New Year 2025 गया पुराना वर्ष लिए नव हर्ष आज नववर्ष आया।
कुसुमित पुलकित हर मानव है, हर हृदय आज है हर्षाया।।
फिर आया है आशाओं की नव किरण लिए नववर्ष आज।
जन जीवन सुख आरोग्य भरा होगा जग का उत्कर्ष राज।।
नववर्ष आगमन से जन में, आशा की नई किरण जागी।
बीते वर्षों की दुखद घड़ी, की यादें मन से है त्यागी।।
साकार नयन से हर मानव, कर रहा अभिनंदन नववर्ष का।
और खिन्न हृदय से लोग सभी, छोड़े हैं आंचल गत वर्ष का।।
कर रहे कामना यही सभी, यह वर्ष तो अच्छा बीतेगा।
अपने शुभ आशीर्वादों से, जीवन खुशियों से भर देगा।।
दुःख, रोग, क्लेश, संताप मिटे यही कामना करते मंगलमय।
अब कोई मुसीबत ना आए, जीवन बीते सबका सुखमय।।
रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक
©रिपुदमन झा 'पिनाकी'
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