न रोको मुझे रिश्तों की जंजीरो से
सब कुछ तो संभाले हुऐ हूँ
फिर और कित नि नई खता जाहिर कटना बाकि हें
मेरे अरमानो की राख उड़ाना बाकि हें
अपनों के सामने मेरे किरदार को बताना बाकि हैं
जहाँ आप की इतनी इनायत हैं
वहा और सुर्खियों बटोरना बाकि हैं
बस में एक नारी ही तो हूँ
अभि तो मेरा टूट ना और आप का पल पल तोड़ ना बाकि हैंकब हlरी में तुम से
क्यूँ की नारी ही नारी से उलझ रही हैं
न तुम कम हों न में कम हूँ बता ओ नारी कब हारी हैं
tamnna❤️की
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नारी ही तो हूँ