White शायरी
मरहम लगाने वाले ने,
अपने ही हाथों से आज घाव दे गया।
जिनसे आशा थी, जिंदगी भर साथ का ,
वही जिंदगी ग़ुज़र जाए, उनकी ख्यालों में
ऐसी बदनामी -ए -दाग़ दे गया।।
उनके साथ बिताए, कुछ वक्त हँसातें हैं,
आज उस वक्त का इलज़ाम,
मेरे सर दे गया ।
अफ़सोस है, तेरे होने का, ए खुदा
तेरे दरबार में एक बेगुनाह को,
तड़पता मौत - ए - ज़ाम सज़ा दे गया।।
लेखक : विजय सर जी
©शायर विजय सर जी
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here