Manya Parmar

Manya Parmar

Writer।Thinker।प्रेरक।सामाजिक विचारक। वास्तविकता (भावनाएं भोक्ताओं की) सभी युवा अपने स्तर पर #घरेलूहिंसा रोकने का प्रयास करें। घरेलूहिंसा से मुक्ति #MissionMaanyMaang #3M For Help/Job Message Me on Instagram.

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नाम भले ही गांव का लिया हो लेकिन हर शहर हर गांव के हर अनुभवी माता पिता, उनके कमाने और जमाना जानने वाली मॉडर्न जमाने के भाईयो ने खाया बच्चियों का भविष्य। हर बच्ची नहीं होगी होनहार जैसे आपका हर बेटा प्रधानमंत्री और कलेक्टर नहीं है फिर भी वे उनको आत्म निर्भर बनाने के लिए जी- जान लगा देते हो, घर बाहर में थोड़ी इज्जत मिलने से आत्मविश्वास भी आ जाता है उनमें, अगर बेटियां गलत रास्ते पर निकल जाती है तो वो भी आपकी गलती है कि उसे सही गलत में फर्क करना नहीं सीखा पाते। होनहार क्या और कमजोर क्या, एक ही तराज

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दिमाग का शांति का विवेक का भी इस्तेमाल किया करो आदमी। Dear parents. बेटियो को अक्षर ज्ञान ही ज़रूरी है तो आपको हमसे ज्यादा ज्ञान है आप ही क्यों नही ज्यादा कमा लेते ताकि हमारे सर से ये कमाने का भूत तो उतर जाए। हमें भी अपना नाम बनाना है, घर में सम्मान पाना है, हमे प्यार में ही नही पड़ना, सजना ही नही है,घर के कामों में मारे ही नही जाना है। साथ दे दो हमारा भी भाई पिता।😡 वे जो बच्चियां कामयाब हुई है नाम रोशन किया है अपना और अपने अपनो का उन्हें उतनी मात्रा में शिक्षा, साथ, समय,पैसा और अपनो का सहारा

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औरत को संकोची आश्रित डरपोक मन से दिमाग से कमजोर बनानें के लिए धर्म संस्कृति संस्कार इज्ज़त की आड़ लेते है बाकी कहीं इनकी ये चीजे काम नहीं आती। Note: बेटियां इन बातों में ना आएं और अपना अच्छा बुरा ख़ुद जानें समझे और खुलकर जीवन जिए।❤️👑💫 युवा अपनी बुद्धि लगाकर बताएं क्या आदमी को सम्मान समानता स्वतंत्रता नहीं चाहिए? यहीं बात बहने कहती है तो तुम्हारी समझ में क्यों नहीं आता? इतनी सी बात आज के मॉडर्न युवा को भी समझ नही आती तो लानत हैं तुम्हारी अक्ल पर।😡 आज जो बेटियां कमाने से या अपनी बुद्धि से फैसला

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#olympics

कमाल करते है बच्चे भी😡😒 1/2कमरे का घर, जिसमें कोई चैन न पढ़ पाए न सो पाए,कॉपी है तो किताब नहीं,स्कूल की फीस न दे पाना, सरकारी स्कूल में पढ़ाकर अधिकारी बनाएंगे,स्कूल के जूतों के लिए अलग से समझाना पड़ता है,दो वक्त रोटी मिल तो जाती है और क्या चाहिए तुम्हें, तबियत ठीक नहीं रहती तो क्या इलाज में ही पैसा गवाएंगे,अबकी बार इसे दिला देते है कपड़े तु अगले त्योहार पर ले लेना। जीवन की बुनियादी चीजों के लिए भी आपको संघर्ष करना पड़ता है तो अकेले खूब संघर्ष करते। आम चीज़े जिनसे बच्चें कमाने और जीवन जीने लायक

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#olympics

अकेले हर अधिकार रखना, खुद को महान औरों को कुछ नही समझना, बुध्दि सबसे ज्यादा है तो औरत को दबाना, मुसीबत आने पर बुद्धि शांति धैर्य को तिलांजलि देना, तारीफें खुद के लिए और दोष औरत के सिर मढ़ना, औरत की स्वतन्त्र जीने का हक छीन कर उन पर मर्जी हो तब हुक्म चलाना, और भी कई अवगुण है जो आदमी ने अपने अधिकार में किए है, तभी आज औरते "आदमी नहीं " इंसान बनना चाहती है, फेमिनिज्म वहीं इंसान होने की अवधारणा है। युवा अपनी बुद्धि लगाकर बताएं क्या आदमी को सम्मान समानता स्वतंत्रता नहीं चाहिए? यहीं बात नारी कहती है त

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औरतें बचपन से नजरांदाज दुत्कार का व्यवहार सहती आई है इसलिए वे ऐसी हो गई है तुम एक दिन भी नहीं सह पाओगे अपनो का ऐसा व्यवहार, आदमी होने की सारी हिम्मत अक्ल धरी रह जाएगी तुम्हारी इसलिए आदर करों नारी जिस भी रूप में है उसका, उसे हिम्मत दो खुश रखो।❤️ स्त्री/आपकी बेटियां आपसे या किसी से भी कम नहीं है कमी है उन्हे आगे न बढ़ाने वाले पिताओं की भाइयों की आदमी की। अपने घर की नारी में कोई हिम्मत हौसला नहीं भरते बल्कि उन्हें और दबाकर रखते है हमारी एक आवाज एक इशारे पर उठे,बैठे उतना ही बोले,इस तरह के परिवेश म

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