मेरा दिल भी बहुत ज़ोर से टूटा था, जैसे ख़्वाब कोई | हिंदी Shayari

"मेरा दिल भी बहुत ज़ोर से टूटा था, जैसे ख़्वाब कोई ताबीर से रूठा था। हर धड़कन ने सुनाई थी आहों की सदा, जैसे दर्द किसी दास्तान में छुपा था। न शिकवा, न गिला, बस ख़ामोशी रही, ये दिल ज़िंदगी के हाथों लुटा था। अब भी यादें वही चोट देती हैं, जिस पल ये दिल पहली बार टूटा था। ©UNCLE彡RAVAN"

 मेरा दिल भी बहुत ज़ोर से टूटा था,
जैसे ख़्वाब कोई ताबीर से रूठा था।
हर धड़कन ने सुनाई थी आहों की सदा,
जैसे दर्द किसी दास्तान में छुपा था।

न शिकवा, न गिला, बस ख़ामोशी रही,
ये दिल ज़िंदगी के हाथों लुटा था।
अब भी यादें वही चोट देती हैं,
जिस पल ये दिल पहली बार टूटा था।

©UNCLE彡RAVAN

मेरा दिल भी बहुत ज़ोर से टूटा था, जैसे ख़्वाब कोई ताबीर से रूठा था। हर धड़कन ने सुनाई थी आहों की सदा, जैसे दर्द किसी दास्तान में छुपा था। न शिकवा, न गिला, बस ख़ामोशी रही, ये दिल ज़िंदगी के हाथों लुटा था। अब भी यादें वही चोट देती हैं, जिस पल ये दिल पहली बार टूटा था। ©UNCLE彡RAVAN

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