"मत सोच दुनिया क्या कहेगी बस तू अपने ख़्वाब बुन।
जो तुझे सच्ची लगे जीवन में ऐसी राह चुन।।
खुदा से भी जो खुश नहीं उन्हें तू क्या खुश कर पाएगा।
छोड़ बातें दुनिया की तू अपने दिल की बात सुन।।
झांक अपने दिल में पहले अपनी तू पहचान कर।
यूं हार कर ना बैठ तू लोगों की बातें मान कर।।
है अगर ख़ुद पर यकीं तो कुछ यहां मुश्किल नहीं।
औरों पर नहीं तू पहले अपने कर्मों पर विश्वास कर।।
ज़िंदा है अगर तो.....तू ज़िंदगी की पहचान बन।
जो तोड़े से ना टूटे....वो उम्मीद की चट्टान बन।।
छंट भी जाएंगे अगर छाए हैं बदल मुश्किलों के।
रुख मोड़ दे जो हवा का ऐसा तू तूफ़ान बन।।
©अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर
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