अब वो शख़्स भी घूरता है मुझे, जो आइने में दिखता है | हिंदी Shayari

"अब वो शख़्स भी घूरता है मुझे, जो आइने में दिखता है मुझे। नज़रों में है इल्ज़ामों का सैलाब, जैसे मेरी हर हार लिखता है मुझे। पहले वो दोस्त था, हमराज़ था मेरा, अब तो अजनबी सा लगता है मुझे। ख़ामोश खड़ा है, पर चीखता हुआ, अपने ही सवालों में जकड़ता है मुझे। कभी मेरे होने की वजह था वही, आज वही मेरा वजूद मिटाता है मुझे। शायद ये आइना भी थक गया है अब, जो मेरी ही परछाई से डराता है मुझे। ©UNCLE彡RAVAN"

 अब वो शख़्स भी घूरता है मुझे,
जो आइने में दिखता है मुझे।
नज़रों में है इल्ज़ामों का सैलाब,
जैसे मेरी हर हार लिखता है मुझे।

पहले वो दोस्त था, हमराज़ था मेरा,
अब तो अजनबी सा लगता है मुझे।
ख़ामोश खड़ा है, पर चीखता हुआ,
अपने ही सवालों में जकड़ता है मुझे।

कभी मेरे होने की वजह था वही,
आज वही मेरा वजूद मिटाता है मुझे।
शायद ये आइना भी थक गया है अब,
जो मेरी ही परछाई से डराता है मुझे।

©UNCLE彡RAVAN

अब वो शख़्स भी घूरता है मुझे, जो आइने में दिखता है मुझे। नज़रों में है इल्ज़ामों का सैलाब, जैसे मेरी हर हार लिखता है मुझे। पहले वो दोस्त था, हमराज़ था मेरा, अब तो अजनबी सा लगता है मुझे। ख़ामोश खड़ा है, पर चीखता हुआ, अपने ही सवालों में जकड़ता है मुझे। कभी मेरे होने की वजह था वही, आज वही मेरा वजूद मिटाता है मुझे। शायद ये आइना भी थक गया है अब, जो मेरी ही परछाई से डराता है मुझे। ©UNCLE彡RAVAN

#Dark

People who shared love close

More like this

Trending Topic