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New पत्थलगांव बस स्टैंड Status, Photo, Video

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जॉन साब को पढ़ते-पढ़ते हुए कब रात हो गई पता नहीं चला। एक शायर ज्यादा से ज्यादा क्या लिख सकता है ? जॉन साब की शायरी में आपको सब कुछ मिलेगा जिसकी आपको तमन्ना है। कुछ एक शेर इतने गहरे कि ज़िंदगी का फ़लसफ़ा समझ में आ जाए। उन्हीं में से एक शेर:- मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं... म ©YASHVARDHAN

#SAD  जॉन साब को पढ़ते-पढ़ते हुए कब रात हो गई पता नहीं चला। एक शायर ज्यादा से ज्यादा क्या लिख सकता है ? जॉन साब की शायरी में आपको सब कुछ मिलेगा जिसकी आपको तमन्ना है। कुछ एक शेर इतने गहरे कि ज़िंदगी का फ़लसफ़ा समझ में आ जाए। उन्हीं में से एक शेर:- 

मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं
मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं...












म

©YASHVARDHAN

बस

13 Love

White हमने ख्वाबों और ख्वाहिशों को टूटते देखा है, दिल के मचलते अरमानों को बिखरते देखा है, मोहब्बत कभी रोशन किया करती थी जिन्दगी, हमने तो अब चिराग़ को बेसबब बुझते देखा है. ©हिमांशु Kulshreshtha

 White हमने ख्वाबों
और ख्वाहिशों को
टूटते देखा है,
दिल के मचलते अरमानों को
बिखरते देखा है,
मोहब्बत कभी
रोशन किया करती थी जिन्दगी,
हमने तो
अब चिराग़ को
बेसबब बुझते देखा है.

©हिमांशु Kulshreshtha

बस यूँ ही...

18 Love

फर्श पे गिर के बिखर पड़े हैं, फिर भी, मैं मायूस नहीं छोड़ो, उनको टूटना ही था, आखिर वो सपने ही तो थे तुमने ही जब गलत समझा, तो दिल टूटना ही था कोई होता गैर, दिल पे न लेता मैं अफ़सोस, तुम तो मेरे अपने थें ©हिमांशु Kulshreshtha

 फर्श पे गिर के बिखर पड़े हैं,
फिर भी, मैं मायूस नहीं
छोड़ो, उनको टूटना ही था,
आखिर वो सपने ही तो थे
तुमने ही जब गलत समझा,
तो दिल टूटना ही था
कोई होता गैर, दिल पे न लेता मैं
अफ़सोस, तुम तो मेरे अपने थें

©हिमांशु Kulshreshtha

बस यूँ ही..

15 Love

खुश रहा करो ,कोई दुवा करता है तुम्हारे लिए जब लगे कि कोई नहीं मेरा, तो ख्याल रखो कि कोई जीता है तुम्हारे लिए। ©mehar

#Quotes  खुश रहा करो ,कोई दुवा करता है तुम्हारे लिए
जब लगे कि कोई नहीं मेरा, तो ख्याल रखो कि कोई जीता है तुम्हारे लिए।

©mehar

बस तुम

11 Love

अफ़सोस इतना गहरा नहीं कि सब कुछ मिटा देने को मन करे ना ही दुख इतना गहरा कि ख़ुद को पीड़ा पहुचा लूँ बस निष्प्रभ हूँ, डगमगाता , लड़खड़ाता सा कितने फ़ैसले जो मैंने लेना चाहे उन्हें लेने और ना लेने का खामियाजा भुगतता हुआ कभी सोचता हूँ अपने अकेलेपन में अगर ऐसा होता तो क्या होता अगर ये कर लिया होता तो क्या होता क्या ये होता.. या फिर..... इन्हीं सवालों में अक्सर उलझ जाता हूँ ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  अफ़सोस इतना गहरा नहीं 
कि सब कुछ मिटा देने को मन करे 
ना ही दुख इतना गहरा 
कि ख़ुद को पीड़ा पहुचा लूँ 
बस निष्प्रभ हूँ, 
डगमगाता , लड़खड़ाता सा 
कितने फ़ैसले जो मैंने लेना चाहे 
उन्हें लेने और ना लेने का 
खामियाजा भुगतता हुआ 
कभी सोचता हूँ अपने अकेलेपन में 
अगर ऐसा होता तो क्या होता 
अगर ये कर लिया होता तो क्या होता
क्या ये होता.. या फिर..... 
इन्हीं सवालों में अक्सर उलझ जाता हूँ

©हिमांशु Kulshreshtha

बस यूँ ही...

16 Love

White कहते हैं मरने के बाद सब खत्म पर…. सब खत्म नही होता यादें शेष रह जाती हैं रहेंगी मेरी यादें भी तुम भी महसूस करोगी मुझे मेरी कविताओं में तैरता रहूँगा तुम्हारी आँखों में सपना बन कर ©हिमांशु Kulshreshtha

 White कहते हैं
मरने के बाद सब खत्म
पर….
सब खत्म नही होता
यादें शेष रह जाती हैं
रहेंगी मेरी यादें भी
तुम भी महसूस करोगी
मुझे मेरी कविताओं में
तैरता रहूँगा
तुम्हारी आँखों में सपना बन कर

©हिमांशु Kulshreshtha

बस यूँ ही..

