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jitni kam ummid rakhoge....utna jyada khush rahoge
Unsplash एक दिन मैं सब कुछ छोड़ जाऊंगी तुमसे दूर और अपनों से मु मोड़ जाऊंगी ज़माने भर से क्या मतलब.... मैं जहां से आई थी फ़िर उन्हीं राहों से लौट जाऊंगी । एक दिन मैं यूं ही किसी मिट्टी में हवा बन उड़ जाऊंगी,, एक दिन तुम सब देखोगे और मैं सबके आंखों से धार बन कर बह जाऊंगी,, एक दिन मैं इस दुनियां को अपनी से पराई कर जाऊंगी। एक दिन तुम देखोगे लाश मेरी और मैं कब्र में आंखे मूंद सो जाऊंगी। ©Ruhi
Ruhi
23 Love
White कभी कभी तुम मुझे समझने में देर कर देते हो कभी कभी तुम मुझे पहचानने में देर कर देते हो। कर देते हो देर मुझे बुलाने में, या कर देते हो देर मेरे पास आने में। सही वक्त को बता कर तुम हमेशा देर से आते हो कभी बिन कहे भी तुम आते हो तो भी देर से आए हो कभी वक्त ने रोक कभी हालातों ने तो कभी तुमने सोचने में देरी की हां मगर आने में तो देर ही लगी हां शायद तुम देर कर देते हो। ©Ruhi
19 Love
White एक दिन ढला और रात हो गई, देखो ना ,आज फिर तुम्हरी याद आ गई। सोचा था अब तुम्हें नहीं चाहूंगी, पर देखो ना,ये दिल आज फिर मेरी नहीं सुनी। टूटे ख़्वाब और अनसुलझे सवाल है दिल में, पर देखो ना, बिन तुम्हारे ये सुलझ भी नहीं पाई। खैर अब तो आदत सी हो गई है मुझे, ये सोच कर आज मैं फिर मुस्कुराई। ©Ruhi
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White सब तो अपना दुःख बता देते हैं जो सिर्फ़ सुन लेता है वो पिता कहलाता है जो सबकी ख्वाहिशों को पुरा करने का सोचता है और अपनी ख्वाहिशें अंदर ही दबा लेता है और कहे भी तो किससे ,उनका दर्द समझने वाला भी कोई नहीं होता है अपनी आंसुओं को छिपा कर वो हर बार हंसता हुआ नज़र आता है वो पिता कहलाता है मैने देखा है बहुत करीब से उनका उदास चेहरा जो उनकी झूठी मुस्कान में भी नजर नहीं आता है वो अपनी उदासियों में भी खुश ही रहता है वो कोई और नहीं पिता कहलाता है सबकी बातें सुन कर सबकी ख्वाहिशें जान कर वो घर से जल्दी निकल जाता है वो कोई और नहीं पिता कहलाता है हर ख्वाहिशों को मारा अपने हर इच्छाओं का कत्ल किया उन्होंने , अपने घर में खुशियां लाने के लिए वो अपना हर खुशी कुर्बान कर आया है वो कोई और नहीं पिता कहलाया है मैने सबके आंखों में आंसु देखा है सबको छोटी सी बात पर परेशान होते देखा है इतनी उलझनों में भी जो मुस्कुराया है वो पिता कहलाया है नहीं देखा होगा किसी ने उन्हें रोते , नही देखा होगा किसी से इनका दुःख कहते इतना कुछ सह कर भी जो ख़ुद से संभला है अपनों के लिए वो हर एक से लड़ा है वो कोई और नहीं पिता कहलाया है वो पिता कहलाया है। । ©Ruhi
25 Love
White उदास ही अच्छे लगते हैं चेहरे मेरे जब भी खुश रहने की कोशिश करती हूं तकलीफें और ज्यादा ही मिलने लगती है। ©Ruhi
24 Love
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