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रंग सफ़ेद जैसा तुझ में घुलने को आदि हूं, मैं लड़का वही सीधा-साधा इलाहाबादी हूं। ©ajaynswami

 रंग सफ़ेद जैसा तुझ में घुलने को आदि हूं, 
मैं लड़का वही सीधा-साधा इलाहाबादी हूं।

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रंग सफ़ेद जैसा तुझ में घुलने को आदि हूं, मैं लड़का वही सीधा-साधा इलाहाबादी हूं। ©ajaynswami

11 Love

तुझ से हर बात कहने की आदत सी है, तू ख़ुदा नहीं पर ख़ुदा की इबादत सी है। ©ajaynswami

 तुझ से हर बात कहने की आदत सी है,
तू ख़ुदा नहीं पर ख़ुदा की इबादत सी है।

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तुझ से हर बात कहने की आदत सी है, तू ख़ुदा नहीं पर ख़ुदा की इबादत सी है। ©ajaynswami

16 Love

मैं कभी इतना भी नहीं ना- समझ रहा था, सब समझकर भी कुछ नहीं समझ रहा था। बदला था मौसम बदली सी थी वो हवाएं, मैं धागे सा बार-बार उसी में उलझ रहा था। ©ajaynswami

 मैं कभी इतना भी नहीं ना- समझ रहा था,
सब समझकर भी कुछ नहीं समझ रहा था।

बदला था मौसम बदली सी थी वो हवाएं,
मैं धागे सा बार-बार उसी में उलझ रहा था।

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मैं कभी इतना भी नहीं ना- समझ रहा था, सब समझकर भी कुछ नहीं समझ रहा था। बदला था मौसम बदली सी थी वो हवाएं, मैं धागे सा बार-बार उसी में उलझ रहा था। ©ajaynswami

17 Love

White तू ये समझती है तेरे अलावा और किसी की सोहबत करता हूं। तू बस याद रख मैं सिर्फ़ तुझ से ही बेइंतहा मोहब्बत करता हूं। ©ajaynswami

#good_night  White तू ये समझती है तेरे अलावा और किसी की सोहबत करता हूं।
तू बस याद रख मैं सिर्फ़ तुझ से ही बेइंतहा मोहब्बत करता हूं।

©ajaynswami

#good_night

10 Love

White मेरे मन में बैठी एक छोटी सी अभिलाषा है, तेरा एक साथ हो यही जीवन की आशा है। तुम गंगा यमुना सी पवित्र और चंचल हो तुम, मेरे पवित्र प्रेम की यही छोटी सी परिभाषा है। कागज़ पर उतारे हैं अपने सपने चटक स्याही से, तुझे पढ़े सब मेरे छंदों में मेरे छंदों की यही भाषा है। ©ajaynswami

#hindi_diwas  White मेरे मन में बैठी एक छोटी सी अभिलाषा है,
तेरा एक साथ हो यही जीवन की आशा है।

तुम गंगा यमुना सी पवित्र और चंचल हो तुम,
मेरे पवित्र प्रेम की यही छोटी सी परिभाषा है।

कागज़ पर उतारे हैं अपने सपने चटक स्याही से,
तुझे पढ़े सब मेरे छंदों में मेरे छंदों की यही भाषा है।

©ajaynswami

#hindi_diwas

12 Love

 चाँदनी के ख़ातिर ये चांद आज कुछ बड़ा है,
तारों के बीच अकेला वो मंद हांस से खड़ा है।

पूर्णिमा का साथ भी चंद्रमा को पूर्ण मिला था,
उसे पाने के लिए वो गर्दिशों से बहुत लड़ा है।

बूँदों की भी ख्वाहिश नियाज़ बारिश बनने थी,
दहलीज पर कदम रख तुमने खुशियो से जोड़ा है।

वापस लौट पक्षियों का शजर पर ही होता बसेरा है,
जैसे चाँदनी ने इस रात छेड़ा हो मधुर राग सुहाना है।

©ajaynswami

चाँदनी के ख़ातिर ये चांद आज कुछ बड़ा है, तारों के बीच अकेला वो मंद हांस से खड़ा है। पूर्णिमा का साथ भी चंद्रमा को पूर्ण मिला था, उसे पाने के लिए वो गर्दिशों से बहुत लड़ा है। बूँदों की भी ख्वाहिश नियाज़ बारिश बनने थी, दहलीज पर कदम रख तुमने खुशियो से जोड़ा है। वापस लौट पक्षियों का शजर पर ही होता बसेरा है, जैसे चाँदनी ने इस रात छेड़ा हो मधुर राग सुहाना है। ©ajaynswami

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