White कोई अपना होकर भी, अपना नहीं लगता,
दर्द दिल का अब किसी से कहा नहीं जाता।
वो चेहरे की मुस्कान को पहचानते भी हैं,
पर मेरे टूटे हुए ख्वाबों का पता नहीं लगता।
आंसुओं में छुपा लिया हर गम मैंने,
कि कहीं ये दुनिया मेरा तमाशा न बना ले।
खुदा से शिकवा तो बहुत किया,
पर वो भी चुप है, शायद कोई वजह न बना ले।
जिन राहों में तुम्हारे साथ कदम रखा था,
आज उन्हीं राहों पर अकेला चल रहा हूँ।
हर शख्स कहता है, ये वक्त भी गुज़र जाएगा,
पर कौन समझे, ये दर्द कैसे सह रहा हूँ।
©Pinku Studio
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