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शहर ए उल्फत में जिसे देखा था हू-ब-हू वो तेरे जैसा था तेरी यादे थी मेरी हमराही वरना मैं और घना सहरा था भीगी भीगी थी निगाहें उसकी हिज्र में मेरे वो भी रोया था आज भी दिल में बसा रखा है दर्दे उल्फत जो कभी पाया था इश्क की तपती हुई राहो मे टूटी दीवार का मैं साया था क्या मुहब्बत में महकते दिन थे टूटकर उसने मुझे चाहा था महकी महकी है, फिजाय रमजानी कौन ख्वाबो में मेरे आया था 14/10/15- ©MSA RAMZANI

 शहर ए उल्फत में जिसे देखा था 
हू-ब-हू वो तेरे जैसा था

तेरी यादे थी मेरी हमराही 
वरना मैं और घना सहरा था

भीगी भीगी थी निगाहें उसकी 
हिज्र में मेरे वो भी रोया था

आज भी दिल में बसा रखा है 
दर्दे उल्फत जो कभी पाया था

इश्क की तपती हुई राहो मे 
टूटी दीवार का मैं साया था

क्या मुहब्बत में महकते दिन थे 
टूटकर उसने मुझे चाहा था

महकी महकी है, फिजाय रमजानी
कौन ख्वाबो में मेरे आया था

14/10/15-

©MSA RAMZANI

Ghazal

10 Love

लोग कहते है, हम मर जाते हैं, तो साथ लेकर कुछ नहीं जाते हैं लेकिन मैं लेकर जाऊंगी तुमसे अगले जन्म में मिलने का ख्वाब..! ©minakshi

#कविता #Memories  लोग कहते है, हम मर जाते हैं,
 तो साथ लेकर कुछ नहीं जाते हैं लेकिन मैं लेकर जाऊंगी तुमसे अगले जन्म में मिलने का ख्वाब..!

©minakshi

#Memories

19 Love

खुदा गवाह है हमारी मोहब्बत का, किसी को सबूत चाहिए तो हमारी लाश से माँग लो । ©माहिर

#शायरी #Memories  खुदा गवाह है हमारी मोहब्बत का, 
किसी को सबूत चाहिए तो हमारी लाश से माँग लो ।

©माहिर

#Memories

9 Love

शिकायतें रहीं तमाम उम्र ज़िन्दगी से, हम करते भी तो और क्या ज़िन्दगी से! स्याही सूखती गयी कुछ सिक्को की मजबूरी में, हम औऱ उकेरते भी तो क्या ज़िन्दगी से! आईना बन बैठा है ये सफ़ा मेरा, हम और लिखते शेर भी तो क्या ज़िन्दगी से! नज़र नही आता कोई रास्ता अब “मुसाफ़िर”, हम और करें भी तो क्या ज़िन्दगी से! ©दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

#Memories #SAD  शिकायतें रहीं तमाम उम्र ज़िन्दगी से,
हम करते भी तो और क्या ज़िन्दगी से!

स्याही सूखती गयी कुछ सिक्को की मजबूरी में,
हम औऱ उकेरते भी तो क्या ज़िन्दगी से!

आईना बन बैठा है ये सफ़ा मेरा,
हम और लिखते शेर भी तो क्या ज़िन्दगी से!

नज़र नही आता कोई रास्ता अब “मुसाफ़िर”,
हम और करें भी तो क्या ज़िन्दगी से!

©दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

#Memories

13 Love

#शायरी #Memories  💕💕

अधूरी मोहब्बत में तड़पने का मज़ा लिया हमने। 
सावन की बारिश में जलने का मज़ा लिया हमने।
यूँ ही नहीं रहते हम आंख बन्द करके दिन-रात, 
हर पल तेरे ख्यालों में रहने का मज़ा लिया हमने। 

........सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग'

©Satendra Sharma

#Memories

135 View

#शायरी  ढूंढते रहोगे उम्र भर तुम मेरे जैसा,
नहीं मिलेगा कोई तब पछताओगे।
अभी तो सब कुछ सच्चा लगता है,
सब के सब झूठे निकलेंगे तब पछताओगे।
इश्क़ फरेबी तुम्हें लगता है अभी तो मेरा,
फरेब की हदों से गुजरोगे तब पछताओगे।
बेहिसाब मोहब्बत ठुकरा के तुम मेरी,
तिनका तिनका जोड़ोगे तब पछताओगे।
मेरे हालातों को न समझा अभी तुमने,
हालात तुम्हें जब समझाएंगे तब पछताओगे।
तुम्हारी जिन नादानियों को हँस कर भूला दिया मैंने,
हर एक बात दिल पर ले लेगा कोई तब पछताओगे।
तुम्हें गर लगता है के टूट गया हूँ मैं तुमसे बिछड़ के,
मेरी मुस्कुराहट से जब भी मिलोगे तब पछताओगे।

©paritosh@run

तब पछताओगे... @AD Grk @Dr Imran Hassan Barbhuiya @Ruchi Rathore @Anshu writer RAVINANDAN Tiwari @suwarta @Satyaprem Upadhyay @h m alam s @Mukesh Poonia @Andy Mann निज़ाम खान @Annu Sharma @indu singh बाबा ब्राऊनबियर्ड @Shayra @Sethi Ji @Nawaz Malik (Ravi Kishan) पथिक.. @BOND Ravi singh007 @Vikas Yadav @Anupriya @S.Sangeeta Dhyaan mira @Faraz Khan कथायति

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