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विद्यावारिधि(Ph. D) ज्योतिष हस्त रेखा विशेषज्ञ
✍️आज की डायरी✍️ "सोचो" कितना भी "सोचने" की आदत से निजात पा जाएँ हम , ज़िन्दगी के कुछ फ़लसफ़े फ़िर से "सोचने" को मज़बूर कर देते हैं हमें ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र
डॉ राघवेन्द्र
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✍️आज की डायरी ✍️ ✍️ छिद्रान्वेषी मानव... ✍️ गज़ब की फ़ितरत है उसकी अपने में बदलाव करता है । जो बात न भी हुई हो उसमें भी इक राज खोजता है ।। मुस्कुराहट पर भी उसके यकीन न जाने क्यूँ नहीं होता । अपनी हरकतों से वो हरदम इक जलसाज लगता है ।। भरोसा जब ख़ुद पर नहीं तो औरों पर क्या करेगा वो । शक्की निग़ाहें उसकी, उसके दिल का पर्दाफाश करता है ।। जिसे सब मिल जाए मुकद्दर से मेहनत क्या ही समझेगा । किसी का कर्म करना भी उसे बस टाइमपास लगता है ।। छोड़ देना सही है ऐसे शख्स को उसके हालत पर "नीरज "। सब मिल जाए फ़िर भी जिंदगी से वो हताश ही लगता है ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र
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Unsplash ✍️आज की डायरी✍️ ✍️लिखने की कोशिश जरूर होती है....✍️ ये अल्फ़ाज़ जो मैं लिखता हूं एक सोच होती है । कभी वक़्त से कभी हालात से खाई चोट होती है ।। शौक़ नहीं है दर्द -ए-गम को सरेआम करने की । सुकून पाने के लिए ये खता हमसे रोज़ होती है ।। भावनाओं के खेल में कौन जीता कौन हारा है । दिल में समझने की ये कोशिश पुरजोर होती है ।। उदासी की वजह नज़रें ही बखूबी पहचानती हैं । चेहरे पर हँसी लाने को ये आँखें मज़बूर होती है ।। यूँ ही काग़ज और कलम नहीं उठाता हूँ "नीरज"। बस रोज़ जज्बात लिखने की कोशिश जरूर होती है ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र
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✍️आज की डायरी✍️ वो अँधेरा ही अच्छा है जिसमें रोशनी की आस नहीं होती । उम्मीदों की किरण का बुझ जाना बहुत कुछ तोड़ देता है ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र
night quotes in hindi ✍️आज की डायरी✍️ ✍️स्याह रात.... ✍️ रात के सन्नाटे में कई खयालात उभर आते हैं । कुछ अनकहे जज़्बात आंखों से छलक जाते हैं ।। दिल के गुबार निकल जाते हैं उस तन्हाई में । चारों तरफ़ बस खुद के साये नज़र आते हैं ।। दिन के शोर से अच्छी है रात की खामोशियां । बेवजह ही लोग अंधेरी रातों से ख़ौफ खाते हैं ।। भागती ज़िन्दगी में फ़ुरसत कहां रुक जाने की । इस रात के बहाने हम कुछ वक़्त ठहर पाते हैं ।। जो फ़ैसले दिन के उजाले में करना मुश्किल है । वो हर फ़ैसला इन्हीं स्याह रातों में लिये जाते हैं ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र
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✍️आज की डायरी✍️ फ़रेबियों के साथ रहने में भी कुछ तो तजुर्बा होता ही है "नीरज" । इस जिन्दगी को जीने के लिए कुछ दाँवपेंच वो भी सिखाते हैं हमें ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र
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