प्रियात्मा....
मोहब्बत अधूरी कैसे हो सकती है
(अनुशीर्षक पढें)
©RAVISHANKAR PAL
पहली अधूरी मुलाकात,
युहीं मुझे याद पूरी-पूरी कैसे हो सकती है?
वो लड़की पूरी-पूरी है,
फिर मोहब्बत अधूरी कैसे हो सकती है?
तुम कहते हो उसे भुलाने को
मेरे सपनों को खुद मुझे दफ़नाने को
उसकी यादें भूलि विसरी कैसे हो सकती है
वाह भाई बिनतोड सवाल करके मोहब्बत की दास्तां बयां की है बिछडने से मोहब्बत अधूरी नही होती , महेबुब बेवफा नही होता यही संदेश दिया है , उत्कृष्ट रचना 🌹 ✌ 👍 😍 💯 💯