Vivek .

Vivek . Lives in Kalyan, Maharashtra, India

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#मराठीशायरी #birdflyimage  चंद लम्हे क्या गुजर गए !
पूरा जहाँ बदल गया . .
सोचा था कमसे कम दोस्त तो नही बदलेंगे
अंदाजा सही था लगभग
बस जरासा चूँक गया
 दोस्त बदले ना दोस्ती जरा
उन्होंने बस मुझे ही बदल दिया

©... . .

#birdflyimage

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फिक्र क्यूं करू अपना इश्क मुकम्मल होने को लेकर दवा की तरह प्यार भी अपना रस्ता ढूंढ ही लेता है ©Vivek. . . . . .

#विचार  फिक्र क्यूं करू अपना इश्क मुकम्मल होने को लेकर
दवा की तरह प्यार भी अपना रस्ता ढूंढ ही लेता है

©Vivek. . . . . .

#Life

66 Love

तू लाख डूबो दे मुझे अपनी गहराईयों में ऐ समंदर किनरो पे लहरों के साथ धडकते मेरे अरमां मिलेंगे क्या डूबायेगा तू मुझे जो डूब चुकी है प्यार में किसी के अंदर झाँक के देख अपने मेरी जमीं मेरे ही असमां मिलेंगे ©Vivek. . . . . .

#विचार #drowning  तू लाख डूबो दे मुझे अपनी गहराईयों में ऐ समंदर
किनरो पे लहरों के साथ धडकते मेरे अरमां मिलेंगे

क्या डूबायेगा तू मुझे जो डूब चुकी है प्यार में किसी के
 अंदर झाँक के देख अपने मेरी जमीं मेरे ही असमां मिलेंगे

©Vivek. . . . . .

#drowning

57 Love

पेटभर मिठाईया खाने की तमन्ना किसे है टुकडा चखना जरा सा काफी है मेरे लिए मंजिल तक सफर करना कौन चाहता है दो कदम उसकी ओर बढाना काफी है मेरे लिए भरजरी कपड़ों की आंस कौन रखता है बस आबरू सलामत रहे काफी है मेरे लिए मशहूर कौन बनना चाहता है इस बदनाम दुनिया में वजूद मेरा बेदखल ना हो इतना काफी है मेरे लिए तारीफ के पूल क्यूं बांधे कोई मेरे शब्द पढकर पढकर मन ही मन मुस्कराए कोई काफी है मेरे लिए हसरत जिंदगी भर के हमसफर की किसे है दुर जाते जाते इक नजर देखे कोई काफी है मेरे लिए ©Vivek. . . . . .

#कविता  पेटभर मिठाईया खाने की तमन्ना किसे है
टुकडा चखना जरा सा काफी है मेरे लिए

मंजिल तक सफर करना कौन चाहता है
 दो कदम उसकी ओर बढाना काफी है मेरे लिए

भरजरी कपड़ों की आंस कौन रखता है
बस आबरू सलामत रहे काफी है मेरे लिए

मशहूर कौन बनना चाहता है इस बदनाम दुनिया में
वजूद मेरा बेदखल ना हो इतना काफी है मेरे लिए

तारीफ के पूल क्यूं बांधे कोई मेरे शब्द पढकर
पढकर मन ही मन मुस्कराए कोई  काफी है मेरे लिए

हसरत जिंदगी भर के हमसफर की किसे है
दुर जाते जाते  इक नजर देखे कोई काफी है मेरे लिए

©Vivek. . . . . .

#Love

40 Love

सोचता हूं लिख दू कुछ अभी तेरे लिए कही हकीम ना लिख दे दवाए बुढापे में तेरे लिए इजहार करू इश्क का अभी तेरे लिए इस से पहले की तेरा सूनना कम हो जाए प्यार भरी नजर से देख मेरी तरफ अभी इस से पहले के धूंदली नजर अपनी हो जाए आशियां बनायेंगे ना कस्मे वादे कोई होगे एक दूसरे के लिए सिर्फ दिल के कोने होंगे चली जाना अभी सफर पें तुम मुस्कराते हुए कदम तेरे ही राह में कुछ डगमगाने से पहले रुक कर करू क्या अकेला इस राह पर बताओ लौट जाऊंगा मैं भी घर दिये झगमगाने से पहले ©Vivek. . . . . .

#कविता  सोचता हूं लिख दू कुछ अभी तेरे लिए
कही हकीम ना लिख दे दवाए बुढापे में तेरे लिए

इजहार करू इश्क का अभी तेरे लिए
इस से पहले की तेरा सूनना कम हो जाए

प्यार भरी नजर से देख  मेरी तरफ अभी
इस से पहले के धूंदली नजर अपनी हो जाए

 आशियां बनायेंगे ना कस्मे वादे कोई होगे
एक दूसरे के लिए सिर्फ दिल के कोने होंगे

चली जाना अभी सफर पें तुम मुस्कराते हुए
कदम तेरे ही राह में कुछ डगमगाने से पहले

रुक कर करू क्या अकेला इस राह पर बताओ
 लौट जाऊंगा मैं भी घर दिये झगमगाने से पहले

©Vivek. . . . . .

#Love

42 Love

salty and deep waves and shores pearls and treasures hard - ships and worships more Unknown than known partly . Ocean you or replica of the mind of any Lady who can Love without Leting him know whom she Loves more than herself ©Vivek. . . . . .

#विचार #sagar  salty and deep
waves and shores
pearls and treasures
hard - ships and worships
more Unknown 
than known partly .
Ocean you or replica
of the mind of
any Lady
who can Love
without
Leting him know
whom
she Loves 
more than herself

©Vivek. . . . . .

#sagar

28 Love

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