लोग मुझे भटका हुआ बंजारा एक कहते हैं, मंज़िल तुम ह | हिंदी Poetry

"लोग मुझे भटका हुआ बंजारा एक कहते हैं, मंज़िल तुम हो ये देख लोग तुम्हारा कहते हैं। बड़ी ही शिद्दत से चाह था कभी तुमने भी मुझे। भरी मफ़िल में ये बात लोगों से दोबारा कहते हैं, ©ajaynswami"

 लोग मुझे भटका हुआ बंजारा एक कहते हैं,
मंज़िल तुम हो ये देख लोग तुम्हारा कहते हैं।

बड़ी ही शिद्दत से चाह था कभी तुमने भी मुझे।
भरी मफ़िल में ये बात लोगों से दोबारा कहते हैं,

©ajaynswami

लोग मुझे भटका हुआ बंजारा एक कहते हैं, मंज़िल तुम हो ये देख लोग तुम्हारा कहते हैं। बड़ी ही शिद्दत से चाह था कभी तुमने भी मुझे। भरी मफ़िल में ये बात लोगों से दोबारा कहते हैं, ©ajaynswami

#lonely

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