रघुवर जय जय जय श्री राम
हर नैया को पार लगाए राम तुम्हारा नाम
रघुवर जय जय जय श्री राम।।
जगत पिता तुम सबके स्वामी
हम बालक मूरख खलकामी
सबके सब गुण दोष तू जाने
तुम जगपालक अंतर्यामी
तेरा तुझको सौंप दूं अपने भले बुरे सब काम।
रघुवर जय जय जय श्री राम।।
रघुकुल भूषण दशरथ नंदन
कौशल्या सुत हे जग वंदन
आस निराश में प्राण फंसे हैं
दूर करो दु:ख हे दुख भंजन।
भटक रहा हूँ भव सागर में दो चरणों में धाम।
रघुवर जय जय जय श्री राम।।
करुणा सागर पालनहारे
सब दुखिया के तुम ही सहारे
जिसका कोई नहीं जगत में
राम तुम्हीं उसके रखवारे।
तुम्हें जपे जो सांझ सकारे बनते बिगड़े काम।
रघुवर जय जय जय श्री राम।।
रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक
©Ripudaman Jha Pinaki
#जयश्रीराम