मुकर्रर है सबके अपराध बेहद संगीन हैं ll सादा जीवन, उच्च विचार, सबसे प्यार, जीवन जीने के असल रास्ते यही तीन हैं ll" ©पूर्वार्थ

#sad_quotes  White "यहां हमारी सारी ख्वाहिशें निर्माणाधीन हैं ll
 निर्माणाधीन इसलिए हैं क्योंकि अंतहीन हैं ll  

  खुद को स्वतंत्र कहने वाले हम,
  वक्त और किस्मत के अधीन हैं ll

  दिमाग वाले महामहिम हैं 
  और दिल वाले दीन-हीन हैं ll

  सबको सज़ा ए मौत मुकर्रर है
  सबके अपराध बेहद संगीन हैं ll

  सादा जीवन, उच्च विचार, सबसे प्यार,
  जीवन जीने के असल रास्ते यही तीन हैं ll"

©पूर्वार्थ

#sad_quotes

13 Love

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