New Year 2024-25 ✍️आज की डायरी✍️ | हिंदी कविता

"New Year 2024-25 ✍️आज की डायरी✍️ ✍️बीत गया एक और साल✍️ बीत गया आज ये साल भी चलो कुछ यादों को याद कर लें । अच्छी बातों को सहेज लें बुरी बातों को नज़रअन्दाज कर लें ।। बात इस 'जनवरी' की करूँ तो बस ठंड का एहसास होता है । चलो प्यार के प्रतीक 'फरवरी' से ही एक मुलाक़ात कर लें ।। रंगों की बात चली तो ये खूबसूरत 'मार्च' याद आ गया । आओ इस 'अप्रैल' से गर्म भरे मौसम की शुरुआत कर लें ।। इस 'मई' में हम कई परीक्षाओं के दौर से भी गुजरे थे । चलो इस 'जून ' में अच्छे परिणामों का इन्तजार कर लें ।। ये 'जुलाई ' फ़िर से लेकर आया था पढ़ने- पढ़ाने का मौसम । चलो इस 'अगस्त' में अपने देश को फ़िर से आज़ाद कर लें ।। विजय के पर्व दशहरा को मनाया है 'सितम्बर'-अक्तूबर में ही । आओ इन महीनों में शुरू सुहावने मौसम की बात कर लें ।। दीप जलाकर 'नवम्बर' को उजाले से भर दिया था हमनें । चलो फ़िर से इस सर्द 'दिसम्बर' की छुट्टियों की बात कर लें ।। बीत गया फ़िर..................... "खट्टी-मीठी यादों के साथ 💐2024💐को अलविदा" ✍️ नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र"

 New Year 2024-25 ✍️आज की डायरी✍️

                 ✍️बीत गया एक और साल✍️

बीत गया आज ये साल भी चलो कुछ यादों को याद कर लें । 
अच्छी बातों को सहेज लें बुरी बातों को नज़रअन्दाज कर लें ।। 

बात इस 'जनवरी' की करूँ तो बस ठंड का एहसास होता है । 
चलो प्यार के प्रतीक 'फरवरी' से ही एक मुलाक़ात कर लें ।।

रंगों की बात चली तो ये खूबसूरत 'मार्च' याद आ गया । 
आओ इस 'अप्रैल' से गर्म भरे मौसम की शुरुआत कर लें ।।

इस 'मई' में हम कई परीक्षाओं के दौर से भी गुजरे थे । 
चलो इस 'जून ' में अच्छे परिणामों का इन्तजार कर लें ।।

ये 'जुलाई ' फ़िर से लेकर आया था पढ़ने- पढ़ाने का मौसम । 
चलो इस 'अगस्त' में अपने देश को फ़िर से आज़ाद कर लें ।।

विजय के पर्व दशहरा को मनाया है 'सितम्बर'-अक्तूबर में ही । 
आओ इन महीनों में शुरू सुहावने मौसम की बात कर लें ।।

दीप जलाकर 'नवम्बर' को उजाले से भर दिया था हमनें । 
चलो फ़िर से इस सर्द 'दिसम्बर' की छुट्टियों की बात कर लें ।।

बीत गया फ़िर.....................

 "खट्टी-मीठी यादों के साथ 💐2024💐को अलविदा"

                           ✍️ नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र

New Year 2024-25 ✍️आज की डायरी✍️ ✍️बीत गया एक और साल✍️ बीत गया आज ये साल भी चलो कुछ यादों को याद कर लें । अच्छी बातों को सहेज लें बुरी बातों को नज़रअन्दाज कर लें ।। बात इस 'जनवरी' की करूँ तो बस ठंड का एहसास होता है । चलो प्यार के प्रतीक 'फरवरी' से ही एक मुलाक़ात कर लें ।। रंगों की बात चली तो ये खूबसूरत 'मार्च' याद आ गया । आओ इस 'अप्रैल' से गर्म भरे मौसम की शुरुआत कर लें ।। इस 'मई' में हम कई परीक्षाओं के दौर से भी गुजरे थे । चलो इस 'जून ' में अच्छे परिणामों का इन्तजार कर लें ।। ये 'जुलाई ' फ़िर से लेकर आया था पढ़ने- पढ़ाने का मौसम । चलो इस 'अगस्त' में अपने देश को फ़िर से आज़ाद कर लें ।। विजय के पर्व दशहरा को मनाया है 'सितम्बर'-अक्तूबर में ही । आओ इन महीनों में शुरू सुहावने मौसम की बात कर लें ।। दीप जलाकर 'नवम्बर' को उजाले से भर दिया था हमनें । चलो फ़िर से इस सर्द 'दिसम्बर' की छुट्टियों की बात कर लें ।। बीत गया फ़िर..................... "खट्टी-मीठी यादों के साथ 💐2024💐को अलविदा" ✍️ नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र

#Newyear2024-25

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