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New क़ैद ए तन्हाई Status, Photo, Video

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White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

20 Love

#तन्हाई #शायरी #महफिल #हम  White सच्चाइयों से मुंह मोड़ना गवारा नहीं है हमें
जीने के लिए फिर भी बहाना सीखा है
जिस महफ़िल में मिलती हैं सदा तन्हाईयां 
उस महफ़िल से भी दिल को लगाना सीखा है

©Rudradeep
 White तू साथ है, पर तुझे पा भी न सका,
तेरे पास होते हुए भी, मैं खुद से दूर हूँ।

"वो बोली, "कभी मुझसे नफ़रत की?"
मैंने कहा, "नफ़रत? नहीं, वो भी कहाँ होती है,
तू मेरी नफरत में भी मोहब्बत है,
तेरे बिना ये जख़्म बेमानी है,
और तेरे साथ ये ज़िन्दगी अधूरी है।

"वो चुप हुई, आँखों में एक खामोश सवाल,
मैंने कहा, "तू मदीरा है, पर मैं भी एक शायर हूँ,
हम दोनों अधूरे हैं, पर एक-दूसरे से पूरे,
तू मेरे अशआर की खुशबू है,
और मैं तेरे नशे की तन्हाई।"

©बदनाम

मैं तेरे नशे की तन्हाई

171 View

White महफ़िल में भी मिली अकेली तन्हाई, गम के पन्ने पलट रही थी रुस्वाई, गिरा ताड़ से अटका किसी खजूरे पर, बेचारे ने कैसी है किस्मत पाई, बैठ गया खालीपन उसके जाने से, कभी नहीं हो सकती जिसकी भरपाई, बिन बरसे ही सावन घर को लौट गया, मन के अंदर ख़्वाहिश लेती अंगड़ाई, दिन ढ़लने को आतुर मेरे आंगन का, लगी छुड़ाने पीछा अपनी परछाई, आम आदमी की थाली से गायब है, कोर-कसर पूरा कर देती महंगाई, पैसों से तक़दीर की टोपी मिल जाती, दूर सिसकती बैठी मिलती तरुणाई, दिल की बात सुनाऊँ मैं किससे गुंजन, आहत करती मन को यादें दुखदाई, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #मिली  White महफ़िल में भी मिली अकेली तन्हाई, 
गम  के  पन्ने  पलट  रही थी  रुस्वाई, 

गिरा ताड़ से अटका किसी खजूरे पर, 
बेचारे   ने   कैसी  है   किस्मत   पाई, 

बैठ  गया  खालीपन  उसके  जाने से, 
कभी नहीं हो सकती जिसकी भरपाई, 

बिन बरसे ही सावन घर को लौट गया, 
मन के अंदर  ख़्वाहिश लेती  अंगड़ाई, 

दिन ढ़लने को आतुर  मेरे आंगन का, 
लगी   छुड़ाने  पीछा  अपनी  परछाई,

आम  आदमी की  थाली से  गायब है, 
कोर-कसर  पूरा   कर   देती  महंगाई,

पैसों से तक़दीर की टोपी मिल जाती,
दूर  सिसकती  बैठी  मिलती तरुणाई,

दिल की बात सुनाऊँ मैं किससे गुंजन,
आहत करती  मन  को  यादें  दुखदाई,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
            समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#मिली अकेली तन्हाई#

14 Love

अक्सर याद आते हैं तन्हाइयों में वो पल जो कभी हँसकर गुजारे थे ©chander mukhi

#तन्हाई #शायरी  अक्सर याद आते हैं 
तन्हाइयों में वो पल 
जो कभी हँसकर गुजारे थे

©chander mukhi

White मुझको एक चादर देना अपने हल्के शब्दो की,, ठंड बहुत है दुनिया में,,, ऊपर से तन्हाई की हवा भी चलती है,,,, ©Prem Rajput (HODOPHILE)

#तन्हाई  White मुझको एक चादर देना अपने हल्के शब्दो की,,
ठंड बहुत है दुनिया में,,,
ऊपर से तन्हाई की हवा भी चलती है,,,,

