moon_day
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White All the insecure maybes made her forget she was already more than enough... ©wild flower

#insecurities #selflove #moon_day #Pain #SAD  White All the insecure maybes 
made her forget she was 
already more than enough...

©wild flower

White . #बेटियाँ बेटियाँ चावल उछाल बिना पलटे, महावर लगे कदमों से विदा हो जाती हैं । छोड़ जाती है बुक शेल्फ में, कवर पर अपना नाम लिखी किताबें । दीवार पर टंगी खूबसूरत आइल पेंटिंग के एक कोने पर लिखा अपना नाम । खामोशी से नर्म एहसासों की निशानियां, छोड़ जाती है ...... बेटियाँ विदा हो जाती हैं । रसोई में नए फैशन की क्राकरी खरीद, अपने पसंद की सलीके से बैठक सजा, अलमारियों में आउट डेटेड ड्रेस छोड़, तमाम नयी खरीदादारी सूटकेस में ले, मन आँगन की तुलसी में दबा जाती हैं ... बेटियाँ विदा हो जाती हैं। सूने सूने कमरों में उनका स्पर्श, पूजा घर की रंगोली में उंगलियों की महक, बिरहन दीवारों पर बचपन की निशानियाँ, घर आँगन पनीली आँखों में भर, महावर लगे पैरों से दहलीज़ लांघ जाती है... बेटियाँ चावल उछाल विदा हो जाती हैं । एल्बम में अपनी मुस्कुराती तस्वीरें , कुछ धूल लगे मैडल और कप , आँगन में गेंदे की क्यारियाँ उसकी निशानी, गुड़ियों को पहनाकर एक साड़ी पुरानी, उदास खिलौने आले में औंधे मुँह लुढ़के, घर भर में वीरानी घोल जाती हैं .... बेटियाँ चावल उछाल विदा हो जाती हैं। टी वी पर शादी की सी डी देखते देखते, पापा हट जाते जब जब विदाई आती है। सारा बचपन अपने तकिये के अंदर दबा, जिम्मेदारी की चुनर ओढ़ चली जाती हैं । बेटियाँ चावल उछाल बिना पलटे विदा हो जाती हैं । (#बेटियों_को_समर्पित) ©Poetrywithakanksha9

#बेटियों_को_समर्पित #बेटियाँ #moon_day  White .                      #बेटियाँ               
   

बेटियाँ चावल उछाल
बिना पलटे,
महावर लगे कदमों से विदा हो जाती हैं ।

छोड़ जाती है बुक शेल्फ में,
कवर पर अपना नाम लिखी किताबें ।
दीवार पर टंगी खूबसूरत आइल पेंटिंग के 
एक कोने पर लिखा अपना नाम ।
खामोशी से नर्म एहसासों की निशानियां,
छोड़ जाती है ......
बेटियाँ विदा हो जाती हैं ।

रसोई में नए फैशन की क्राकरी खरीद,
अपने पसंद की सलीके से बैठक सजा,
अलमारियों में आउट डेटेड ड्रेस छोड़,
तमाम नयी खरीदादारी सूटकेस में ले,
मन आँगन की तुलसी में दबा जाती हैं ...
बेटियाँ विदा हो जाती हैं।

सूने सूने कमरों में उनका स्पर्श,
पूजा घर की रंगोली में उंगलियों की महक,
बिरहन दीवारों पर बचपन की निशानियाँ,
घर आँगन पनीली आँखों में भर,
महावर लगे पैरों से दहलीज़ लांघ जाती है...

बेटियाँ चावल उछाल विदा हो जाती हैं ।

एल्बम में अपनी मुस्कुराती तस्वीरें ,
कुछ धूल लगे मैडल और कप ,
आँगन में गेंदे की क्यारियाँ उसकी निशानी,
गुड़ियों को पहनाकर एक साड़ी पुरानी,
उदास खिलौने आले में औंधे मुँह लुढ़के,
घर भर में वीरानी घोल जाती हैं ....

