Madhusudan Shrivastava

Madhusudan Shrivastava

A simple person. Professionally a banker. Love poetry. Gmail and YouTube - madhu1181@gmail.com

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#शायरी

एक खयाल

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मत देना एक ग़ज़ल

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White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल ©Madhusudan Shrivastava

#गजल  White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल 
दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल

कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है
अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल

सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां 
दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल

पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए
लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल

सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो 
गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल

जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े 
दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल

रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो 
दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल

©Madhusudan Shrivastava

#गजल मुस्कुरा के रूप

20 Love

#कविता #moon_day  White तुम हो स्थिर एक अणु सा, चुम्बकीय आवेश मैं हूँ।
ज़िंदगी के भाग में तू भागफल, और शेष मैं हूँ।
 
ज्ञान का भंडार तुम हो,विज्ञता के शीर्ष पर तुम।
ज्ञान के उस पात्र में से शेष का अवशेष मैं हूँ ।

ज़िंदगी के भाग में तू भागफल, और शेष मैं हूँ।

हल हो तुम प्रश्नों का प्रिय तो हर परीक्षा में विफल मैं।
हो समय का आज तुम तो ना कभी आया वो कल मैं ।।

मैने किसका किया बिगाड़ा मैं ही पीड़ित प्रश्न मुझपर ।
बात संबंधों की हो तो मित्रता तुम, क्लेश मैं हूँ।

ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।।

प्रेम जो मैने लिखा वो अश्रुओं में बह गया था ।
तुम पथिक बढ़ते गए मैं देखता ही रह गया था।

पात्र हम-तुम बन गए हैंफिर कहानी यूँ लिखी की,
चीख कर कहता कथानक प्रीत तुम और द्वेष मैं हूँ ।

ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।।

मूढ़ था आकाश को छुने की जो कोशिश किया था।
व्योम की उस व्याप्तता में मैं भटकता रह गया था।

ना मिला गंतव्य मुझको  किसको क्यूँ मैं दोष देता
ना पता था मुझको प्रियवर तुम हो व्यापक लेश मैं हूँ।

ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।।

©Madhusudan Shrivastava

#moon_day ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ @Kumar Shaurya @MM Mumtaz Pyare ji Shilpa Yadav @Vishalkumar "Vishal"

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#शायरी

मोहब्बत का आला अदब लिख रहा हूँ जो लिखना था पहले वो अब लिख रहा हूँ नहीं कुछ मैं उनका, मेरी बदनसीबी मगर मैं उन्हें अपना सब लिख रहा हूँ @Kumar Shaurya @Ashish @Chocolate @MM Mumtaz @Rakhee ki kalam se

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#शायरी

जरूरत से ज़्यादा

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