pramod malakar

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मैं जो भी लिखता हूं कड़वा लिखता हूं ... मगर ... सच लिखता हूं ....। प्रमोद मालाकार एण्ड कंस्ट्रक्शन , झारखंड प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा। झारखण्ड के जमशेदपुर में मेरा आवास है ।

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White दुश्मनों को भगाना हीं होगा 00000000000 समझती नहीं है बात को, जगाने चली आती है आधी रात को। अंधेरा को तुमने क्यों भगाया, जुगनू को हमने बहुत समझाया। जुगनू ने कहा तुम नादान हो, आने वाले तुफान से तुम अंजान हो। मिट जाओगे,कट जाओगे, तुम भगवान नहीं इंसान हो।। फिर मालाकार ने कहा, समझती नहीं है जरा भी बात को, भूलता नहीं है कोई अपने जात को। बिगाड़ रहा है हिन्दू , खुद अपने हालात को।। समझती नहीं है बात को।। भाईचारा निभा रहा है, इसलिए चारा बना रहा है। जुगनू ने कहा सोए को जगाना हीं होगा, दुश्मनों को भगाना हीं होगा। इसलिए तो मैं आता हूं आधि रात को, तुम हिन्दू समझते नहीं , क्यूं मेरे बात को।। =================== प्रमोद मालाकार की कलम से ©pramod malakar

#दुश्मनों #कविता  White दुश्मनों  को भगाना हीं होगा
00000000000 
समझती नहीं है बात को,
जगाने चली आती है आधी रात को।
अंधेरा को तुमने क्यों भगाया,
जुगनू को हमने बहुत समझाया।
जुगनू ने कहा तुम नादान हो,
आने वाले तुफान से तुम अंजान हो।
मिट जाओगे,कट जाओगे,
तुम भगवान नहीं इंसान हो।।
फिर मालाकार ने कहा,
समझती नहीं है जरा भी बात को,
भूलता नहीं है कोई अपने जात को।
बिगाड़ रहा है हिन्दू , खुद अपने हालात को।।
समझती नहीं है बात को।।
भाईचारा निभा रहा है,
इसलिए चारा बना रहा है।
जुगनू ने कहा सोए को जगाना हीं होगा,
दुश्मनों को भगाना हीं होगा।
इसलिए तो मैं आता हूं आधि रात को,
तुम हिन्दू समझते नहीं , क्यूं मेरे बात को।।
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प्रमोद मालाकार की कलम से

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#दुश्मनों को भगाना हीं होगा।.....

13 Love

हिन्दू विरोधियों को पूरा निगल लो @@@@@@@@@@@@ अगर फुर्सत मिले तुम्हें , तो खुद के लिए सोच कर देखना। जिहादियों को दिल से बाहर निकाल कर फेंकना।। मेरा दिल नफ़रती नहीं , पर, मुसलमानो के नौटंकियों ने बना दिया है। हिन्दुओं के दिलों में आग कट्टर पंथियों ने लगा दिया है।। भाईचारे का जन्मदाता है सनातन, हमसे ज्ञान लेकर हमें हीं समझा दिया है। धरती कि संस्कृति को बर्बाद कर दुनिया को रुला दिया है।। ना शर्म ना हया खून से लथपथ इतिहास है इनका, गैरों को छोड़ो अपनों के खून से भी नहा लिया है। ना नारी का सम्मान ना दुनिया का ज्ञान, ना जाने खुदा ने इसे क्यों पैदा किया है।। वक्त का तकाजा है हिन्दुओं खुद को बदल लो, एक हांथ में फरसा दुसरे में सब्बल लो। अगर फुर्सत मिले तुम्हें, तो हिन्दू विरोधियों को पूरा निगल लो।। ######################### प्रमोद मालाकार की कलम से 22.08.24 ©pramod malakar

 हिन्दू विरोधियों को पूरा निगल लो
@@@@@@@@@@@@ 
अगर फुर्सत मिले तुम्हें ,
तो खुद के लिए सोच कर देखना।
जिहादियों को दिल से बाहर निकाल कर फेंकना।।
मेरा दिल नफ़रती नहीं , पर,
 मुसलमानो के नौटंकियों ने बना दिया है।
हिन्दुओं के दिलों में आग कट्टर पंथियों ने लगा दिया है।।
भाईचारे का जन्मदाता है सनातन,
हमसे ज्ञान लेकर हमें हीं समझा दिया है।
धरती कि संस्कृति को बर्बाद कर दुनिया को रुला दिया है।।
ना शर्म ना हया खून से लथपथ इतिहास है इनका,
गैरों को छोड़ो अपनों के खून से भी नहा लिया है।
ना नारी का सम्मान ना दुनिया का ज्ञान,
ना जाने खुदा ने इसे क्यों पैदा किया है।।
वक्त का तकाजा है हिन्दुओं खुद को बदल लो,
एक हांथ में फरसा दुसरे में सब्बल लो।
अगर फुर्सत मिले तुम्हें, 
तो हिन्दू विरोधियों को पूरा निगल लो।।
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प्रमोद मालाकार की कलम से 
22.08.24

