एक बार बुलाने से ,आजकल आता कौन हैं ,,,,,,
लोग लौट भी आते हैं, मगर दुबारा आवाज़ लगाता कौन हैं।
दिल की बेचैनी तो देखिए इश्क़ होने से पहले,
हो जाने के बाद निभाता कौन हैं
अपनी अपनी जख्मों पे हाथ धरे बैठे हैं सभी ,
बेरहम जमाने को दिखाता कौन हैं।
किसी का घर जला हैं तो किसी का दिल ,,,,
वरना किसी के राहों में दिए जलाता कौन हैं।
शितारों को शिकायत है कि लोग चांद पे मरते हैं ,
क्यू न मरे चांद की तरह जगमगाता कौन हैं
क्या कर लोगे किसी से रूठ कर वो दूसरा ढूंढ लेंगे,
मर्ज़ी का जमाना है मनाता कौन हैं।
देखें हैं उन्हें आज भींगे हुए आंशू से शायद,
वरना बारिश में आज कल नहाता कौन हैं।
वो कहते थे हम जब भी होंगे तुम्हारे होंगे,
वर्षो बीत गए याद दिलाता कौन हैं।
जा रहा हैं सूमन तेरे दिलों चमन से ,
मतलबी दुनिया हैं मोहब्बत का गुल खिलाता कौन हैं।।
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©P. k Suman
#alone