White जाऊँ तो बुलाया न कर।
तु मुझे मनाया न कर ।
जैसे पड़ जाऊँ पड़े रहने दिया कर,
बिखरूं तो उठाया न कर।
दूर है तो दूर रह बेहतर है यूँहीं,
मुझे सीने से लगाया न कर।
एक बार की तड़पी तर जाऊँगी,
प्यास मेरी बुझाया न कर।
तुझे तो देख कर ही मर जाऊँ,
पास मेरे आया न कर।
मैं जो भी हूँ तेरे लिए सब इल्म है,
बोल कर तू जताया न कर।
ना-चीज़ हूँ ना-चीज़ रहना चाहती हूँ,
तू उम्मीदें मेरी बढ़ाया न कर।
बहुत बदतमीज़ी से बदनाम हूँ ज़हाँ में,
तू वाबस्ता है मुझसे बताया न कर।
यूँ ही एक दिन उसका नाम न लिख दूँ,
ख़ुदा मुझसे लिखवाया न कर।
ऐसे तो गुरबत ए ग़म हो जानी है निशा,
मेरे यार मुझे रुलाया न कर।
©Ritu Nisha
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