सोचता हूं लिख दू कुछ अभी तेरे लिए
कही हकीम ना लिख दे दवाए बुढापे में तेरे लिए
इजहार करू इश्क का अभी तेरे लिए
इस से पहले की तेरा सूनना कम हो जाए
प्यार भरी नजर से देख मेरी तरफ अभी
इस से पहले के धूंदली नजर अपनी हो जाए
आशियां बनायेंगे ना कस्मे वादे कोई होगे
एक दूसरे के लिए सिर्फ दिल के कोने होंगे
चली जाना अभी सफर पें तुम मुस्कराते हुए
कदम तेरे ही राह में कुछ डगमगाने से पहले
रुक कर करू क्या अकेला इस राह पर बताओ
लौट जाऊंगा मैं भी घर दिये झगमगाने से पहले
©Vivek. . . . . .
#Love
Hakeem na likhde dawaye budhape mai 😂 😂 😂 😁 Kamaal sir