White तनहा हूँ अकेला हूँ, अपने मौज मे हूँ, अलबेल | हिंदी शायरी

"White तनहा हूँ अकेला हूँ, अपने मौज मे हूँ, अलबेला हूँ, समझो तो काम का, वरना पत्थर का ढेला हूँ। #कलमसत्यकी ✍️©️ ©Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी"

 White तनहा हूँ अकेला हूँ, 
अपने मौज मे हूँ, 
अलबेला हूँ, 
समझो तो काम का, 
वरना पत्थर का ढेला हूँ। 
#कलमसत्यकी ✍️©️

©Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी

White तनहा हूँ अकेला हूँ, अपने मौज मे हूँ, अलबेला हूँ, समझो तो काम का, वरना पत्थर का ढेला हूँ। #कलमसत्यकी ✍️©️ ©Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी

#love_shayari तनहा हूँ अकेला हूँ,
अपने मौज मे हूँ,
अलबेला हूँ,
समझो तो काम का,
वरना पत्थर का ढेला हूँ।
#कलमसत्यकी ✍️©️ #कलमसत्यकी

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