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New बिखेरे बैठा हूँ Status, Photo, Video

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न रोको मुझे रिश्तों की जंजीरो से सब कुछ तो संभाले हुऐ हूँ फिर और कित नि नई खता जाहिर कटना बाकि हें मेरे अरमानो की राख उड़ाना बाकि हें अपनों के सामने मेरे किरदार को बताना बाकि हैं जहाँ आप की इतनी इनायत हैं वहा और सुर्खियों बटोरना बाकि हैं बस में एक नारी ही तो हूँ अभि तो मेरा टूट ना और आप का पल पल तोड़ ना बाकि हैंकब हlरी में तुम से क्यूँ की नारी ही नारी से उलझ रही हैं न तुम कम हों न में कम हूँ बता ओ नारी कब हारी हैं tamnna❤️की ©yogitaupadhyay45gmailcom

#कविता  न रोको मुझे रिश्तों की जंजीरो से 
सब कुछ तो संभाले हुऐ हूँ 
फिर और कित नि नई खता जाहिर कटना बाकि हें 
मेरे अरमानो की राख उड़ाना बाकि हें 
अपनों के सामने मेरे किरदार को बताना बाकि हैं 
जहाँ आप की इतनी इनायत हैं 
वहा और सुर्खियों बटोरना बाकि हैं 
बस में एक नारी ही तो हूँ 
अभि तो मेरा टूट ना और आप का पल पल तोड़ ना बाकि हैंकब हlरी में तुम से 
क्यूँ  की नारी ही नारी से उलझ रही हैं 
न तुम कम हों न में कम हूँ बता ओ नारी कब हारी हैं
tamnna❤️की

©yogitaupadhyay45gmailcom

नारी ही तो हूँ

17 Love

White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha

 White सोचता हूँ कभी कभी
क्या तुम मेरा इश्क़ थीं
या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत
पसन्द करना किसी को
मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना
ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था
तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है
तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में
एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा
क्यों होता है ऐसा…
हर बार बेवफ़ा समझ कर
सोचता हूँ तुम से दूर जाने को
तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है
मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो
कैसे हो तुम, जो कहा करते थे
आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे
तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम
मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर
गूंजने लगती है मेरे भीतर
धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है
मानो दिल फटने को हो
हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में
एक शोर, जो डराने लगता है मुझे
हर बार, हर रात मुझे
जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे
एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को
इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक
इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म

©हिमांशु Kulshreshtha

सोचता हूँ कभी कभी....

18 Love

सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ,
पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ।

जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ,
हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ।

राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ,
तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ।

दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे,
वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ।

लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता,
 तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश

15 Love

White बहुत नजदीक से देखा है, दुनिया को.. तब ही तो दूर बैठा हूँ मैं सबसे.. ©Raju Saini

#दुनिया #नजदीक #love_shayari #दूर  White बहुत नजदीक से देखा है, दुनिया को.. 
तब ही तो दूर बैठा हूँ मैं सबसे..

©Raju Saini

#love_shayari बहुत #नजदीक से देखा है, #दुनिया को.. तब ही तो #दूर बैठा हूँ मैं सबसे..

15 Love

#विचार #जैसी #वैसी #motivatation #मैं

#मैं #जैसी #हूँ #वैसी #हीं बेमिसाल हूँ #motivatation Extraterrestrial life

162 View

White तनहा हूँ अकेला हूँ, अपने मौज मे हूँ, अलबेला हूँ, समझो तो काम का, वरना पत्थर का ढेला हूँ। #कलमसत्यकी ✍️©️ ©Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी

#कलमसत्यकी #शायरी #love_shayari  White तनहा हूँ अकेला हूँ, 
अपने मौज मे हूँ, 
अलबेला हूँ, 
समझो तो काम का, 
वरना पत्थर का ढेला हूँ। 
#कलमसत्यकी ✍️©️

©Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी

#love_shayari तनहा हूँ अकेला हूँ, अपने मौज मे हूँ, अलबेला हूँ, समझो तो काम का, वरना पत्थर का ढेला हूँ। #कलमसत्यकी ✍️©️ #कलमसत्यकी

