White "तेरी नज़रों का गुनहगार"
तुमने जो न देखा, उसी से मर गया हूँ मैं,
तेरी बेरुख़ी के साये में घर गया हूँ मैं।
एक बार नज़र भर के देख लेती गर,
शायद दर्द की गिरह से उबर गया हूँ मैं।
तेरी नज़रों की तलाश में बेमकसद जी रहा,
तेरी खामोशी के जवाब में ही सिसक रहा।
खुदा से शिकायत नहीं, बस ये मलाल है,
कि तेरा हर एक जिक्र मेरी सांसों में बेहाल है।
अब ना आवाज़ है, ना उम्मीद का सहारा,
बस तेरे ना देखने से ही, खुद को गंवा डाला।
अगर कभी लौट कर आए तेरी एक नज़र,
तो उस मिट्टी पर देखना, जहां मैं दफ़न हूँ मगर।
©UNCLE彡RAVAN
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