19 Love

जॉन साब को पढ़ते-पढ़ते हुए कब रात हो गई पता नहीं चला। एक शायर ज्यादा से ज्यादा क्या लिख सकता है ? जॉन साब की शायरी में आपको सब कुछ मिलेगा जिसकी आपको तमन्ना है। कुछ एक शेर इतने गहरे कि ज़िंदगी का फ़लसफ़ा समझ में आ जाए। उन्हीं में से एक शेर:- मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं... म ©YASHVARDHAN

#SAD  जॉन साब को पढ़ते-पढ़ते हुए कब रात हो गई पता नहीं चला। एक शायर ज्यादा से ज्यादा क्या लिख सकता है ? जॉन साब की शायरी में आपको सब कुछ मिलेगा जिसकी आपको तमन्ना है। कुछ एक शेर इतने गहरे कि ज़िंदगी का फ़लसफ़ा समझ में आ जाए। उन्हीं में से एक शेर:- 

मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं
मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं...












म

©YASHVARDHAN

बस

13 Love

White हमने ख्वाबों और ख्वाहिशों को टूटते देखा है, दिल के मचलते अरमानों को बिखरते देखा है, मोहब्बत कभी रोशन किया करती थी जिन्दगी, हमने तो अब चिराग़ को बेसबब बुझते देखा है. ©हिमांशु Kulshreshtha

 White हमने ख्वाबों
और ख्वाहिशों को
टूटते देखा है,
दिल के मचलते अरमानों को
बिखरते देखा है,
मोहब्बत कभी
रोशन किया करती थी जिन्दगी,
हमने तो
अब चिराग़ को
बेसबब बुझते देखा है.

©हिमांशु Kulshreshtha

बस यूँ ही...

18 Love

फर्श पे गिर के बिखर पड़े हैं, फिर भी, मैं मायूस नहीं छोड़ो, उनको टूटना ही था, आखिर वो सपने ही तो थे तुमने ही जब गलत समझा, तो दिल टूटना ही था कोई होता गैर, दिल पे न लेता मैं अफ़सोस, तुम तो मेरे अपने थें ©हिमांशु Kulshreshtha

 फर्श पे गिर के बिखर पड़े हैं,
फिर भी, मैं मायूस नहीं
छोड़ो, उनको टूटना ही था,
आखिर वो सपने ही तो थे
तुमने ही जब गलत समझा,
तो दिल टूटना ही था
कोई होता गैर, दिल पे न लेता मैं
अफ़सोस, तुम तो मेरे अपने थें

©हिमांशु Kulshreshtha

बस यूँ ही..

15 Love

खुश रहा करो ,कोई दुवा करता है तुम्हारे लिए जब लगे कि कोई नहीं मेरा, तो ख्याल रखो कि कोई जीता है तुम्हारे लिए। ©mehar

#Quotes  खुश रहा करो ,कोई दुवा करता है तुम्हारे लिए
जब लगे कि कोई नहीं मेरा, तो ख्याल रखो कि कोई जीता है तुम्हारे लिए।

©mehar

बस तुम

11 Love

अफ़सोस इतना गहरा नहीं कि सब कुछ मिटा देने को मन करे ना ही दुख इतना गहरा कि ख़ुद को पीड़ा पहुचा लूँ बस निष्प्रभ हूँ, डगमगाता , लड़खड़ाता सा कितने फ़ैसले जो मैंने लेना चाहे उन्हें लेने और ना लेने का खामियाजा भुगतता हुआ कभी सोचता हूँ अपने अकेलेपन में अगर ऐसा होता तो क्या होता अगर ये कर लिया होता तो क्या होता क्या ये होता.. या फिर..... इन्हीं सवालों में अक्सर उलझ जाता हूँ ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  अफ़सोस इतना गहरा नहीं 
कि सब कुछ मिटा देने को मन करे 
ना ही दुख इतना गहरा 
कि ख़ुद को पीड़ा पहुचा लूँ 
बस निष्प्रभ हूँ, 
डगमगाता , लड़खड़ाता सा 
कितने फ़ैसले जो मैंने लेना चाहे 
उन्हें लेने और ना लेने का 
खामियाजा भुगतता हुआ 
कभी सोचता हूँ अपने अकेलेपन में 
अगर ऐसा होता तो क्या होता 
अगर ये कर लिया होता तो क्या होता
क्या ये होता.. या फिर..... 
इन्हीं सवालों में अक्सर उलझ जाता हूँ

©हिमांशु Kulshreshtha

बस यूँ ही...

16 Love

White कहते हैं मरने के बाद सब खत्म पर…. सब खत्म नही होता यादें शेष रह जाती हैं रहेंगी मेरी यादें भी तुम भी महसूस करोगी मुझे मेरी कविताओं में तैरता रहूँगा तुम्हारी आँखों में सपना बन कर ©हिमांशु Kulshreshtha

 White कहते हैं
मरने के बाद सब खत्म
पर….
सब खत्म नही होता
यादें शेष रह जाती हैं
रहेंगी मेरी यादें भी
तुम भी महसूस करोगी
मुझे मेरी कविताओं में
तैरता रहूँगा
तुम्हारी आँखों में सपना बन कर

©हिमांशु Kulshreshtha

बस यूँ ही..

19 Love

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