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White बैठता हूं बेशक महफिलों में मगर मुझे महफिलें रास आती नहीं हैं मजबूरन बैठना पड़ता हैं मुझे कमबख्त तन्हाई जो तन्हा मिलती नहीं हैं ©Rahul Jatu
Rahul Jatu
9 Love
White बस यही सोच कर गुस्सा आता हैं देर से आने वाले दोस्तों पर मुझे ये कम्बक्त मेरी आख़िरी मंज़िल पर भी मुझे देर से ही पहुंचाएंगे ©Rahul Jatu
White तेरा तो सिर्फ यार गया हैं ओ उस के नाम की सिगरेट जलाने वाले 🤫 ज़रा उस का भी तो सोच जिस का वो सिंदूर था ज़रा उस मां की भी तो सोच जिसकी आंखों का वो सुकून था जरा उस टूटे बाप का सोच जिस के रगों का वो ख़ून था जरा उस भाई की भी सोच जिस का वो शख्स गुरूर था ©Rahul Jatu
5 Love
साथ पीने का वादा तोड़ गया तू बीच सफ़र मुंह अपना मोड़ गया तू चाह कर भी तुझे मैं गाली दे नहीं सकता आख़िर ये किन हालतों में छोड़ गया तू ©Rahul Jatu
13 Love
White कभी पंखा आवाज देता हैं तुझे कभी गहरा पानी इशारों से बुलाता हैं आख़िर तेरा मसला क्या हैं जाटू जो तू गाड़ी इतनी तेज चलाता हैं ©Rahul Jatu
10 Love
इतनी मशग़ूलियत के बावजूद भी,, मैं बस यही सोच कर,, हर शाम मुलाक़ात करता हूं यारो से,, ना जानें कौनसी शाम आख़िरी हो मेरी,, मेरे जिगरी यार की तरहा🥺 ©Rahul Jatu
11 Love
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