बेटियाँ चावल उछाल विदा हो जाती हैं।

टी वी पर शादी की सी डी देखते देखते,
पापा हट जाते जब जब विदाई आती है।
सारा बचपन अपने तकिये के अंदर दबा,
जिम्मेदारी की चुनर ओढ़ चली जाती हैं ।
बेटियाँ चावल उछाल बिना पलटे विदा हो जाती 
हैं ।

(#बेटियों_को_समर्पित)

©Poetrywithakanksha9

#moon_day poetry lovers hindi poetry on life poetry deep poetry in urdu poetry quotes

21 Love

White આકાશ ******** મારી અગાસીનું આકાશ અનંત છે, નજરની પહોંચ બહાર છે. શિયાળે શીતળતા વરસાવતું, ઉનાળે ઘણી ઉષ્ણતા.. પણ શીઘ્રસ્નાતા જેવું ચોમાસે રમણીય... લાગે પોતીકું પોતીકું.. ઋતુઓથી રિસાય તો દશે દિશાએ સાવ કોરા કાગળ જેવું ... આંખોથી પીધા કરું એની રમણીયતા મને ગમે છે નિત્ય નૂતન અગાસીનું આકાશ... -દિનેશ નાયક "અક્ષર" ©Nayak Dinesh

#કવિતા #moon_day  White આકાશ
********
મારી અગાસીનું આકાશ
અનંત છે,
નજરની પહોંચ બહાર છે.
શિયાળે શીતળતા વરસાવતું,
ઉનાળે ઘણી ઉષ્ણતા..
પણ
શીઘ્રસ્નાતા જેવું
ચોમાસે રમણીય...
લાગે પોતીકું પોતીકું..
ઋતુઓથી રિસાય 
તો
દશે દિશાએ
સાવ કોરા કાગળ જેવું ...
આંખોથી પીધા કરું એની રમણીયતા
મને ગમે છે
નિત્ય નૂતન
અગાસીનું
આકાશ...
        
    -દિનેશ નાયક "અક્ષર"

©Nayak Dinesh

#moon_day

11 Love

White जिस दिन तुम्हरा परम मित्र तुमसे अलविदा कहकर जाएगा उस दिन तुम अंदर से पूरी तरह टूट जाओगे और किसी से कुछ कह भी नहीं पाओगे.....!! ©HUMANITY INSIDE

#moon_day  White जिस दिन तुम्हरा परम मित्र 
तुमसे अलविदा कहकर जाएगा
उस दिन तुम अंदर से पूरी तरह टूट जाओगे
और किसी से कुछ कह भी नहीं पाओगे.....!!

©HUMANITY INSIDE

#moon_day

12 Love

White इसे देखकर मैं हमेशा.. असर में रहता था, एक पपीहा का बच्चा.. खोंफर में रहता था। गलीचे खिलते थे जब मदमस्त हवाओं में.. मानों शंख-सा हिलता सरोवर में रहता था। चिड़िया आती थी उतरकर.. नील गगन से उससे मिलने, किसी शौहर-सा, सालियों के बीच, कोहवर में रहता था। बेटियों की आती थी खत, उस कंगाल बाप को। पढ़ता..टूटता-सा वो, झोपड़ में रहता था। मानो सावन की पहली बूंद पड़ने के बाद...! अपने प्रीत के इंतजार में फूहड़ में रहता था। ___ Adv. Abhinav Anand Biharibabu ©Biharibabu Abhinav*

#moon_day #Quotes  White   इसे देखकर मैं हमेशा..
असर में रहता था,
एक पपीहा का बच्चा..
खोंफर में रहता था।


गलीचे खिलते थे जब 
मदमस्त हवाओं में..
मानों शंख-सा हिलता 
सरोवर में रहता था।


चिड़िया आती थी  उतरकर..
नील गगन से उससे मिलने,
किसी शौहर-सा, सालियों के बीच,
कोहवर में रहता था।


बेटियों की आती थी खत,
उस कंगाल बाप को।
पढ़ता..टूटता-सा वो,
झोपड़ में रहता था।


मानो सावन की पहली बूंद 
पड़ने के बाद...!
अपने प्रीत के इंतजार में 
फूहड़ में रहता था।

___ Adv. Abhinav Anand Biharibabu

©Biharibabu Abhinav*

#moon_day

17 Love

White लोगों की बेतुकी बातों को क्यों दिल से लगाना जिनका तो काम ही होता है कुछ का कुछ कहना ज़िंदगी ये तुम्हारी है ,इसे तुम्हे ही है संवारना जो टूटे घर की ईंट को चुराएं उनसे क्या डरना ©Sadhna Sarkar

#विचार #ankahe_jazbat  White लोगों की  बेतुकी बातों को क्यों दिल से लगाना 

जिनका तो काम ही होता है कुछ का कुछ कहना

ज़िंदगी  ये  तुम्हारी है  ,इसे तुम्हे ही है संवारना

जो टूटे घर की ईंट को चुराएं उनसे क्या डरना

©Sadhna Sarkar
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