✍️आज की डायरी ✍️
तुम.... ✍️✍️
अच्छा ये तो बताओ कहाँ जाओगे तुम ।
दूर होकर ये वक़्त कैसे बिताओगे तुम ।।
मिल जायेंगे बहुत जश्न मनाने के लिए तुम्हें ।
अपने दर्द-ए-गम को किसे सुनाओगे तुम ।।
जब भी आयेगी याद पुराने लम्हों की ।
तन्हाईयों में कौन सा गीत गुनगुनाओगे तुम ।।
जीने मरने की कसमें खा लिए थे साथ में ।
पराये हो गए गर तो कसम कैसे निभाओगे तुम ।।
सुकूँ मिल जायेगा मिलने की घड़ी सोचकर ।
जो भी तारीख मुकम्मल बतलाओगे तुम ।।
यादें ही बहुत है अकेले जीने के लिये "नीरज"।
ये बात कब तक ख़ुद को समझाओगे तुम ।।
✍️नीरज✍️
©डॉ राघवेन्द्र
#lovebirds