औरतें बचपन से नजरांदाज दुत्कार का व्यवहार सहती आई है इसलिए वे ऐसी हो गई है तुम एक दिन भी नहीं सह पाओगे अपनो का ऐसा व्यवहार, आदमी होने की सारी हिम्मत अक्ल धरी रह जाएगी तुम्हारी इसलिए आदर करों नारी जिस भी रूप में है उसका, उसे हिम्मत दो खुश रखो।❤️
स्त्री/आपकी बेटियां आपसे या किसी से भी कम नहीं है
कमी है उन्हे आगे न बढ़ाने वाले पिताओं की भाइयों की आदमी की।
अपने घर की नारी में कोई हिम्मत हौसला नहीं भरते बल्कि उन्हें और दबाकर रखते है हमारी एक आवाज एक इशारे पर उठे,बैठे उतना ही बोले,इस तरह के परिवेश म