WritersSpecial
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#WritersSpecial  न मेरे पास कुछ है ,न मैं ही कुछ हूं,
तो फिर,मेरे नाम से लोग चिढ़ते क्यूं हैं

लोगों का ये रूप मुझे और मजबूत बनाता है,
तो फिर ,लोग मुझे ये रूप दिखाते क्यूं हैं

जलवा मेरी लेखनी का चलता है ,
तो फिर,अंदाज पे मेरे, लोग मरते क्यूं हैं

न मैं कवि हूं,न शायर न लेखक,
तो फिर ,मेरे शब्द, किसी को छूते क्यूं हैं।

मिलती है जिंदगी सभी को एक ही बार,
तो फिर, जिंदगी से मिलना हर बार हम टालते क्यूं हैं…!!!

©D. J.

#WritersSpecial shayari love

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రాజ్యాంగం దుర్వినియోగం అయిందని నేను కనుగొంటే... దానిని కాల్చే మొదటి వ్యక్తిని నేనే. డా.బి.ఆర్.అంబేద్కర్. ©VADRA KRISHNA

#మోటివేషన్ #WritersSpecial  రాజ్యాంగం దుర్వినియోగం
అయిందని నేను
కనుగొంటే...
దానిని కాల్చే మొదటి వ్యక్తిని
నేనే.

డా.బి.ఆర్.అంబేద్కర్.

©VADRA KRISHNA

अँखियों में पानी लेके भीगी सी कहानी लेके, क्या पता इतने रस्ते हम कैसे चलते गये। जीवन था दूभर सा और घमंड था नश्वर सा, समय की रेत पे ये निशॉं बनते गये। दान बड़ा देना पड़ेगा काँटों को लेना पड़ेगा, धीरे धीरे सारे किस्से दास्तॉं बनते गये। मौत का समंदर था भयंकर बवंडर था, लहरों के चट्टे आसमानी बनते गये। नम सी उम्मीद लेके इश्क़ की खरीद लेके, हम भी रूहानी से जिस्मानी बनते गये। नाटक आज देख के किरदार को समेट के, दर्शक सारे सुन वाहवाही करते गये। अंतिम यह छंद देखो आवाज़ है बुलंद देखो, आप सारे शब्दों की आज़माइश देखते गये। ©Rangmanch Bharat

#WritersSpecial  अँखियों में पानी लेके भीगी सी कहानी लेके,

क्या पता इतने रस्ते हम कैसे चलते गये।

जीवन था दूभर सा और घमंड था नश्वर सा,

समय की रेत पे ये निशॉं बनते गये।

दान बड़ा देना पड़ेगा काँटों को लेना पड़ेगा,

धीरे धीरे सारे किस्से दास्तॉं बनते गये।

मौत का समंदर था भयंकर बवंडर था,

लहरों के चट्टे आसमानी बनते गये।

नम सी उम्मीद लेके इश्क़ की खरीद लेके,

हम भी रूहानी से जिस्मानी बनते गये।

नाटक आज देख के किरदार को समेट के,

दर्शक सारे सुन वाहवाही करते गये।

अंतिम यह छंद देखो आवाज़ है बुलंद देखो,

आप सारे शब्दों की आज़माइश देखते गये।

©Rangmanch Bharat

#WritersSpecial hindi shayari

11 Love

#કોટ્સ #WritersSpecial  ખરી લાગણી સ્નેહ અને પોતાનાપણા
વગરનો પ્રત્યેક સંબંધ એ ખાંડ વગરની ચા 
જેવો જ ભાસી આવશે
એક દમ ફિક્કો...
અનુભવી જોજો....

©RjSunitkumar

#WritersSpecial

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#स्वातिकीकलमसे✍️ #स्वाति #WritersSpecial  हो जाती है ख़ामोश कलम भी कभी _२लिखते हुए 
हाँ, शायद उसने भी अंतर्निहित भाव को 
महसूस किया है 
यकायक जो परिवर्तन जीवंत हुए हैं सामने उसके 
कवियों के मन की व्यथा और भावों को 
सर्वदा उसने ही तो उजागर किया है|
#स्वाति की कलम से ✍️

©swati soni

#WritersSpecial #स्वातिकीकलमसे✍️ love poetry in hindi प्रशांत की डायरी @Satyaprem Upadhyay @PRIYANKA GUPTA (gudiya) Yash Mehta @Rounak kumar @The Janu Show

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सुकून भरी जिंदगी के लिए, कई रातों से लड़ना पड़ता है। माता-पिता के बलिदानों को याद रखकर, सपनों को सींचना होता है। कल को किसी पर बोझ न बनूं, ऐसा निश्चय कर दिन-रात एक करना होता है। दुनिया की नजरों से होकर दूर, किताबों में तल्लीन होना होता है। भाई-बहन की ख्वाहिश पूरी कर सकूं, इस काबिल खुद को साबित करना होता है। एक खुबसूरत जिंदगी के लिए, कई इम्तिहानों से लड़ना पड़ता है। ©Supriya Jha

#विचार  सुकून भरी जिंदगी के लिए,
कई रातों से लड़ना पड़ता है।
माता-पिता के बलिदानों को याद रखकर,
सपनों को सींचना होता है।
कल को किसी पर बोझ न बनूं,
ऐसा निश्चय कर दिन-रात एक करना होता है।
दुनिया की नजरों से होकर दूर,
किताबों में तल्लीन होना होता है।
भाई-बहन की ख्वाहिश पूरी कर सकूं,
इस काबिल खुद को साबित करना होता है।
एक खुबसूरत जिंदगी के लिए,
कई इम्तिहानों से लड़ना पड़ता है।

©Supriya Jha

# खुबसूरत जिंदगी

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