न मेरे पास कुछ है ,न मैं ही कुछ हूं,
तो फिर,मेरे नाम से लोग चिढ़ते क्यूं हैं
लोगों का ये रूप मुझे और मजबूत बनाता है,
तो फिर ,लोग मुझे ये रूप दिखाते क्यूं हैं
जलवा मेरी लेखनी का चलता है ,
तो फिर,अंदाज पे मेरे, लोग मरते क्यूं हैं
न मैं कवि हूं,न शायर न लेखक,
तो फिर ,मेरे शब्द, किसी को छूते क्यूं हैं।
मिलती है जिंदगी सभी को एक ही बार,
तो फिर, जिंदगी से मिलना हर बार हम टालते क्यूं हैं…!!!
©D. J.
#WritersSpecial shayari love