मेरा दिल भी बहुत ज़ोर से टूटा था,
जैसे ख़्वाब कोई ताबीर से रूठा था।
हर धड़कन ने सुनाई थी आहों की सदा,
जैसे दर्द किसी दास्तान में छुपा था।
न शिकवा, न गिला, बस ख़ामोशी रही,
ये दिल ज़िंदगी के हाथों लुटा था।
अब भी यादें वही चोट देती हैं,
जिस पल ये दिल पहली बार टूटा था।
©UNCLE彡RAVAN
#alone