Poetry Month- Writing Contest
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#ਸ਼ਾਇਰੀ #PoetInYou  मेरी पहचान  ਬਹੁਤੀਆਂ ਮਸ਼ਹੂਰੀਆਂ ਦੀ ਲੋੜ ਨੀ ਰੱਬਾ,
ਜਿਥੇ ਵੀ ਜਾਨੇ ਆ 
ਮੇਰੀ ਪਹਿਚਾਣ ਮੇਰੀ ਕਲਮ✍️ ਨਾਲ ਹੁੰਦੀ ਆ,
ਐਨਾ ਹੀ ਕਾਫੀ ਆ
Sandeep 
       Kaur

©meri_kalam215

#PoetInYou

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मेरी पहचान मेरे बदले वक्त की तक़दीर हो, मेरी ख़ुशी की तस्वीर हो। तुम मेरी हाथों की लकीरें हो, मेरी ख्वाबों का ताबीर हो। ©Ajaynswami

#PoetInYou #Quotes  मेरी पहचान   मेरे बदले वक्त की तक़दीर हो, मेरी ख़ुशी की तस्वीर हो। 
तुम मेरी हाथों की लकीरें हो, मेरी ख्वाबों का ताबीर हो।

©Ajaynswami

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13 Love

#जीवनसाथी #हमसफ़र #हर_पल #life_partner #साथ  मेरी पहचान   हूँ तन्हा-अकेला तुम मुझे पनाह दो न,
लगाओ गले से फिर सुला दो न

हूँ कब से इन्तज़ार में तुम्हारे उम्रभर के लिए,
आओ साथ और सब कुछ भुला दो न

चलती हैं साँसे साथ होने को हरपल तुम्हारे,
आओ हरपल के लिए अपने साथ रख लो न

हूँ तन्हा-अकेला सा अब तुम मुझे पनाह दो न...

©Himanshu Tomar

मेरी पहचान khud ko pehchan hi nahi pati ho kabhi kabhi jaise duniya chalti hain unke jaise banane ki bahut koshish karti ho par ban hi nahi pati lekin khud se bhi vayada kiya hain ki main duniya ki najaro main itni jyada cha jayogi ki duniya vale bhi bolege ki vaah jeh to unki beti thi ©Diya Thakur

#PoetInYou  मेरी पहचान   khud ko pehchan hi nahi pati ho kabhi kabhi jaise duniya chalti hain unke jaise banane ki bahut koshish karti ho par ban hi nahi pati lekin khud se bhi vayada kiya hain ki main duniya ki najaro main itni jyada cha  jayogi ki duniya vale bhi bolege ki vaah jeh to unki beti thi

©Diya Thakur

#PoetInYou

8 Love

मेरी पहचान अंदर से बहुत गहरा, और यह बाहर सरल दिखता है, पढ़कर भावनाओं को, कवि शब्दों में लिख देता हैं, कवि शब्दों का सागर, समाज का दर्पण होता हैं, जिसमें देशधर्म का, अर्पण और समर्पण होता हैं, कि मौसम या रूत बदले, यह सबको लिख देता हैं, मार्गदर्शन करके कवि, सबको अच्छी सीख देता हैं, वीर रस सुना कर, यह सबमे देशभक्ति भर देता हैं, वात्सल्य रस को लिखकर, प्रेम में मगन कर देता हैं, सूरज की किरणों से आगे, कवि निकल जाता हैं, कविताओं में कवि, बनकर बर्फ पिघल जाता हैं, यहां सबका हैं वो उसकी अपनी कोई एक जात नहीं, दुनिया में एक कवि होना भी, कोई आम बात नहीं, ©पवन आर्य

#कविता  मेरी पहचान  अंदर से बहुत गहरा, और यह बाहर सरल दिखता है,
पढ़कर भावनाओं को, कवि शब्दों में लिख देता हैं,

कवि शब्दों का सागर, समाज का  दर्पण होता  हैं,
जिसमें  देशधर्म का, अर्पण और समर्पण होता  हैं,

कि मौसम या रूत बदले, यह  सबको लिख देता हैं,
मार्गदर्शन करके कवि, सबको अच्छी सीख देता हैं,

वीर रस सुना कर, यह  सबमे  देशभक्ति भर देता हैं,
वात्सल्य रस को लिखकर, प्रेम में मगन कर देता हैं,

सूरज  की  किरणों से आगे, कवि  निकल  जाता हैं,
कविताओं  में  कवि, बनकर  बर्फ  पिघल  जाता हैं,

यहां सबका हैं वो उसकी अपनी कोई एक जात नहीं,
दुनिया में  एक कवि होना भी, कोई  आम बात नहीं,

©पवन आर्य

कवि

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मेरी पहचान जो आदमी अपनी जज्बातो को भी बेच दे, उसकी गरीबी का अंदाज आप ना लगाओ #writers ©Rajan Lalit yadav

#PoetInYou #writers #writer  मेरी पहचान  जो आदमी अपनी जज्बातो को भी बेच दे, 
उसकी गरीबी का अंदाज आप ना लगाओ
#writers

©Rajan Lalit yadav

#Nojoto #poem #me #writer #Pain

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