White प्रेम: एक गहरा सागर
प्रेम एक गहरा सागर है, अनंत इसकी थाह,
गहराइयों में समाया जिसमें, हर सुख-दुख की राह।
लहरों संग बहती हैं इसमें, अनगिनत कहानियाँ,
कभी मीठी मुस्कानें, तो कभी भीगी सी निशानियाँ।
यहाँ लहरों में जज़्बातों का अनमोल मोती है,
कभी छू ले आकाश, तो कभी गहराइयों में रोती है।
इसकी तह में बसी हैं, चुपचाप सी सदायें,
कभी मिलन की मस्ती, तो कभी जुदाई की परछाइयाँ।
जो इस सागर में डूब गया, उसे किनारा न मिला,
पर जिसने खुद को खो दिया, उसे खुदा सा प्यार मिला।
प्रेम कोई सौदा नहीं, ना ही कोई खेल,
यह तो सागर की लहरें हैं, कभी शांत, कभी बेलगाम रेल।
बस डूब जाने दे खुद को, इस अथाह समंदर में,
कभी महसूस कर लहरों को, कभी खो जा इस मंजर में।
©Preeti Yadav
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here