19 Love

न रोको मुझे रिश्तों की जंजीरो से सब कुछ तो संभाले हुऐ हूँ फिर और कित नि नई खता जाहिर कटना बाकि हें मेरे अरमानो की राख उड़ाना बाकि हें अपनों के सामने मेरे किरदार को बताना बाकि हैं जहाँ आप की इतनी इनायत हैं वहा और सुर्खियों बटोरना बाकि हैं बस में एक नारी ही तो हूँ अभि तो मेरा टूट ना और आप का पल पल तोड़ ना बाकि हैंकब हlरी में तुम से क्यूँ की नारी ही नारी से उलझ रही हैं न तुम कम हों न में कम हूँ बता ओ नारी कब हारी हैं tamnna❤️की ©yogitaupadhyay45gmailcom

#कविता  न रोको मुझे रिश्तों की जंजीरो से 
सब कुछ तो संभाले हुऐ हूँ 
फिर और कित नि नई खता जाहिर कटना बाकि हें 
मेरे अरमानो की राख उड़ाना बाकि हें 
अपनों के सामने मेरे किरदार को बताना बाकि हैं 
जहाँ आप की इतनी इनायत हैं 
वहा और सुर्खियों बटोरना बाकि हैं 
बस में एक नारी ही तो हूँ 
अभि तो मेरा टूट ना और आप का पल पल तोड़ ना बाकि हैंकब हlरी में तुम से 
क्यूँ  की नारी ही नारी से उलझ रही हैं 
न तुम कम हों न में कम हूँ बता ओ नारी कब हारी हैं
tamnna❤️की

©yogitaupadhyay45gmailcom

नारी ही तो हूँ

17 Love

White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha

 White सोचता हूँ कभी कभी
क्या तुम मेरा इश्क़ थीं
या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत
पसन्द करना किसी को
मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना
ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था
तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है
तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में
एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा
क्यों होता है ऐसा…
हर बार बेवफ़ा समझ कर
सोचता हूँ तुम से दूर जाने को
तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है
मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो
कैसे हो तुम, जो कहा करते थे
आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे
तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम
मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर
गूंजने लगती है मेरे भीतर
धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है
मानो दिल फटने को हो
हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में
एक शोर, जो डराने लगता है मुझे
हर बार, हर रात मुझे
जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे
एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को
इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक
इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म

©हिमांशु Kulshreshtha

सोचता हूँ कभी कभी....

18 Love

सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ,
पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ।

जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ,
हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ।

राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ,
तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ।

दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे,
वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ।

लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता,
 तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश

15 Love

White बहुत नजदीक से देखा है, दुनिया को.. तब ही तो दूर बैठा हूँ मैं सबसे.. ©Raju Saini

#दुनिया #नजदीक #love_shayari #दूर  White बहुत नजदीक से देखा है, दुनिया को.. 
तब ही तो दूर बैठा हूँ मैं सबसे..

©Raju Saini

#love_shayari बहुत #नजदीक से देखा है, #दुनिया को.. तब ही तो #दूर बैठा हूँ मैं सबसे..

15 Love

#विचार #जैसी #वैसी #motivatation #मैं

#मैं #जैसी #हूँ #वैसी #हीं बेमिसाल हूँ #motivatation Extraterrestrial life

162 View

White तनहा हूँ अकेला हूँ, अपने मौज मे हूँ, अलबेला हूँ, समझो तो काम का, वरना पत्थर का ढेला हूँ। #कलमसत्यकी ✍️©️ ©Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी

#कलमसत्यकी #शायरी #love_shayari  White तनहा हूँ अकेला हूँ, 
अपने मौज मे हूँ, 
अलबेला हूँ, 
समझो तो काम का, 
वरना पत्थर का ढेला हूँ। 
#कलमसत्यकी ✍️©️

©Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी

#love_shayari तनहा हूँ अकेला हूँ, अपने मौज मे हूँ, अलबेला हूँ, समझो तो काम का, वरना पत्थर का ढेला हूँ। #कलमसत्यकी ✍️©️ #कलमसत्यकी

19 Love

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