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#हिंदू विरोधियों को पूरा निगल लो

12 Love

 तुम कफन में लिपटे हो
000000000000 
सनातन से दूर होकर तुम जिहादियों से पीटते हो, 
मेरी नजरों में तुम  सदा कफन में  लिपटे हो।
कब  तक मोहब्बत  का  नारा  लगाते  रहोगे,
कब तक  मोहब्बत में खुद को  जलाते रहोगे।
निशां  मिट  रहा   है  तुम्हारा , मिट   जाएगा,
तुम्हारे भगवान का भजन फिर कौन गाएगा। 
मुसलमान तुम्हारा ना हुआ है ना होगा कभी, 
जो बिखरे हो टुकड़ों में एक हो जाओ अभी। 
कहीं सर तन से जुदा , कहीं बेटी घर से जुदा,
इंसानों के हत्यारों का मालिक,वह कैसा है खुदा।
धर्म ग्रंथो को पढ़कर अपना ताकत तुम बढ़ा लो, 
जिहादियों को अपने दिल से अभी तुम हटा लो। 
पूजा का थाली या पेट का हो दाना,
हिंदुओं से कर लो तुम सौदा चाहे मकान हो बनाना। 
भाईचारा निभाने वालों तुम तो सिर्फ काफिर हो, 
कट्टर नहीं बने अगर तुम,तो कुछ पल के मुसाफिर हो। 
धर्म  में  नहीं  जातिवाद  में  तुम  सिमटे  हो,
मेरी नजरों में तुम सदा कफन में लिपटे हो।।
#########################
प्रमोद मालाकार की कलम से...19.08.24

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# तुम कफ़न में लिपटे हो

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तुम कफन में लिपटे हो 000000000000 सनातन से दूर होकर तुम जिहादियों से पीटते हो, मेरी नजरों में तुम सदा कफन में लिपटे हो। कब तक मोहब्बत का नारा लगाते रहोगे, कब तक मोहब्बत में खुद को जलते रहोगे। निशा मिट रहा है तुम्हारा , मिट जाएगा, तुम्हारे भगवान का भजन फिर कौन गाएगा। मुसलमान तुम्हारा ना हुआ है ना होगा कभी, जो बिखरे हो टुकड़ों में एक हो जाओ अभी। कहीं सर तन से जुदा , कहीं बेटी घर से जुदा, इंसानों के हत्यारों का मालिक,वह कैसा है खुदा। धर्म ग्रंथो को पढ़कर अपना ताकत तुम बढ़ा लो, जिहादियों को अपने दिल से अभी तुम हटा लो। पूजा का थाली या पेट का हो दाना, हिंदुओं से कर लो तुम सौदा चाहे मकान हो बनाना। भाईचारा निभाने वालों तुम तो सिर्फ काफिर हो, कट्टर नहीं बने अगर तुम,तो कुछ पल के मुसाफिर हो। धर्म में नहीं जातिवाद में तुम सिमटे हो, मेरी नजरों में तुम सदा कफन में लिपटे हो।। ######################### प्रमोद मालाकार की कलम से...19.08.24 ©pramod malakar

 तुम कफन में लिपटे हो
000000000000 
सनातन से दूर होकर तुम जिहादियों से पीटते हो, 
मेरी नजरों में तुम  सदा कफन में  लिपटे हो।
कब  तक मोहब्बत  का  नारा  लगाते  रहोगे,
कब तक  मोहब्बत में खुद को  जलते रहोगे।
निशा  मिट  रहा   है  तुम्हारा , मिट   जाएगा,
तुम्हारे भगवान का भजन फिर कौन गाएगा। 
मुसलमान तुम्हारा ना हुआ है ना होगा कभी, 
जो बिखरे हो टुकड़ों में एक हो जाओ अभी। 
कहीं सर तन से जुदा , कहीं बेटी घर से जुदा,
इंसानों के हत्यारों का मालिक,वह कैसा है खुदा।
धर्म ग्रंथो को पढ़कर अपना ताकत तुम बढ़ा लो, 
जिहादियों को अपने दिल से अभी तुम हटा लो। 
पूजा का थाली या पेट का हो दाना,
हिंदुओं से कर लो तुम सौदा चाहे मकान हो बनाना। 
भाईचारा निभाने वालों तुम तो सिर्फ काफिर हो, 
कट्टर नहीं बने अगर तुम,तो कुछ पल के मुसाफिर हो। 
धर्म  में  नहीं  जातिवाद  में  तुम  सिमटे  हो,
मेरी नजरों में तुम सदा कफन में लिपटे हो।।
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प्रमोद मालाकार की कलम से...19.08.24

