White जो चाहता है मन मेरा
मैं वो होना चाहता हूं।
डूब कर खुद में ही
मैं खुद को खोना चाहता हूं
खुद को ही खुद में
मैं पाना चाहता हूं
जो चाहता है मन मेरा
मैं वो होना चाहता हूं।
शून्य में रहना चाहता हूं
अनंत तक जाना चाहता हूं
ना कुछ खोना चाहता हूं
ना सब कुछ पाना चाहता हूं
तोड़कर बंधन बेड़ियां सब
खुद से मिलना चाहता हूं
जो चाहता है मन मेरा
मैं वो होना चाहता हूँ ।
छूट कर सारे विश्व भंवर से
मैं खुद का होना चाहता हूं
जो बैठा है भीतर मेरे
मैं उससे मिलना चाहता हूं
ना मैं खुशी चाहता हूं
ना मैं रोना चाहता हूं
जो चाहता है मन मेरा
मैं वो होना चाहता हूं
शून्य में रहना चाहता हूं
अनंत का होना चाहता हूं
©पूर्वार्थ
#शून्य