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ajaynswami
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लोग मुझे भटका हुआ बंजारा एक कहते हैं, मंज़िल तुम हो ये देख लोग तुम्हारा कहते हैं। बड़ी ही शिद्दत से चाह था कभी तुमने भी मुझे। भरी मफ़िल में ये बात लोगों से दोबारा कहते हैं, ©ajaynswami
8 Love
रंग सफ़ेद जैसा तुझ में घुलने को आदि हूं, मैं लड़का वही सीधा-साधा इलाहाबादी हूं। ©ajaynswami
11 Love
तू सुखी हुई दरिया है और मैं पानी, तेरे पास लौटकर आना ही बाज़िब है, ©ajaynswami
10 Love
तुझ से हर बात कहने की आदत सी है, तू ख़ुदा नहीं पर ख़ुदा की इबादत सी है। ©ajaynswami
16 Love
मैं कभी इतना भी नहीं ना- समझ रहा था, सब समझकर भी कुछ नहीं समझ रहा था। बदला था मौसम बदली सी थी वो हवाएं, मैं धागे सा बार-बार उसी में उलझ रहा था। ©ajaynswami
17 Love
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