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रोक लेते है कलम हम ही हमारी कही ये दर्द के साथ उनकी बेवाफाई भी न उतार दे कागज पे… ©Kiran Pawara

#विचार #WritersSpecial  रोक लेते है 
कलम हम ही हमारी

कही ये दर्द के साथ 
उनकी बेवाफाई भी न 
उतार दे कागज पे…

©Kiran Pawara

मुल्क़ का माहौल मेरे क़माल होता है जब चुनाव की तारीख़ों का ऐलान होता है होड़ लगती है मुफ़्त खोरी बढ़ाने की जनता का अपना राजा हसीन होता है काम से भला कभी कोई जीता है चुनाव झूटे वादों का सिलसिला शुरू होता है आरोप प्रत्यारोपों की कहानी शुरू होती है शाम को एक ही थाली डिनर साथ होता है सबको अपनी अपनी जाति महान लगती है जाति का नेता ही बस ईमानदार होता है कमल तुम न खोलो पोल इनकी इस क़दर हर सच बोलने वाला गुनहगार होता है ©Kamal Kant

#WritersSpecial #Politics #election #sarcasm  मुल्क़ का माहौल मेरे क़माल होता है 
जब चुनाव की तारीख़ों का ऐलान होता है

होड़ लगती है मुफ़्त खोरी बढ़ाने की 
जनता का अपना राजा हसीन होता है

काम से भला कभी कोई जीता है चुनाव 
झूटे वादों का सिलसिला शुरू होता है 

आरोप प्रत्यारोपों की कहानी शुरू होती है
शाम को एक ही थाली डिनर साथ होता है 

सबको अपनी अपनी जाति महान लगती है
जाति का नेता ही बस ईमानदार होता है 

कमल तुम न खोलो पोल इनकी इस क़दर
 हर सच बोलने वाला गुनहगार होता है

©Kamal Kant

#WritersSpecial motivational shayari #Politics #sarcasm #election #writer

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#मोटिवेशनल #WritersSpecial  जितना तुम्हारी सोच जाती है न,
उतना तो मैं हर रोज लिख कर,
पेज बर्बाद कर देता हूं..!!
...✍️

©विष्णु कांत

#WritersSpecial

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అమ్మ ఒడి ~~~~~~~~~ ఆంగ్లంలో(H)"హెచ్"తప్ప గొంతు చీల్చుకొని వచ్చే మరో అక్షరమే లేదు.మరి తెలుగు అక్షరాలలో... నాభి,కంఠం,దవడలు,దంతాలు, నాసిక... అన్నీ వాటికి పుట్టుక స్తానాలే. అణువణువునా ఆక్షీజన్ తో నింపే నిండైన శ్వాశ-మన తెలుగు భాష. ©VADRA KRISHNA

#మోటివేషన్ #WritersSpecial  అమ్మ ఒడి
~~~~~~~~~
ఆంగ్లంలో(H)"హెచ్"తప్ప గొంతు 
చీల్చుకొని వచ్చే మరో అక్షరమే
లేదు.మరి తెలుగు అక్షరాలలో...
నాభి,కంఠం,దవడలు,దంతాలు,
నాసిక...
అన్నీ వాటికి పుట్టుక స్తానాలే.
అణువణువునా ఆక్షీజన్ తో
నింపే నిండైన శ్వాశ-మన
తెలుగు భాష.

©VADRA KRISHNA
#WritersSpecial  न मेरे पास कुछ है ,न मैं ही कुछ हूं,
तो फिर,मेरे नाम से लोग चिढ़ते क्यूं हैं

लोगों का ये रूप मुझे और मजबूत बनाता है,
तो फिर ,लोग मुझे ये रूप दिखाते क्यूं हैं

जलवा मेरी लेखनी का चलता है ,
तो फिर,अंदाज पे मेरे, लोग मरते क्यूं हैं

न मैं कवि हूं,न शायर न लेखक,
तो फिर ,मेरे शब्द, किसी को छूते क्यूं हैं।

मिलती है जिंदगी सभी को एक ही बार,
तो फिर, जिंदगी से मिलना हर बार हम टालते क्यूं हैं…!!!

©D. J.

#WritersSpecial shayari love

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ज़मीर जिंदा रखो, दौलत आती जाती रहेगी... TYAGI (त्यागी) (ਤਿਆਗੀ) ©harshit tyagi

#WritersSpecial  ज़मीर जिंदा रखो, दौलत आती जाती रहेगी...

TYAGI  (त्यागी)  (ਤਿਆਗੀ)

©harshit tyagi

#WritersSpecial poetry on love

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