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ساجن کی یادیں بھی خاورؔ کن لمحوں آ جاتی ہیں .گوری آٹا گوندھ رہی تھی نمک ملانا بھول گئی ( خاور احمد ) . ©Azhar Ashiq

#شاعری۔ #Yaad  ساجن کی یادیں بھی خاورؔ کن لمحوں آ جاتی ہیں
.گوری آٹا گوندھ رہی تھی نمک ملانا بھول گئی
(   خاور       احمد   )



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©Azhar Ashiq

#Yaad

15 Love

तुमने क्या सोचा कि तुम्हारे सिवा कोई नही मुझे, चाहने वाला पगली छोड़ कर तो देख मौत तैयार खड़ी है... ©Aman Majra

#ਸ਼ਾਇਰੀ #umeedein  तुमने क्या सोचा कि तुम्हारे सिवा कोई नही मुझे,

चाहने वाला पगली छोड़ कर तो देख मौत तैयार खड़ी है...

©Aman Majra

#umeedein ਪੰਜਾਬੀ ਸ਼ਾਇਰੀ sad

14 Love

इश्क को ये शिकायत है,, हुस्न रूसवा हुए बैठा हैं,, आशिक को क्या समझाए,, माशूक चोट खाए बैठा हैं..v$ ©vibha $ingh

#umeedein #Quotes  इश्क को ये शिकायत है,, हुस्न रूसवा हुए बैठा हैं,, आशिक को क्या समझाए,, माशूक चोट खाए बैठा हैं..v$

©vibha $ingh

#umeedein quotes on life love quotes life quotes loves quotes silence quotes

12 Love

#umeedein  हर राह पर तेरा नाम लिख दूंगी 
तेरी ख्वाहिश बन तुझे अपनी दुआओं में बसा लूंगी 
बंद काले मोती को पिरोकर डोर में तेरी हो जाऊंगी 
सात फेरों का रंग अपनी मांग में सज़ा अपना 
हर अंग तेरे नाम कर तेरे बनाएं पगों पर चल जाऊंगी 
बस तू एक बार मुझे तो खोज ला, जा किनारों से 
उतर समुद्र से स्त्री होने का अर्थ तो समझ आ।

©Rakhi Saroj

#umeedein

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#umeedein #love❤ #Life❤ #Kismat #Sharm  शर्मा के मुंह न फेर नज़र के सवाल पर 
लाती है ऐसे मोड़ पे किस्मत कभी कभी ।।

©love you zindagi

#भूल_न_पाता_मन_कभी भूल ना पाता मन कभी,वो आंचल की छाॅंव। जहाॅं सुबह से शाम तक, नेह बरसता ठाॅंव।। अॅंगुली पकड़ी जिस पिता,सीखी जीवन चाल। अब उन्हीं की झुकी कमर,थकित हो गये पाॅंव।। भूल ना पाता मन कभी,बचपन वाले खेल। कागज की कश्ती कभी, छुक-छुक करती रेल। प्यारे दिन मस्ती भरे,बचपन के सब दोस्त- हुई लड़ाई एक पल,अगले ही पल मेल।। भूल ना पाता मन कभी, किलकारी की गुंज। सुत आया जब गोद में,मन खुशियों का कुंज। मुदित हुआ मन मां बनी,दिल में खुशी अपार - यह सुख जग सबसे बड़ा,बाकी सब सुख मुंज।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal

#भूल_न_पाता_मन_कभी #कविता #umeedein  #भूल_न_पाता_मन_कभी

भूल ना पाता मन कभी,वो आंचल की छाॅंव।
जहाॅं सुबह से शाम तक, नेह बरसता ठाॅंव।।
अॅंगुली पकड़ी जिस पिता,सीखी जीवन चाल।
अब उन्हीं की झुकी कमर,थकित हो गये पाॅंव।।

भूल ना पाता मन कभी,बचपन वाले खेल।
कागज की कश्ती कभी, छुक-छुक करती रेल।
प्यारे दिन मस्ती भरे,बचपन के सब दोस्त-
हुई लड़ाई एक पल,अगले ही पल मेल।।

भूल ना पाता मन  कभी, किलकारी की गुंज।
सुत आया जब गोद में,मन खुशियों का कुंज।
मुदित हुआ मन मां बनी,दिल में खुशी अपार -
यह सुख जग सबसे बड़ा,बाकी सब सुख मुंज।।

                              वीणा खंडेलवाल 
                        तुमसर महाराष्ट्र

©veena khandelwal

#umeedein

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