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# तुम कफ़न में लिपटे हो

14 Love

 हिन्दुओं एक हो जाओ 
###############
चलो भारत तुम्हें पुकार रही है,
हिन्दुओं एक हो जाओ।
धरती तुम्हें समझा रही है।।

संग्राम का वक्त आ चुका है,
संवेदना-पिड़ा का है वक्त नहीं।
पल-पल समय समझा रही है।।

धर्म रक्षक विर पुरुष हो तुम,
तन में खून बह रहा रण विरों का,
चलो खून बहाएं हम असुरों का।
चलो भारत तुम्हें पुकार रही है।।

धरती मां का कर्ज हमें चुकाना है,
दुश्मनों को कांटों पर सुलाना है। 
सनातन संस्कृति का भगवा लहराना है।।
 
जाति शब्द का कलंक मिटा दो तुम,
संस्कृति संस्कार सम्मान बचा लो।
सनातन धर्म का अभिनंदन करो।।

हर नौजवान शक्तिवान बनों भारत का,
क्रांति का तुम तुफान उठा दो।
हिन्दुओं के दुश्मनों को कफ़न पहना दो।।
चलो भारत तुम्हें पुकार रही है।।
9696969696969696969
प्रमोद मालाकार...04.08.24

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#हिन्दुओं एक हो जाओ कविता देशभक्ति कविताएँ

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हिन्दुओं एक हो जाओ ############### चलो भारत तुम्हें पुकार रही है, हिन्दुओं एक हो जाओ। धरती तुम्हें समझा रही है।। संग्राम का वक्त आ चुका है, संवेदना-पिड़ा का है वक्त नहीं। पल-पल समय समझा रही है।। धर्म रक्षक विर पुरुष हो तुम, तन में खून बह रहा रण विरों का, चलो खून बहाएं हम असुरों का। चलो भारत तुम्हें पुकार रही है।। धरती मां का कर्ज हमें चुकाना है, दुश्मनों को कांटों पर सुलाना है। सनातन संस्कृति का भगवा लहराना है।। जाति शब्द का कलंक मिटा दो तुम, संस्कृति संस्कार सम्मान बचा लो। सनातन धर्म का अभिनंदन करो।। हर नौजवान शक्तिवान बनों भारत का, क्रांति का तुम तुफान उठा दो। हिन्दुओं के दुश्मनों को कफ़न पहना दो।। चलो भारत तुम्हें पुकार रही है।। 96969696969696969696969969 प्रमोद मालाकार...04.08.24 ©pramod malakar

 हिन्दुओं एक हो जाओ 
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चलो भारत तुम्हें पुकार रही है,
हिन्दुओं एक हो जाओ।
धरती तुम्हें समझा रही है।।

संग्राम का वक्त आ चुका है,
संवेदना-पिड़ा का है वक्त नहीं।
पल-पल समय समझा रही है।।

धर्म रक्षक विर पुरुष हो तुम,
तन में खून बह रहा रण विरों का,
चलो खून बहाएं हम असुरों का।
चलो भारत तुम्हें पुकार रही है।।

धरती मां का कर्ज हमें चुकाना है,
दुश्मनों को कांटों पर सुलाना है। 
सनातन संस्कृति का भगवा लहराना है।।
 
जाति शब्द का कलंक मिटा दो तुम,
संस्कृति संस्कार सम्मान बचा लो।
सनातन धर्म का अभिनंदन करो।।

हर नौजवान शक्तिवान बनों भारत का,
क्रांति का तुम तुफान उठा दो।
हिन्दुओं के दुश्मनों को कफ़न पहना दो।।
चलो भारत तुम्हें पुकार रही है।।
96969696969696969696969969
प्रमोद मालाकार...04.08.24

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#हिन्दुओं एक हो जाओ

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