NojotoRamleela
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राम भजन ----------- रे मन मुसाफिर तू किस काम का अगर तू ना गाये भजन राम का..! व्यर्थ काम वासना में डूब रहा है पाप की नगरी मे मस्त खूब रहा है जाग जरा सा सोच खरा सा जन्म ये तेरा पाप भरा सा मोल क्या है जीवन में राम नाम का.. रे मन मुसाफिर.. लोभ बढ़े पाप करे मोह बढ़ाये एक घड़ी मुख में तेरे राम न आये उम्र ये तेरी बीत रही है पाप की गठरी जीत रही है कर ले इंतजाम ज़िंदगी की शाम.का.. रे मन मुसाफिर... आज भी है वक़्त अपनी आँख खोल ले स्वांस स्वांस 'राम राम' नाम बोल ले जाने किस घड़ी मौत हो खड़ी कौन बचाये जहान मतलबी तुझको क्या ख़बर होगा परिणाम का.. रे मन मुसाफिर... ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#कविता #NojotoRamleela  राम भजन 
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रे मन मुसाफिर तू किस काम का
अगर तू ना गाये भजन राम का..!

व्यर्थ काम वासना में डूब रहा है
पाप की नगरी मे मस्त खूब रहा है 
जाग जरा सा सोच खरा सा
जन्म ये तेरा पाप भरा सा 
मोल क्या है जीवन में राम नाम का..
रे मन मुसाफिर..

लोभ बढ़े पाप करे मोह बढ़ाये
एक घड़ी मुख में तेरे राम न आये
उम्र ये तेरी बीत रही है
पाप की गठरी जीत रही है
कर ले इंतजाम ज़िंदगी की शाम.का..
रे मन मुसाफिर...

आज भी है वक़्त अपनी आँख खोल ले 
स्वांस स्वांस 'राम राम' नाम बोल ले 
जाने किस घड़ी मौत हो खड़ी 
कौन बचाये जहान मतलबी 
तुझको क्या ख़बर होगा परिणाम का..
रे मन मुसाफिर...

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
#NojotoRamleela #Ayodhya  इस जग के वो पालनहार, इस धरा के बिंदु वही,
तीनों लोक के स्वामी हैं वो, वो ही है करुणा निधान है,
इस जग के प्रभाव तो बस प्रभु श्री राम है,
ना जाने उठते कितने मन में अनगिनत भाव हैं,
पर उन सब भावों का प्रभाव सिर्फ राम हैं,
पिता के वचन के खातिर त्याग सब राज पाट,
निकल पड़े वन को पुण्य काम की तलाश में,
जो खुद हैं सभी तीर्थों के धामों के स्वामी,
वन वन भटक रहे थे वो तीर्थ फिर से नए धाम की तलाश में,
ना किसी मोह न किसी माया की तलाश में,
राजा श्री राम तो वन गए थे खुद प्रभु श्री राम की तलाश में,
जो न छोड़ते वो महल तो राजा राम ही रह जाते,
जो भटके वन वन वो तो तब बन गए प्रभु श्री राम हैं,
उन्हें ढूंढने जाने को दुनिया बहुत बड़ी सी है,
को खुद में देखो ढूंढकर मिल जायेंगे अपने राम अपने ही मन के अंदर,
जो समय के साथ में ढलना कैसे हमें सीखा गए,
त्याग सब सुख सुविधा को प्रसन्न रहना कैसे बतला गए,
खुद जो जगमग करते थे जग को,
वो सरल जीवन में बस दिए से जले सदा,
खुद को ही बना के पथ उस पथ पे जग के कल्याण को चले सदा,
देके जग को कई सीखें, खुद को राजा राम से मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्री राम बना लिया,
छोड़ के जो भटके थे वन वन उन्होंने सबको तार दिया,
ख़ाके झूठे बेर सबरी के उन्होंने जग को एक समान किया,
कर अहिल्या का उद्धार न जाने कितने कष्टों को हर लिया,
माता सीता के खातिर जिन्होंने लंकापति न नाश किया,
और अंतिम समय में जाके अपने दुश्मन से भी ज्ञान लिया,
ऐसे ही नहीं उन्होंने जीवन को आदर्श किया,
राम बन पाना बस प्रभु श्री राम का ही काम था,
यूंही नही आदर्शों का उनके अब तक प्रभाव है,
कि देखो हर युग में कुछ न कुछ सिखलाने के बाद,
मेरे प्रभु श्री राम लेके माता सीता को साथ,
फिर पधार रहे हैं अपने निज श्री अयोध्या धाम,
कि उनके स्वागत को व्याकुल ये नैना करे हैं इंतजार,
देखो लौट के फिर से आ रहे हैं हमारे प्रभु श्री राम,
जिनके आने से जगमग होगा फिर सारा संसार,
फिर बहेगी ज्ञान की गंगा और उमड़ेगा खुशियों का सागर बारंबार,
कि करने इस जग का कल्याण कलयुग में आ रहे हैं,
देखो सब लोग मेरे प्रभु श्री राम माता जानकी के साथ,
संग में प्रभु लक्ष्मण और संकटमोचन श्री हनुमान,
सजाना है जग को फिर से उनके स्वागत में दियों के साथ,
कि देने अपना आशीष आ रहें है स्वयं मेरे प्रभु राम...

©Shivendra Gupta 'शिव'

केवट तो प्रभु पा गया, चरण-कमल की धूल मैं क्यों वंचित  स्नेह  से, हुई  कहाँ  पर  भूल। ©Anil Mishra Prahari

#कविता #NojotoRamleela  केवट तो प्रभु पा गया, चरण-कमल की धूल
  मैं क्यों वंचित  स्नेह  से, हुई  कहाँ  पर  भूल।

©Anil Mishra Prahari
#NojotoRamleela #surmayeeshayar #Quotes  श्रीराम के नाम की महिमा
 होती है अपरम्पार,
सुमिरन श्रीराम का करता 
भवसागर से पार।

©surmayeeshayar

जो राम निमंत्रण ठुकराएगै वो बाद मे बहुत पछताएगै जब ठोकर वो खाएंगे फिर प्रभु की शरण वो आयेंगे ©Rohan Rajasthani

#NojotoRamleela  जो  राम निमंत्रण ठुकराएगै
वो बाद मे बहुत पछताएगै
जब ठोकर वो खाएंगे 
फिर प्रभु की शरण वो आयेंगे

©Rohan Rajasthani
#NojotoRamleela #समाज  गए कहाँ थे राम कभी
श्री राम बसें है कण कण में
श्री राम तो हर हृदय में है
श्री राम यहाँ हर जन जन में
बस खोज सको तो खोजो तुम
राम है या रावण मन में

©दक्ष आर्यन
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