©Prem Rajput (HODOPHILE)

White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

20 Love

#तन्हाई #शायरी #महफिल #हम  White सच्चाइयों से मुंह मोड़ना गवारा नहीं है हमें
जीने के लिए फिर भी बहाना सीखा है
जिस महफ़िल में मिलती हैं सदा तन्हाईयां 
उस महफ़िल से भी दिल को लगाना सीखा है

©Rudradeep
 White तू साथ है, पर तुझे पा भी न सका,
तेरे पास होते हुए भी, मैं खुद से दूर हूँ।

"वो बोली, "कभी मुझसे नफ़रत की?"
मैंने कहा, "नफ़रत? नहीं, वो भी कहाँ होती है,
तू मेरी नफरत में भी मोहब्बत है,
तेरे बिना ये जख़्म बेमानी है,
और तेरे साथ ये ज़िन्दगी अधूरी है।

"वो चुप हुई, आँखों में एक खामोश सवाल,
मैंने कहा, "तू मदीरा है, पर मैं भी एक शायर हूँ,
हम दोनों अधूरे हैं, पर एक-दूसरे से पूरे,
तू मेरे अशआर की खुशबू है,
और मैं तेरे नशे की तन्हाई।"

©बदनाम

मैं तेरे नशे की तन्हाई

171 View

White महफ़िल में भी मिली अकेली तन्हाई, गम के पन्ने पलट रही थी रुस्वाई, गिरा ताड़ से अटका किसी खजूरे पर, बेचारे ने कैसी है किस्मत पाई, बैठ गया खालीपन उसके जाने से, कभी नहीं हो सकती जिसकी भरपाई, बिन बरसे ही सावन घर को लौट गया, मन के अंदर ख़्वाहिश लेती अंगड़ाई, दिन ढ़लने को आतुर मेरे आंगन का, लगी छुड़ाने पीछा अपनी परछाई, आम आदमी की थाली से गायब है, कोर-कसर पूरा कर देती महंगाई, पैसों से तक़दीर की टोपी मिल जाती, दूर सिसकती बैठी मिलती तरुणाई, दिल की बात सुनाऊँ मैं किससे गुंजन, आहत करती मन को यादें दुखदाई, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #मिली  White महफ़िल में भी मिली अकेली तन्हाई, 
गम  के  पन्ने  पलट  रही थी  रुस्वाई, 

गिरा ताड़ से अटका किसी खजूरे पर, 
बेचारे   ने   कैसी  है   किस्मत   पाई, 

बैठ  गया  खालीपन  उसके  जाने से, 
कभी नहीं हो सकती जिसकी भरपाई, 

बिन बरसे ही सावन घर को लौट गया, 
मन के अंदर  ख़्वाहिश लेती  अंगड़ाई, 

दिन ढ़लने को आतुर  मेरे आंगन का, 
लगी   छुड़ाने  पीछा  अपनी  परछाई,

आम  आदमी की  थाली से  गायब है, 
कोर-कसर  पूरा   कर   देती  महंगाई,

पैसों से तक़दीर की टोपी मिल जाती,
दूर  सिसकती  बैठी  मिलती तरुणाई,

दिल की बात सुनाऊँ मैं किससे गुंजन,
आहत करती  मन  को  यादें  दुखदाई,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
            समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#मिली अकेली तन्हाई#

14 Love

अक्सर याद आते हैं तन्हाइयों में वो पल जो कभी हँसकर गुजारे थे ©chander mukhi

#तन्हाई #शायरी  अक्सर याद आते हैं 
तन्हाइयों में वो पल 
जो कभी हँसकर गुजारे थे

©chander mukhi

White मुझको एक चादर देना अपने हल्के शब्दो की,, ठंड बहुत है दुनिया में,,, ऊपर से तन्हाई की हवा भी चलती है,,,, ©Prem Rajput (HODOPHILE)

#तन्हाई  White मुझको एक चादर देना अपने हल्के शब्दो की,,
ठंड बहुत है दुनिया में,,,
ऊपर से तन्हाई की हवा भी चलती है,,,,

©Prem Rajput (HODOPHILE)
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