Hum
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कुछ नग्में कुछ गीत हर रोज गुनगुनाते हैं। कुछ लफ्ज़ कुछ जुमले, हर वक़्त दोहराते हैं। ढूंढती हूँ में, कास कोई ऐसा नगमा मिल जाए, हर रोज खोजती हूँ में, कास कोई ऐसा जुमला मिल जाए, बयां करने की जरूरत भी न हो। और आप जनाब, बिन बोले सब समझ जाए।। वैसे तो खूब समझते हैं, आप यूँ ही हमदर्द न कहलाते हैं। थोड़ा"और'" कि ख्वाहिश है, कास यह चाहत भी हमारी पूरी हो जाए।। ©BINOदिनी

#कविता #Hum  कुछ नग्में
कुछ गीत
हर रोज गुनगुनाते हैं।
कुछ लफ्ज़
कुछ जुमले,
हर वक़्त दोहराते हैं।
ढूंढती हूँ में,
कास कोई ऐसा नगमा मिल जाए,
हर रोज खोजती हूँ में,
कास कोई ऐसा जुमला मिल जाए,
बयां करने की
जरूरत भी न हो।
और आप जनाब,
बिन बोले सब समझ जाए।।
वैसे तो खूब समझते हैं,
आप यूँ ही हमदर्द न कहलाते हैं।
थोड़ा"और'" कि ख्वाहिश है,
कास यह चाहत भी हमारी पूरी हो जाए।।

©BINOदिनी

#Hum

10 Love

राजनीति और धर्म पुराने हो चले हैं अब विज्ञान और अध्यात्म का समय आ गया है... -प. जवाहर लाल नेहरू ©VED PRAKASH 73

#जीवन_धारा #wishes  राजनीति और धर्म पुराने हो चले हैं 
अब विज्ञान और अध्यात्म 
का समय आ गया है...
 -प. जवाहर लाल नेहरू

©VED PRAKASH 73

याद आती तो है हर बार जताना जरुरी नहीं कौनसा हम अपने दिल की धड़कन रोज महसूस करते है चल रही है तो कीमत नहीं है तन्हा हो कर देखो हर पल महसूस होगी एक आप हो जो हमे तन्हा छोड़ते नहीं …!! आपका हमदर्द ©Kiran Pawara

#Hum  याद आती तो है 
हर बार जताना जरुरी नहीं 

कौनसा हम अपने दिल की 
धड़कन रोज महसूस करते है 

चल रही है 
तो कीमत नहीं है 

तन्हा हो कर देखो 
हर पल महसूस होगी 

एक आप हो जो हमे 
 तन्हा छोड़ते नहीं …!! 


आपका हमदर्द

©Kiran Pawara

#Hum love

13 Love

और शायद कुछ भी न दे सकू, मैं तुम्हे। मगर एक स्वीकृती जरूर दूंगी जो समाज कभी न दे सका एक पुरुष को हां तुम रो सकते हो।जब कभी घिर जाओ भयानक बैचेनी से या गमों से।मेरी गोद में सर रख ,तुम रो सकते हो और मैं समेट लूंगी,अपने आंचल में तुम्हारी आंखो से गिरता हर दुःख।और शायद धोउ भी न कभी अपना दुपट्टा। ©seema patidar

 और शायद कुछ भी न दे सकू, मैं तुम्हे।
मगर एक स्वीकृती जरूर दूंगी
जो समाज कभी न दे सका एक पुरुष को
हां तुम रो सकते हो।जब कभी घिर जाओ
भयानक बैचेनी से या गमों से।मेरी गोद में
सर रख ,तुम रो सकते हो
और मैं समेट लूंगी,अपने आंचल में तुम्हारी
आंखो से गिरता हर दुःख।और शायद
धोउ भी न कभी अपना दुपट्टा।

©seema patidar

स्वीकृती .......

17 Love

"यह शक़्ल सुरत कर्ज़ हैं, उस मालिक का यथार्थ कर्म है। जो इतिहास बनकर संसार में रह जाएंगे। ।" ©priyanka verma

#मोटिवेशनल #Hum  "यह शक़्ल सुरत कर्ज़ हैं,
उस मालिक का 
यथार्थ कर्म है। 
जो इतिहास बनकर संसार में रह जाएंगे। ।"

©priyanka verma

#Hum

12 Love

न तो भंवरा फूल को छोड़ना चाहता है, न फूल बाग को... न आपकी यादें मुझे छोड़ना चाहती है, न मैं आपको...... ©Sunil Kumar

#शायरी #Hum  न तो भंवरा फूल को छोड़ना चाहता है,
न फूल बाग को...
न आपकी यादें मुझे छोड़ना चाहती है,
   न मैं आपको......

©Sunil Kumar

#Hum शायरी लव रोमांटिक लव शायरी 'दर्द भरी शायरी' दोस्ती शायरी हिंदी शायरी

18 Love

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