White **"डिजिटल परछाईं"**
जब थम जाएगी ये सांसों की डोरी,
और दुनिया रह जाएगी पीछे की कहानी,
फिर क्या होगा उन अकाउंट्स का,
जहां हमने गढ़ी थी अपनी डिजिटल निशानी।
इंस्टाग्राम पर रह जाएगी हंसी की झलक,
फोटो, रील, और यादों की चमक।
लाइक और कमेंट्स तो थम जाएंगे,
पर हमारी परछाईं वहां रह जाएगी।
फेसबुक पर बचेंगी पोस्ट की बातें,
दोस्तों संग बिताए लम्हों के नाते।
वो "हैप्पी बर्थडे" की पुरानी पुकार,
अब केवल यादों की बन जाएगी दीवार।
यूट्यूब पर बसेंगे हमारे ख्वाब,
वो वीडियो, वो आवाज़ें, वो जवाब।
सब्सक्राइबर्स गिनेंगे बीते दिनों को,
पर चैनल का सन्नाटा बताएगा सच को।
डिजिटल दुनिया भले अमर हो जाए,
पर इंसान की हकीकत छिप नहीं पाए।
हम जाएंगे पर छाप रह जाएगी,
वर्चुअल दुनियां में भी कहानी कह जाएगी।
तो जी लो अभी, ये पल अनमोल हैं,
क्योंकि अंत में यादें ही सहचर हैं।
इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब का क्या,
हमारी जिंदगी का हर लम्हा असल है।
©Writer Mamta Ambedkar
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